Modern Approach to Comparative Politics :राजनीती का आधुनिक दृष्टिकोण

Modern Approach to Comparative Politics||तुलनात्मक राजनीती का आधुनिक दृष्टिकोण

Modern Approach to Comparative Politics : तुलनात्मक राजनीति तुलनात्मक राजनितिक का एक प्रमुख सखा है  इसमें दो या दो से अधिक देशो की राजनीति का तुलना किया जाता है या एक ही देश के अलग अलग समय के राजनीति पर अध्ययन किया जाता है इसमें यह देखते है कि समानता क्या है और अंतर क्या है |

Modern Approach to Comparative Politics
Modern Approach to Comparative Politics

 

तुलनात्मक राजनीती का आधुनिक दृष्टिकोण संरचनात्मक कार्यमुलात्मक है इसमें राजनितिक संस्थाओ का अध्ययन के साथ उसकी संरचनाओ और कार्यो में बहुत ही गहरा संबंध है | वे एक दुसरे को बहुत अधिक प्रभावित करते है | इसके दो प्रमुख दृष्टीकोण है –

1.परंपरागत दृष्टिकोण

2.आधुनिक दृष्टिकोण

1.परंपरागत दृष्टिकोण

राजनीतिक विज्ञान के परंपरागत दृष्टिकोण के अनुसार इसकी अवधारणाए

युतोपियन

आदर्शवादी

दार्शनिक

परंपरागत दृष्टिकोण की अवधारणाए साक्ष्य और तथ्यों पर नही देता है यह नैतिकता , मूल्यों और आदर्शो ध्यान देता है

परंपरागत राजनीती

परंपरागत राजनीतिक विज्ञान में सरकार के बहरी अंगो पर व्यव्हार में सरकार की नीतियों एंव निर्णयों को प्रभावित करने समाज में मौजूद राजनीतिक तथ्यों के अध्ययन को बढ़ावा दिया जाता है | इसके साथ ही राजनीतिक दल एवं दबाव समूहों के साथ औपचारिक रूप से संगठनो के अध्ययन पर बल देने का काम किया जाता है |

परंपरागत राजनीतिक सिद्धांत

परंपरागत सिद्धांत के तहत राजनीतिक विज्ञान में स्वतंत्रता समता , न्याय जैसे राजनीतिक विचारो पर बल देने का काम किया जाता है | यह काम राज्य ,सरकार,कानून इत्यादि राजनीतिक संस्थाओ के द्वारा किया जाता है |

परंपरागत राजनीतिक सिद्धांत की विशेषताएं

परंपरागत दृष्टिकोण मूल्यों पर अधिक जोर देता है कि तथ्य पर | इस दृष्टिकोण के अध्ययन करने वालो का मानना है कि राजनीतिक विज्ञान का जो अध्ययन है वो विशुद्ध रूप से वैज्ञानिक नही होना चाहिए कहते है | उन लोगो का कहना है कि जिस तरह से सामाजिक विज्ञान में तथ्य मूल्य एक दुसरे के साथ निकटता से संबध रखते है | उसी तरह इसका भी संबध हो यह कहते है |

2.आधुनिक दृष्टिकोण

Modern Approach
Modern Approach

 

राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण राजनीतिक मुद्दों पर वैज्ञानिक या व्यावहारिक दृष्टिकोण को बताता है | इसमें तथ्यों वह आकड़ो का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है | क्योकि वह अपने आकड़ो के आधार पर क्या है क्या नही है और क्या होना चाहिए इसका आकलन करता है |

आधुनिक दृष्टिकोण की शुरुआत

आधुनिक दृष्टिकोण का शुरुआत 1970 के दसक के बाद हुआ था |

आधुनिक दृष्टिकोण का अर्थ

आधुनिक दृष्टिकोण में हित समूहों, दबाव समूहों, राजनीतिक दलों के विचारो के आधार पर जो प्रभाव व्यावहारो के अध्ययन में होता है | आधुनिक दृष्टिकोण राजनीतिक और अन्य व्यावहारो के बीच वास्तविक संबधो को पता लगाने में मद्दत कतरा है |

आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताएं

आधुनिक दृष्टिकोण अध्ययन के राजनीतिक तरीको पर ध्यान केद्रित करने का काम करता है और राजनितिक विज्ञानं के अनुसार वैज्ञानिक निष्कर्ष निकलने का प्रयास करने का काम करते है |

इसी तरह के महत्व पूर्ण जानकारियों के लिए हमारे सोशल मीडिया sujhaw24.com  के सभी प्लेट फॉर्म को फोलो जरुर करे जिससे आपको आगे की जानकारी मितली रहे |

gif

Join Whatsapp Group Join Whatsapp Channel
Join Telegram Channel download 1 2

इसे भी आगे पढ़े –

1Climate change and government : जलवायु परिवर्तन पर क्यों ध्यान नही दे रही सरकार

2Study of history : इतिहास का अध्ययन

3Bio diversity day 2024 : अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस जाने कब और क्यों मनाया जाता है

4pressure group : दबाव समूह क्या है कैसे कार्य करती है जाने पूरी जानकारी

5History of the Treadmill : ट्रेडमिल का अविष्कार दौड़ने के लिए नहीं मक्का पिसने के लिए किया गया था जाने पूरा इतिहास

6.College Education : कॉलेज की पढाई देखिये सारी सच्चाई क्या से लेकर कहाँ तक

7.How To Create Barcode : घर में ही बैठे बना सकते है बार कोड जाने कैसे ?

8.India biggest problem : भारत की सबसे बड़ी समस्या जिस पर कोई बात नही  कर रहा है

Leave a Comment