भारत रत्न क्या है II What is Bharat Ratn
Bharat Ratn भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है| यह सम्मान हर वर्ष राष्ट्रिय सेवा के लिए दिया जाता है| इन सेवाओ में कला,साहित्य,विज्ञान,सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है| इसकी स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के उस समय के राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया था| इस सम्मान के साथ किसी के भी नाम में इसे पद के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता|
सुरुआत में इसे मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, इस प्रावधान को 1955 में जोड़ा गया था| उसके बाद 14 व्यक्तियों को ये सम्मान उनकी मृत्यु के पश्चात् दिया गया| एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ये सम्मान दिया जाता है| देश के लिए महत्वपूर्ण योगदानो के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में इसके बाद पद्म विभूषण,पद्म भूषण,और पद्मश्री दिया जाता है|
2024 में भारत रत्न पाने वाले II Bharat Ratn recipient in 2024
2024 में 5 व्यक्तियों को यह सम्मान दिया जायेगा| जिन्होंने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिए है| कोई नेता बनकर देश को सही दिशा देने का कार्य किये कोई वैगानिक बनकर देश के विज्ञानं में महत्वपूर्ण योगदान दिए, किसी ने किसान भाइयो और कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिए| आइये एक-एक करके जानते है उनके बारे में :-
1.कर्पूरी ठाकुर :- कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश काल में समस्तीपुर जिले के पितौन्झिया गाँव जिसे अब कर्पुरिग्राम कहा जाता है में नाइ जातिमें हुआ था| भारत के स्वतंत्रता सेनानी,शिक्षक,राजनीतिज्ञ और बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे| इन्होने आजादी के समय में बिहार जिले के पटना शहर में कृष्णा टाकिज हाल में सभी छात्रो को संबोधित करते हुए एक क्रन्तिकारी भाषण दिया था जिसमे सबसे चर्ची उनकी एक लाइन है ” हमारे देश की आबादी इतनी है की केवल थूक फेंक देने से अंग्रेजी राज बह जायेगा”| इसके कारन उन्हें सजा भी दी गयी थी|
1977 में कर्पूरी ठाकुर ने बिहार के वरिष्ठतम नेता सत्येन्द्र नारायण सिन्हा से नेतापद का चुनाव जीते और बिहार के दो बार मुख्यमंत्री बने| बिहार में पिछड़े वर्ग के लोगो के लिए सरकारी नौकरी में आरक्षण की व्यवस्था 1977 में की| 1967 में जब वे बिहार के उपमुख्यमंत्री बने तो उन्होंने बिहार में मैट्रिक परीक्षा पास करने के लिए अंग्रेजी की अनिवार्यता ख़त्म कर दी| मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार के सभी विभागों में उन्होंने हिंदी में काम करने को अनिवार्य कर दिया था| 23 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने उन्हें ये सम्मान देने का निर्णय लिया|
2.मनकोम्बू सम्बशिवन स्वामीनाथन :- इनका जन्म 7 अगस्त 1925 को हुआ था| स्वामीनाथन जी एक भारतीय कृषि विज्ञानी, कृषि वैज्ञानिक, पादप आनुवंशिकिविद, प्रशासक और मानवतावादी थे| स्वामीनाथन हरित क्रांति के वैश्विक नेता थे| चावल और गेंहू की उच्च किस्म की पैदावार देने वाली किस्मो को पेश और आगे विकसित करने में उनके नेतृत्व और महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भारत में हरित क्रांति के मुख्य वास्तुकार कहे जाते है|
1960 में किसानो और वैज्ञानिको के साथ मिलकर एक जन आन्दोलन किया जिससे भारत और पाकिस्तान को कुछ अकाल जैसी परिस्थितियों से बचाया गया था| फिलिपिन्स में उनके नेतृत्व में अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसन्धान संस्थान के महानिदेशक बने और 1987 में उन्हें प्रथम विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया| उसके बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने “आर्थिक परिस्थिति का जनक ” कहा है| स्वामीनाथन जी ने साईटोजिनेटिक्स, आयनीकरण विकिरण और रेडिओ संवेदनशीलता जैसे क्षेत्रो में आलू,गेंहू,और चावल से सम्बंधित बुनियादी अनुसन्धान में योगदान दिए थे|
