Nasa Voyager 1 || 46 साल पहले भेजे गए नासा के वॉइजर 1 ने 24 अरब किलोमीटर से भेजा सिग्नल
Nasa Voyager 1 : वॉइजर 1 मानवों द्वारा निर्मित एक ऐसा स्पेसक्राफ्ट है जिसने हमारे सौर मंडल को पार कर चूका है वॉइजर 1 ने अभी तक लगभग 24 अरब किलोमीटर की दुरी तैय कर चूका है | वॉइजर 1 को नासा द्वारा 1977 में अन्तरिक्ष में भेजा गया था | वॉइजर 1 ने अपना आखरी सिग्नल 14 नवम्बर को भेजा था उसके बाद कुछ दिक्कतों की वजह से सिग्नल भेज नहीं पा रहा था लेकिन कुछ
दिन पहले ही Voyager 1 का सिग्नल प्राप्त हुआ जिसे नासा के वैज्ञानिक पढने में कामयाब हुए |लेकिन एसा नहीं है की पूरी तरह से हमारा सम्पर्क उससे टूट गया था पृथ्वी से भेजे गए कमांड को वॉइजर 1 द्वारा रिसीव किया जाता था लेकिन डेटा इक्कठा कर उसे पृथ्वी में भेजने वाला फ्लाइट डेटा सिस्टम एक लूप में फस गया था जिसकी वजह से सिग्नल भेजने में दिक्कत अ रहा था |
नासा के वैज्ञानिको ने कैसे इस दिक्कत को दूर किया
जब Nasa Voyager 1 से सिग्नल नहीं आ रहा था तब नासा के वैज्ञानिको को पता चला की स्पेसक्राफ्ट के एक चिम ख़राब हो गया है जिसकी वजह से डेटा सिस्टम मेमोरी का 3% हिसा करप्ट हो गया था जिससे कोडिंग कर सुधार किया गया | जिसके बाद 20 अप्रैल को वॉइजर 1 द्वारा अपने ठीक होने का सिग्नल भेजा गया इसके बाद नासा के वैज्ञानिको का उद्देश्य साईंस देता हासिल करना है |
1990 में वॉइजर 1 द्वारा पहली बार सोलर सिस्टम की तस्वीर
नासा ने पहले की Voyager 2 को पहले ही लॉच कर चूका था इसके बाद उन्होंने दुसरे और ग्रहों का पता लगाने के लिए वॉइजर 1 को अन्तरिक्ष में 5 सितम्बर 1977 में भेजा गया | 1990 में Voyager 1 द्वारा सोलर सिस्टम का पहला ओवरव्यू तस्वीर भेजा | 25 अगस्त 2012 में वॉइजर 1 इंटरस्टेलर स्पेश में पहुँच गया | पृथ्वी से सिग्नल भेजने और वापस आने में 48 घंटे का समय लग जाता है |
दोनों स्पेसशिप में धरती की कैसे पूरी जानकारी
वॉइजर 1 और वॉइजर 2 दोनों अन्तरिक्ष स्पेसक्राफ्ट में धरती के बारे में पूरी जानकारी जैसे हमारे सोलर सिस्टम का मैप , स्पेसशिप में रिकोर्ड प्ले करने का निर्देश तथा युरेनियम का एक टुकड़ा शामिल है या एक घड़ी की तरह कार्य करता है जो स्पेसक्राफ्ट के लॉन्चिंग के समय को बताता है |
इसके आलावा इसमें 12 इंच गोंल्ड प्लेटेड कॉपर डिस्क भी है जो धरती की जनजीवन,म्यूजियम इसके आलावा कुछ खास आवाजो का रिकार्ड है | नासा के मुताबिक वॉइजर 1 का पावर बैंक 2025 तक खत्म होने की आशंका है इसके बाद यह हमारे आकाशगंगा के चाकर लगता रहेगा |
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