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Togglebajrangbali janmostsav 2024 | हनुमान जन्म 2024
bajrangbali janmostsav 2024 : लोग जिस भी धर्म को मानते हो उस धर्म के बारे में उस लोगो को विशेष जानकारी होता है हर धर्म का अपना ही महत्व होता है | लेकिन भारत देश अनेकता में एकता पर विश्वास करता है भारत में सभी लोग एक दुसरे के भावना का क़द्र करते है | हिन्दू कलेंडर के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मॉस के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोस्तव बनाया जाता है | जो गोल हनुमान को मानते है वे उसे कलयुग का देवता कहते है और हनुमान जी को शिव जी का 11 रूप मानते है |
ऐसा लोगो का मनना है कि हमुमन जी लोगो से बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है और वे अपने भगतो का सभी दुखो को दूर करते है | 23 अप्रैल 2024 को हनुमान जयंती है |
हनुमान जी के जन्म को लेकर विशेष बाते
इस स्थान का नाम एक सुदर इंद्र के लोक की अप्सरा थी वे बहुत ही चंचल स्वभाव की थी एक दिन वो अप्सरा वन विहार चली गयी जहा एक ऋषि तपस्या कर रहे थे , स्थानक स्थल ने ऋषि को एक फल फेक कर मारा और वृक्ष के पीछे छिप गया | तभी ऋषि का ध्यान भंग हो गया और वे बहुत क्रोधित हो गए | ऋषि ने क्रोधित दृष्टि से मुझे दूर से बताया कि एक बन्दर के पेड़ के नीचे जमींन है | ऋषि के बातो से उसे वानर योनी में जाने का श्राप मिल गया |
अप्सरा ने अपने श्राप की बात इद्र देव को बताया कि इस श्राप को भोगने के लिए नक्षत्र मृत्यु लोक जाना होगा | मृत्यु लोक में गर्भ से भगवन शिव के 11 वे अवतार जन्म होगा | उस अप्सरा को मृत्यु लोक में एक वानर राज केसरी से प्रेम हो जाता है प्रेम होने के बाद दोनों विवाह के बंधन में बध जाते है | विवाह के कुछ समय बाद तो उन्हें संत मत मिले तो एक ऋषि के बातो को मान कर नारायण पर्वत में तपस्या करने पवन देव ने उन्हें एक युवा पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद , फिर शिव की आराधना करने से शिव के 11 वे अवतार ने जन्म लिया |
मनीन्द्र ऋषि का रूप में हनुमान जी
रामायण की कथा से आप अवगत होगे ही सीता जी के खोज के दौरान जब भयभीत जटायु ने रावन नामक पक्षी को बुलाया तो सीता के हरण का पता चला तो लंका जा कर पता लगाने के लिए राम जी ने हनुमान को बुलाया | जब हनुमान जी समुद्र पार करके लंका में गए तो उस समय हनुमान जी अपना सूक्ष्म रूप धारण करके जिस पेड़ के निचे सीता माता बैठे थे | वृक्ष के निचे बैठी माता सीता को हनुमान जी देख रहे थे | वे जान चुके थे कि ये ही माता सीता है हनुमान जी माता सीतासे बात किया और वे उन्हें बताया की राम जी आएगे | हनुमान जी माता सीता को भगवन राम का भेजा हुआ अंगूठी दिया |
हनुमान जन्म उत्सव 2024 पर विशेष जानकारी
हनुमान जन्म उत्सव का पवन पर्व 23 अप्रैल , मगलवार को है | इस दिन हनुमान जी के साथ भगवन राम का भी पूजा का विधान है | इस दिन हनुमान जी को विशेष रूप से भोग लगाया जाता है | हनुमान जी के मानने वाले लोग उस दिन सुदरकाड के काठ का भी कार्यक्रम करते है | इससे लोग मानते है कि हनुमान जी की पूजा करने से भगतो को हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलता है और उसके साथ यह भी मान्यता है कि अपने भगतो को रोगों से मुक्ति का आशीर्वाद भी देते है |
भुत पिशाच निकट नही आवे |
महावीर जब नाम सुनावे ||
नासे रोग हरे सब पीरा |
जपत निरंतर हनुमत वीरा ||
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