Complete information of corruption || भ्रष्टाचार की संपूर्ण जानकारी
Complete information of corruption : भ्रष्टाचार का रूप तब जन्म लेता है जब कोई व्यक्ति या इंसान निर्णयों या समाज के नियमो को प्रभावित करने के लिए अपने अधिकार का उपयोग करता है या कोई अन्य व्यक्ति अपने भलाई के लिए दुसरो के साथ बेईमानी या धोखा धडी वाला काम करता है |
- रिश्वत लेना
- टेबल के निचे से पैसो का केलं देन
- लोगो को अनुचित व्यव्हार देना
- दोहरा व्यव्हार या जानबूझकर धोखा देना
- चुनावो के समय हेर फेर करना
- पैसो का दूरुपयोग करना
भ्रष्टाचार के अर्थ
Complete information of corruption : भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिल कर बना हुआ है भ्रष्ट ( बिगड़ा हुआ ) + आचरण ( व्यव्हार ) होता है | ऐसा बिगड़ा हुआ व्यव्हार या आचरण जिसकी अपेक्षा जनता के सेवको से नही की जा सकती है |
भारतीय दंड सहिता के अनुसार धारा 161 में यह लिखा गया है कि भ्रष्टाचार का मतलब किसी लोक सेवक द्वारा अपने सामाजिक पद या सत्ता या स्थिति का गलत उपयोग करते हुए आर्थिक या अन्य प्रकार से अपने खुद के लिए लाभ प्राप्त करता है |
भ्रष्टाचार के प्रकार
केन्द्रीय सतर्कता आयोग के अनुसार 27 प्रकार के भ्रष्टाचार होते है |
- शासकीय पद या अधिकारों एवं शासन की शक्तियों का गलत उपयोग करना |
- सरकार के धन भंडार का गलत उपयोग कारण |
- आय से अधिक संपति को छिपा कर रखना |
- अनैतिक आचरण
- खुद के स्वार्थ या लालच के लिए शासन को हानि पहुचना |
- सरकारी पदों में भर्ती, नियुक्ति, स्थानातरण एवं पदोन्नति के संबंधित गैरकानूनी तरीके से धन लेना |
- शासकीय कर्मचरियो को अपने खुद के निजी कामो में प्रयोग करना |
- आयात निर्यात के समय लाइसेंस देने में अनियमितता करना |
भ्रष्टाचार के प्रमुख कारण
1.राजनीतिक कारण
रानजीतिक कारण का एक मुख्य मुद्दा जो लोगो को प्रभावित करता है वो यह है कि नेताओ और सरकारी अधिकारियो का साठ गाठ होना इसका मुख्य कारण है
उदहारण – 2 जी स्पेक्ट्रम
कोलब्लाक घोटाला
चारा घोटाला
राजनीतिक व्यस्था भ्रष्ट होने के करना स्वतः ही सरकार की जो प्रशासनिक व्यवस्था है वो भ्रष्ट हो जाती है यदि चुनाव के समय नेता अनैतिक पुर से धन खर्च कर के वो चुनाव में जीत प्राप्त किया गया हो तो उस पैसे हो भरने के लिए नेता भ्रष्टाचार करेंगे |यही से ही भ्रष्टाचार की एक कड़ी की भी शुरुआत हो जाती है | भ्रष्टाचार ख़त्म करने की जो राजनीतिक इच्छा शक्ति के आभाव के कारण राजनीतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है |
2.आर्थिक कारण
उपभोगता वादी संस्कृति – इसके तहत आज कल का जो लोगो का स्टेटस या सिम्बल है वो पैसा हो गया है जिसके पास पैसा है वो अपना स्टेटस बनाए रखता है तो उसे सही तरीके से चलने के लिए लोग भ्रष्टाचार के रास्ते पर आते है |
कम वेतन पर रखना – अपने जरुरत को पूरा करने ले लिए कम वेतन पर रखते है यदी वह कम वेतन पर काम करता है तो उसकी जो जरूरते है उनको वह पूरा नही कर पाटा है जिसके कारण वह भ्रष्टाचार करता है और रिश्वत लेता है | बाजार में जो घोटाले होते है वो बढ़ जाता है तो उस पर नियत्रण नही हो पा रहा है तो अपनी आवस्यकताओ की पूर्ति के लिए लोग भ्रष्टाचार करते है |
3.प्रशासनिक
नैतिक मूल्यों का पतन – इंसान के कुछ नैतिक मूल्य है जिसे की ईमानदारी, पारदर्शिता, उतरदायित्व इस सभी नैतिक मूल्यों का काम होना इसके कारण भी भ्रष्टाचार लो गोलों में बढ़ावा मिलता है | दुसरे कर्मचारी अगर भ्रष्टाचार कर रहे है तो उसे नही रोक रहे हो ,ये नैतिक मूल्यों के पतन का कारण होते है |
लाल फीता शाही – इसका काम बहुत लम्बे समय तक चलता है इससे लोग जबरदस्ती भ्रष्टाचार करने के लिए मजबूर हो जाते है |
पारदर्शिता का अभाव – पारदर्शिता के अकारण भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है |
प्रशासनिक कार्य संस्कृत में भ्रष्टाचार – लोग यह मान चुके रकते है कि काम को करने के लिए इतना रुपया देना पड़ता है जानी प्रमाण पत्र बनाने के लिए पैसा देना पड़ता है लोग इसे खुद स्विकार कर लिए है | अपने आदत में ला लिए है जब की ऐसा नही है उससे में भ्रष्टाचार बढ़ता है |
4.सामाजिक और सांस्कृतिक कारक
इसमें कुप्रथाए आती है जैसे की
दहेज़ – दहेज़ मगना भी एक प्रकार का कुप्रथाए है |
अशिक्षा – लोगो का अशिक्षित होना भी भ्रष्टाचार का के प्रमुख कारण है अशिक्षित होने के कारण अपने अधिका के बारे में नही जान पाते है उसके प्रति लोग जागरूक हो तो भ्रष्टाचार रोकने में मदत मिलती है | अशिक्षा जो भ्रष्टाचार को बढ़ने का काम करता है क्योकि लोगो को अपने अधिकारों के बारे में सही जानकारी ही नही होती है |
जागरूकता की कमी – यदि आप अशिक्षित हो तो आप में जागरिकता की कमी रहेगी | किसी काम को लेकर कुछ जानो गे नही तो यह होगा की अपने काम को करवाने के लिए आप रिश्वत दोगे या भ्रष्टाचार का सहारा लोगे इससे बढ़ता है भ्रष्टाचार चार |
भ्रष्टाचार का विरोध न होना भी – अगर हम भ्रष्टाचार का विरोध नही करते है तो हम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते है | यदि आपके आखो के सामने भ्रष्टाचार हो रहा है तो आप उसको रोक नही रहे हो उसका विरोध नही कर रहे हो तो उससे में भ्रष्टाचार बढ़ता है |
5.वैधानिक कारण – कठोर कानून का अभाव है कठोर कानून न होने के कारण लोग असानी से बच कर निकल जाते है | इसके कारण भ्रष्टाचार और बढ़ता है कानून की जो प्रक्रिया है वो बहुत ही कठिन और उसमे समय लगता है |जो भ्रष्टाचार करता है वो क़ानूनी प्रक्रिया को जटिल होने के कारण दोसी अराम से मजे करते रहता है | जो कानून है उसमे भी क्रियान्वयन की कमी देखि जाती है |
ये सभी भ्रष्टाचार के प्रमुख कारण है जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है |ऐसे ही और अधिक महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे :- sujhaw24.com
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