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Ajit jogi chhattisgarh : अजित जोगी जी की कुछ ख़ास जानकारिया

Ajit jogi chhattisgarh : अजित जोगी जी की कुछ ख़ास जानकारिया
Ajit jogi chhattisgarh : अजित जोगी जी की कुछ ख़ास जानकारिया

Ajit jogi chhattisgarh | अजित जोगी जी

अजित जोगी जी छत्तीसगढ़ के एक सम्मानीय हस्तियों में से एक थे | इन्होने छत्तीसगढ़ के नाम को पुरे भारत में पहुचाया | अजित जोगी जी का पूरा नाम अजित प्रमोद जोगी जी है | अजित जोगी छत्तीसगढ़ का 1 नवम्बर सन 2000 को मध्यप्रदेश से विभाजन के बाद को मध्यप्रदेश से विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बने | इन्होने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए कई कल्याण कारी काम किये है | जब छत्तीसगढ़ में सुखा और आकाल पड़ा था तो इन्होंने जनता की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक योजना शुरू की जिसे जोगी डबरी योजना के नाम से  जाना जाता है |

अजित प्रमोद जोगी जी
अजित प्रमोद जोगी जी

 

अजित जोगी का जीवन परिचय

अजित जोगी जी का जन्म 26 अप्रैल सन 1946 को भारत देश मध्यप्रदेश संयुक्त छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एक गाव में हुआ था उनके गाव का नाम पेंड्रा है | अजित जोगी जी के पिता जी का नाम नाम श्री काशी प्रसाद जोगी जी था तथा  उनकी पत्नी श्रीमती डा.रेनू जोगी जी की दो संताने है जिसमे एक बीटा और एक बेटी है | बेटी का नाम अनुषा जोगी और बेटे का नाम अमित जोगी है |

अजित जोगी जी को पढना लिखना पहुत ही पसंद था | उन्हें तैराकी , ग्लैडिंग , ट्रैकिंग , घुड़सवारी और योग भी बहुत ही पसंद थे | उन्होंने सार्वजनिक प्रशासन पर कई लेख और कविताये , कहानिया लिखे है  | उनकी लेखनी इंडियन एक्सप्रेस , द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और द हिन्दू जैसे समाचार पत्रों में प्रकाशित हुयी थी |

अजित जोगी जी की शिक्षा

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री जी का जन्म बिलासपुर के पेंड्रा में हुआ था | और वाही से उनकी शिक्षा की शुरुआत हुयी | उन्होंने उन्होंने मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी , भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके 1968 में विश्वविद्यलय का स्वर्ण पदक जीता | उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यलय से LLB और मध्यप्रदेश के उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यलय से GM की पढाई की |

अजित जोगी जी ने सन 1967 से 196 8 तक रायपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में व्यख्याता के रूप में काम किया था | अजित जोगी जी का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा और पुलिस में हुआ था |  जोगी जी पेशे से व्यख्याता , सिविल सेवक , सामाजिक और राजनीतक कार्यकर्ता थे |

अजित जोगी जी
अजित जोगी जी

 

अजित जोगी का राजनीतक सफ़र

अजित जोगी जी जब मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में कलेक्टर का पद संभाल रहे थे उस समय वे उस समय के भारत के प्रधान मंत्री माननीय राजीव गांधी के सम्पर्क में आ गये | और उनके सुझाव पर उन्होंने सन 1986 – 87 में कांग्रेस में जुड़ गये | और यही से वे राजनीती में सक्रीय हो गये |अजित जोगी जी सन 1986 से 1998 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे थे |

अजित जोगी सन 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गये | अजित जोगी जी सन 1987 से 89 तक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव बने | वे सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य भी रहे थे | राज्य SC और ST आयोग मध्यप्रदेश के अध्यक्ष भी रहे थे | सन 1995 – 96 में वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण एवं वन समिति के अध्यक्ष बनाए थे |

अजित जोगी जी 1997 – 99 तक वे कांग्रेस संसदीय दल के मुख्य प्रवक्ता भी रहे थे | सन 1998 में वे 12 वी बार लोकसभा के लिए चुने गये |माननीय अजित जोगी जी को छत्तीसगढ़ जब मध्यप्रदेश से अलग हुआ तो उन्हें छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया | अजित जोगी जी सन 2000 में वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री बने | अजित जोगी जी सन 2003 तक ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे थे उसके बाद वे 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से उनकी पार्टी हार गयी |

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस

बस्तर के अंतागढ़ के उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार को चुनाव मैदान से हटाने कथित रूप से शौदेबाजी करने का एक क्लिप वाइरल हुआ जिसके बाद सन 2016 में कांग्रेस पार्टी ने उनके बेटे विधायक अमित जोगी जी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया उन्हें नोटिस थमा दिया जिसके बाद उन्होंने खुद ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया | इसके बाद अजित जोगी जी ने 21 जून सन 2016 को खुद की राजनितिक पार्टी बनाने की घोषणा के दी | जिसका नाम उन्होंने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस रखा |

अजित जोगी जी को पुरस्कार

अजित जोगी जी को सन 1984 को जाइंटस इंटरनेशनल द्वारा राज्य पुरस्कार के सर्वाधिक उत्कृष्ट व्यक्ति के सम्मान से सम्मानित किया |

अजित जोगी जी की मृत्यु

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमत्री माननीय अजित जोगी जी का 74 साल की उम्र में 29 मई सन 2020 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी | उन्हें 20 दिनों में करीब 3 बार दिल का दौरा पडा था | सबसे पहला दिल का दौरा उन्हें 9 मई 2020 को पड़ा जिससे वे अस्पताल में भारती हो गये थे | ऐसा कहा जाता है की जब वे छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले गंगा इमली नामक एक फल खा रहे थे उसी समय उस फल एक बिज उनकी साँस नाली में अटक गयी जिससे उन्हें दिल का दौरा पडा |

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