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ToggleDurg jila chhattisgarh | दुर्ग जिला छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला अपने आप में एक समृद्ध जिला है | इस जिले की ख़ास बात यह है की यह जिला छत्तीसगढ़ का सबसे शिक्षित जिला है | दुर्ग को समृद्ध बनाने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है | दुर्ग जिले क भिलाई शहर में स्थित भिलाई स्टील प्लांट इसकी समृद्धि का और एक कारन है | भिलाई स्टील प्लांट दुर्ग जिले की शान है | दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ की मशहूर पंडवानी गायिका तीजन बाई और छत्तीसगढ़ के लोक कला के उद्धारक रामचंद्र देशमुख का जन्म स्थान भी है |
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमत्री माननीय भूपेश बघेल जी भी छत्तीसगढ़ जिले से ही सम्बंधित है | छत्तीसगढ़ के इस दुर्ग जिले में लगभग 35 से भी अधिक प्रकार की जनजातियाँ निवास करती है जो अपने भिन्न भिन्न प्रकार की कला संस्कृति , परम्पराओ और नृत्य , गीत आदि के द्वारा छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाती है | दुर्ग जिले का पुराना नाम शिवदुर्गा था जिसे संकुचित करके उरग कर दिया गया |
दुर्ग जिले की प्रशासनिक जानकारी
छत्तीगसढ़ क्व दुएग जिले का गठन 1 जनवरी 1906 में रायपुर और बिलासपुर के कुछ हिस्सों को मिलाकर किया गया | इससे पहले दुर्ग रायपुर जिले का एक तहसील मात्र था | दुर्ग जिले का क्षेत्रफल 2718.62 वर्ग किलोमटर में फैला हुआ है | सन 2011 में मनमोहन सिंह जी के सरकार के समय की गयी जनगणना में छत्तीसढ़ दुर्ग जिले की जनसख्या 1,72,1948 थी | इनमे अनुसूचित जनजाती के 1,01,188 और अनुसूचित जाती के 2,45,587 लोग रहते है |
वर्तमान में दुर्ग जिले में 24 तहसील मौजूद है | दुर्ग जिले की प्रमुख नदी में शिवनाथ नदी शामिल है | शिवनाथ नदी , महानदी की सहायक नदी है | दुर्ग जिले में कुल 3 ब्लाक है जिनमे दुर्ग , पाटन , और धमधा शामिल है | जीमे दुर्ग जिले के दुर्ग ब्लाक में 81 गाँव , धमधा ब्लाक में 162 गाँव , पाटन ब्लाक में 146 गाँव आते है | दुर्ग जिले कुल 389 गाँव पाए जाते है |
दुर्ग जिले के सीमावर्ती जिलो में राजनांदगाव , रायपुर , बेमेतरा , बालोद जिला , धमतरी जिला शामिल है | दुर्ग जिले का वर्तमान कलेक्टर सुश्री त्रिचा प्रकाश चौधरी जी है | वर्तमान में दुर्ग जिले का सांसद माननीय विजय बघेल जी है | ये महोदय माननीय भूपेश बघेल जी के भतीजे है | जो भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्तमान मे सांसद है |
दुर्ग जिले का इतिहास
दुर्ग जिला का गठन 1 जनवरी सन 1906 में हुआ था | दुर्ग जिले का गठन रायपुर और बिलासपुर के कुछ क्षेत्रो को लेकर किया गया था | उस समय राजनांदगाव और कवर्धा भी दुर्ग जिले का हिस्सा था | 26 जनवरी सन 1973 को ये जिले दुर्ग से विभाजित हो गये | फिर 6 1998 को राजनंदगाव भी विभाजित हो गया और न्य जिला कवर्धा बना | दुर्ग जिला प्राचीन महाकौशल का भाग था | यहाँ बौद्ध , जैन , गुप्त वंश , आदि राजवंशो ने शासन किया है |
