India biggest problem || भारत की समस्या जिस पर कोई बात नही कर रहा है
India biggest problem : मोबाइल हमारी जरुरत है परन्तु ये जरुरत मानव का उसका लत बनते जा रहा है | बहुत अधिक मोबाइल चलने पर यह मोनोफोबिया में बदल जाता है | हम मोबाइल के बिना रह नही सकते है केलिन अगर हमसे मोबाइल इधर उधर हो जाता है तो हम चौक जाते है कि हमरा मोबाइल अगर हम कोई काम से बहार जाते है और हमरा मोबाइल छुट जाता है तो हमें कुछ अधुरा स लगने लगता है |
मोबाइल की इस आदत या लत को मोनोफोबिया कहते है जिसका अर्थ होता है नो मोबाइल फोबिया अर्थात मोबाइल न होने का डर | परन्तु मोबाइल की लत की समस्या के हमारे मानसिक विकास है या नही , यह अभी तक सिध्द नही हो पाया है | परन्तु यह मोबाइल का लगातार चलाना मानव के मानसिक स्वास्थ पर असर डालता है धीरे धीरे इसका जो असर है वो मानव के रिस्तो पर भी पड़ता है |
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 4 व्यक्ति में से 3 व्यक्ति मोबाइल की लत या मोनोफोबिया की समस्या से कम या अधिक पीड़ित है | इसमें से कुछ लोगो ने माना की इंटरनेट नेट के ख़त्म हो जाने से या मोबाइल खो जाने से ,मोबाइल की बैटरी ख़त्म होने के कारम भावनात्मक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है |
इस तरह पहचाने मोनोफोबिया का लक्षण
जब व्यक्ति या मनवा के उसके पास मोबाइल नही होता और वो मोबाइल का इस्तेमाल नही कर पाता तो उसके अन्दर डर या चिंता और अन्दर से घबराहट की भावना पैदा होती है वह मोबाइल के इस्तेमाल नही कर पाता और इस कारण से वह चिंतित रहता है |
- इस तरह के लोग अपने मोबाइल को बाद या स्विच आफ करने से भी कतराते है |
- अपने मोबाइल को लगातार देखते है कि किसी का कॉल , मैसेज या नोटिफिशन तो मोबाइल में नही आया है |
- जहा भी जाते है अपने पास अपने मोबाइल को लेकर जाते है यह बार बार चेक करता है कि उसके पास उसका मोबाइल है या नही है |
- इटरनेट काम नही करता है तो उसके व्यव्हार में चिडचिडा पन देखी जाती है |
अपने आप को इसे काम के समय तक ही इस्तेमाल करना ही उपचार है
आपको अगर लगता है कि आप अपने मोबाइल फोन का उपयोग बहुत अधिक समय तक कर रहे है तो हम अपने मोबाइल के सही से इस्तेमाल पर ध्यान दे सकते है | इसके लिए सबसे पहले अपने मोबाइल को तय समय से अपने से दूर रखने का निर्णय लेना उचित होगा |
अपने रोज के क्रियाओ की अवधि जैसे सोते , खाना बनाते या खाना खाते समय इसका उपयोग न करे | मोबाइल की आवश्यकता होने पर ही इसका इस्तेमाल करे | इस प्रकार मोबाइल के उपयोग कम करने से जो समय बचता है उसे लोगो वह पाने परिवार के सदस्यों से बात करने में उपयोग करे |
यदि आपका मोबाइल की ओर अधिक ध्यान जाता है तो इसे छोड़ कर दुसरे गतिविधियों में अपना ध्यान दे जैसे कि सुबह साम को टहलने जाए , पुस्तके पढ़े , कोई खेल खेले , गाना सुने या नृत्य करे | कुछ लोग मिल कर किसी अच्छे मुद्दे पर विचार विमर्स करे | मोबाइल कि बजाय लोगो से आमने सामने मिले |
अपने मोबाइल के सारे नोटिफिकेशन चालू न करे जो काम के है बस उसे ही चालु करे |
मोनोफोबिया का उपचार
मोनोफोबिया का इलात या उपचार मनोचिकित्सा तथा मानव के मस्तिष्क पर असर डालने वाली दावाओ दोनों से किया जा सकता है | इसके अंतर्गत मनोचिकित्सक, रोगी के नकारात्मक और तर्कहित करने वाले विचार का विश्लेषण करते है जिससे उसका व्यव्हार दुर्भावनापूर्ण या असामान्य हुआ है |
वह रोगी के सोचने के विभिन्न तरीको का पहचान करंता है और उसके साथ विचारो में परिवर्तन करने में सहायता प्रदान करता है | इससे पीड़ित व्यक्ति चिंता और डर निरोधक दवाओं का भी उपयोग कर सकता है |
भारत का भविष्य आज के युवा है जो अपने से ज्यादा समय अपने मोबाइल में देता है | इस पर कोई बात भी नही कर रहा है आज से समय में जो अपने समय का सबसे ज्यादा उपयोग करेगा वही अपने अपने परिवार या अपने देश के लिए आगे कुछ करेगा | अगर अपने आपको बेहतर बनाना है तो अपने समय का आज के युवाओ को सही उपयोग करेगा |
आज का समय ऐसा हो गया है कि यदि व्यक्ति कुछ भी काम नही कर रहा है तो अपना पूरा दिन मोबाइल चलाएगा जिससे वो अपने बारे में कुछ नही सोच पता है |
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