स्वामीनाथन ने 2004 में राष्ट्रिय किसान आयोग की अध्यक्षता किये| इसके अनुसार भारत की कृषि प्रणाली के लिए उसके सुधार के लिए महत्वपूर्ण तरीको की सिफारिश किये थे| स्वामीनाथन एक नामांकित शोध फाउंडेशन के संस्थापक भी थे| इन्हें 2007 और 20013 के बिच एक कार्यकाल के लिए भारत की संसद के लिए नामित किया गया था| इन्होने भारत में महिला किसानो की मान्यता के लिए एक विधेयक भी पेश किया गया था| केंद्र सरकार द्वारा 9 फरवरी 2024 को भारत रत्न के लिए नाम की घोषणा की|
3.पामुलापति वेंकट नरसिंह राव :- इनका जन्म 28 जून 1921 को हुआ था| और इनकी मृत्यु 23 दिसम्बर 2004 को हुआ था| ये भारत के 09 वे प्रधानमंत्री थे| ‘ लाइसेंस राज’ का समापन और भारतीय अर्थनीति में खुलापन इनके ही काल मे आरंभ हुआ था| ये आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे| इनका भाग्य उस समय बहुत अच्छा था जिसके कारन ये प्रधानमंत्री बने थे, 21 मई 1991 को राजीव गाँधी की हत्या हुई उसके बाद एक सहानुभूति की लहर उठी और कांग्रेस को इसका लाभ मिला|
उस समय का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम हो गया था,और इसलिए देश का सोना तक गिरवी रखना पड़ गया था| इन्होने उस समय डॉक्टर मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाकर देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला था| 2024 में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए केंद्र सरकार द्वारा भारत रत्न 2024 से सम्मानित किया जायेगा|
4.चौधरी चरण सिंह :- चरण सिंह का जन्म बाबूगढ़ छावनी के नूरपुर गाँव में 23 दिसम्बर 1902 को हुआ था| इनका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था| चरण सिंह ने बरेली की जेल से दो डायरी रूपी किताब लिखी| ये राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधर आन्दोलन में लग गए थे| चरण सिंह भारत के किसान राजनेता थे और 5 वे प्रधानमंत्री भी थे| उन्होंने प्रधानमंत्री का पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला था|
चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश में मर्यादित रूप से जिया| इन्हें किसानो के नेता कहे जाते है,इनके द्वारा तैयार किये जमीदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिधांत पर आधारित था| 1 जुलाई 1952 को up में उनके द्वारा गरीबो को अधिकार मिला| इन्होने लेखापाल के पद का भी निर्माण किया| किसानो के हित को देखते हुए उन्होंने 1954 में UP भूमि संरक्षण कानून को पारित किया| वे 3 अप्रैल 1967 को UP के मुख्यमंत्री भी बने| उसके बाद वे केंद्र सरकार में गृहमंत्री भी बने और मंडल तथा अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना भी किये| 1979 में उस समय वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्टीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना किये|
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5.लालकृष्ण आडवानी :- लालकृष्ण आडवानी जी का जन्म 8 नवम्बर 1927 को हुआ था| ये भाजपा के वरिष्ठ नेता है| BJP को भारतीय राजनीती में एक प्रमुख पार्टी बनाने में इनका योगदान सर्वोपरि है| ये भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष भी रह चुके है| 1980 में BJP की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवानी पार्टी के महासचिव भी रहे| 1986-1991 तक पार्टी के अध्यक्ष भी रहे और ये बीजेपी के तीन बार के अध्यक्ष पद पर रहे थे|
इन्होने 1990 में राम मंदिर आन्दोलन के दौरान सोमनाथ से अयोध्या के लिओये राम यात्रा निकाली| आडवानी जी चार बार राज्यसभा और 5 बार लोकसभा के सदस्य रहे| आडवानी जी केंद्र सरकार में सुचना प्रसारण मंत्री के रूप में भी कार्य किये|आडवानी जी ने अपने राजनितिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद संभाला वो NDA की सरकार में उपप्रधानमंत्री का है|
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