vishv pusatak diwas 2024 | विश्व किताब दिवस 2024
vishv pusatak diwas 2024 : किताबे बचपन से ही लोगो के जीवन में प्रभाव डालता है जो जीवन में इसान को आगे बढाने का काम करता है किताबो के महत्व को देखते हुए हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है एक महत्व पूर्ण बात यह है कि इस दिन ही बहुत से महान लेखको का जन्म हुआ था या उसकी मृत्यु भी हुआ था इसी कारन 23 अप्रैल को प्रति वर्ष विश्व पुस्तक दिवश मनाया जाता है |
सबसे पहले विश्व पुस्तक दिवस कब मनाया गया
पहली बार सबसे पहला विश्व पुस्तक दिवस 7 अक्टूबर सन 1926 को , सर्वेट्स के जन्मदिन के अवसर पर मनाया गया | हालाकि, सर्वेट्स विलियम शेक्सपियर और इका गार्सिलसो डे ला वेगा सहित कई साहित्यक दिग्गजों की मृत्यु की स्मृति में यूनेस्को ने सन 1995 में 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कापीराइट दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया |
पुस्तक दिवस
किताबे पढने , लिखने , ट्रासलेट , पब्लिशिंग और कापीराइट के महत्व को बताने के लिए इस दिन मनाया जाता है जिससे लोगो को आगे पढाई करने का प्रेरणा भी मिलता है अदि लोग आगे पढाई करेंगे तो एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा | जिससे वह राष्ट्र हमेशा आगे बढता रहेगा |
विश्व पुस्तक के उद्देश्य
आनंद के लिए पढाने वालो को बढावा देना है प्रत्येक बच्चे वह युवा लोगो को अपने स्वयं के किताब रखने को बढ़ावा देता है | यदि बच्चे पढाई को आनंद लेकर बढ़ेगे तो उनका भविष्य आगे बेहतर होगा | जिससे उसकी पारिवारिक स्थितिया , उनके माता पिता की शैक्षिक पृष्टभूमि या उनके आय को बढाने में मदत करेगी |
जानिए क्या है वार्ड बुक डे के दूसरा नाम
विश्व पुस्तक दिवस को वर्ल्ड कॉपीराइट डे के रूप में भी जाना जाता है इस दिन को पुस्तक पढने ,उनके प्रकाशन और कापीराइट को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को के द्वारा आयोजित एक वार्षिय कार्यक्रम है |
विश्व पुस्तक दिवस के महत्व क्या है आइये जाने
विश्व पुस्तक दिवस सभी लोगो को याद दिलाता है कि प्रत्येक लोगो के पास उसकी एक अपनी कहानी है हर किसी के जीवन में उसका खुद अपना अनुभव है जिससे हम आनंद की प्राप्ति कर कर सकते है और उनसे हम सीख सकते है इस सभी में सबसे महत्व पूर्ण बात यह है कि प्रत्येक इसान के पास उसका एक अपना कहानी है जो उसे दिखता है कि वे अकेले नही है |
भारत का सबसे पहला पुस्तक क्या था
सन 1974 तक इस इस प्रिटिंग प्रेस की मासिंग से कोकणी और कन्नड़ भाषा की लगभग 50 पुस्तके छापा जा चुका था | कैथोलिक पादरियों ने सन 1579 में कोचीन में पहली बार तमिल में किताब छापी और सन 1713 में उनके द्वारा सबसे पहले मलयालम में एक किताब छापी गई | भारत का सबसे पहला पुस्तक वेद है |
भारत में पहला प्रेस 6 दिसंबर ,1556 को लाया गया | सन 1557 में सेट जिवियर ने दौक्त्रीना क्रिस्ताओ नामक पुस्तक छपवाया गया |
विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक का नाम क्या
हैयह वो सबसे अलग किताब है जिसको दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक बताया गया है इसे गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में जगह दिया गया है यह जो किताब है वो वडोदरा के स्वामिनारायण मदिर में रखा गया है | इस पुस्तक का नाम है वचनामृत का यह किताब भगवन स्वामीनारायण की शिक्षाओ का संग्रह है |
दुनिया की सबसे पहित्र किताब क्या है
मुसलमान मानते है कि कुरआन अल्लाह की भेजी अंतिम और सर्वोच्चा और आखरी आसमानी किताब है | पैगम्बर मुहम्मद साहब के विसाल के बाद सन 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और उसे सन 653में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतिया इस्लामी साम्राज्य में वितरित किया गया है |
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