दुर्ग जिले के उद्योग
भिलाई स्टील प्लांट प्रदेश का एक मात्र स्टील का कारखाना दुर्ग के भिलाई में स्थित है | छत्तीसगढ़ का पहला सीमेंट कारखाना एसोसिएट सीमेंट कंपनी भी दुर्ग जिले के जामुल में स्थित है | दुर्ग जिले अनेको राईस मिल , सरसों से तेल निकालने के संयत्र भी लगे हुए है | इमारती लकड़ी को चीरने वाली मशीन , प्लाई बोड बनाने की कंपनी भी लगे हुए है |सिगरेट कारखाना , सोयाबीन साल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट , कुम्हारी क्षेत्र में धर्म सी मोरारजी केमिकल फैक्ट्री भी स्थापित है | ब्रास और बेल मेटल कास्टिंग , गारमेंट मेनुफच्रिंग यूनिट , मिल्क प्रोस्सेसिंग यूनिट पाटन में गुलाल यूनिट भी मौजूद है |
जिले उच्च गुणवत्ता वाले चुने पत्थर का समृद्ध भंडार भी है | चुना पत्थर का खनन मुख्यत: नंदिनी , सेमरिया , खुदनी , पिथौरा , अहिवारा आदि क्षेत्रो में होता है | और इसका उपयोग स्टील सीमेंट कंपनियों में होता है |
दुर्ग जिले का पर्यटन स्थल
- नागपुरा में उवासग्गाहरम पार्स्व तीर्थ स्थल – नागपुर का जैन मंदिर श्री पार्श्व नाथ जी को समर्पित है | श्री पार्स्व नाथ जैन मंदिर जैन धर्म के 23 वे तीर्थ कर थे | जैन कथाओ के अनुसार तीर्थकर बनने के लिए पार्स्व नाथ जी को युद्ध लड़ने पड़े थे |
- धमधा फोर्ट – दुर्ग जिले का धमधा फोर्ट भी अपनी अद्भुद सुरक्षा व्यवस्था के लिए ओउरे भारत वर्ष में सुप्रसिद्ध है | यह किला गोंड राजाओ के द्वारा बनाया गया था | इस किले में के चारो तरफ 126 तालाब है | इस कारन से धमधा को छह कोरी या छह आगार तरिया यानी 126 तालाबो का गांव भी कहा जाता है | दुश्मनों के लिए इसा किले पर आक्रमण करना आसान नही था |
- तांदुला बाँध – दुर्ग से लगभग 70 किलोमटर की दूर पर सुन्दर तांदुला बांध बना हुआ है | जहा पर सैकड़ो सैलानी घुमने आते है | इस बाँध को सन 1921 में तदुला और सुखा नाला नदियों के संगम से बनाया गया था | यह एक बहुत ही दुन्दर पिकनिक स्थल है | इसके अलावा शिव मंदिर , गंगा मईया मंदिर , बालाजी मंदिर भिलाई , सिरडी साई बाबा मंदिर , तरिघात एतिहासिक धरोहर भी इसी जिले में औजुद है |
दुर्ग जिले के शैक्षणिक संस्थान
दुर्ग जिले में तीन विश्वविद्यलय है -1. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय 2. स्वामी विवेकानन्द तकनिकी विश्वविद्यालय 3. कामधेनु विश्वविद्यालय
दुर्ग जिले के प्रमुख महाविद्यालय – 1. शासकीय चंदुलाल चंद्राकर महाविद्यालय 2.शासकीय दानवीर तुला राम महाविद्यालय 3. शासकीय पोलिटेकनिक कॉलेज दुर्ग 4. शासकीय डॉ.वामन वासुदेव पाटनकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय आदि
दुर्ग जिले के स्कूल – 1. शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल 2. शासकीय इंगलिश मीडियम स्कूल 3. विश्वदीप सीनियर सेकंडरी स्कूल 4. वामन राव लाखे स्कूल 5. महर्षी विद्या मंदिर आदि
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