प्रदुषण : Pollution
प्रदुषण का मतलब- वायु, जल, मृदा, आदि का आवांछित द्रव्यों से दूषित होना है| इससे सजीवो पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत तथा हानिकारक प्रभाव पड़ता है| Pollution से प्राकृतिक संतुलन पर हानि पहुँचती है| जिससे मानव के लिए एक खतरा पैदा होता है| प्रदुषण किसी भी पदार्थ जैसे ठोस, तरल, गैस, उर्जा में रेडिओएक्टिविटी, और ध्वनी आदि का रूप ले सकता है| Pollution बहुत प्रकार के होते है प्रमुख प्रदुषण में वायु प्रदुषन, जल प्रदुषण, और ध्वनी प्रदुषण, तथा मृदा प्रदुषण है| प्रदुषण में मानव की, आद्योगीकरण और नगरीकरण आदि का महत्वपूर्ण योगदान है|
भारत में प्रदुषण : Pollution In India
Pollution In India की समस्या बहुत है जिनमे वायु, जल, मृदा, ध्वनी, प्लास्टिक, और थर्मल प्रदुषण है| भारत में वायु प्रदुषण का स्तर दुनिया में सबसे ज्यादा है| यह देश के स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है| भारत की लगभग पूरी आबादी अपने आस-पास हवा में हानिकारक स्तर पर मौजूद पीएम 2.5 कणों के संपर्क में है| और यह सबसे खतरनाक वायु प्रदूषक है|
भारत में वायु प्रदुषण के प्रमुख कारन :-
- औद्योगिक प्रदुषण
- वाहनों से प्रदुषण
- फसल को जलने से
- ग्रामीण खेत्रो में खाना पकाने के लिए बायोमास का उपयोग करने से
- मानव के द्वारा होने वाले प्रदुषण में
- वाहन द्वारा उत्सर्जित गैस
- औद्योगिक उत्सर्जन
- अपशिस्टो के दहन करने से
- अत्यधिक बिजली उत्पादन से
- अत्यधिक निर्माण और तोड़ने में
इन सभी गतिविधियों से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषक में कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, और जहरीले रसायन जैसे आदि है|
भारत में वायु प्रदुषण : Air Pollution In India
भारत में Air Pollution एक प्रमुख मुद्दा है| वायु प्रदुषण में धुल निर्माण का योगदान लगभग 59% है| भारत में हवा में प्रदुषण फ़ैलाने सूक्ष्म कण पीएम 2.5 का स्तर है विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से बहुत जयादा है| जिसके कारन लोगो को सांस से जुडी बहुत सी गंभीर बीमारियाँ होती है| भारत में साल 2019 में 16.7 लाख लोगो की मृत्य केवल वायु प्रदुषण से हुई है| द बीएमजे (द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल) में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत में हर साल बाहरी वायु प्रदुषण से 21 लाख 80 हजार लोगो की मृत्यु हो जाती है| दुनिया के सबसे प्रदूषित 109 देशो की सूचि में भारत के 3 शहर शामिल है जिनमे दिल्ली, कोलकाता, और मुंबई |
भारत में प्रदुषण की दर : Pollution rate In India
2022 में भारत की औसत PM2.5 सांद्रता 53.3 थी| यह WHO के अनुसार वार्षिक दिशानिर्देश स्तर 5 म्युg/m3 से ज्यादा है| अन्य देशो की तुलना में भारतीय औसतन 83.2 म्युg/घन मीटर PM2 के संपर्क में आते है| 1998-2021 तक औसत वार्षिक कण प्रदुषण में 67.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है| जिससे औसत जीवन प्रत्याशा 2.3 वर्ष कम हो गयी है| 2013-2021 तक दुनिया के प्रदुषण में 59.1% बढ़ोतरी भारत से हुई है|
साल 2023 में दिल्ली विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में चौथे स्थान पर रही| IQAir के अनुसार दिल्ली दुनिया के तीन सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है| भारत के सबसे प्रदूषित शहरो की सूचि में 2023 में बर्निहाट सबसे ऊपर था| उसके बाद बेगुसराय और फिर ग्रेटर नॉएडा था|
भारत में प्रदुषण के आंकडे :-
- भारत में 52% प्रदुषण औद्योगिक प्रदुषण से होता है|
- भारत मने 27% वाहनों से प्रदुषन होता है|
- भारत में 17% फसल जलने से प्रदुषण होता है|
- भारत में 5% अन्य श्रोतो से प्रदुषण होता है|
- भारत में वायु प्रदुषण में धुल निर्माण का योगदान लगभग 59% है|
भारत में सबसे स्वच्छ वायु :-
हिमाचल प्रदेश के शिमला को सबसे साफ़ हवा का दर्जा मिला है| इसे pollution free city कहा गया है| स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 के अनुसार भारत में इंदौर, अमरावती, और परवाणु की हवा सबसे स्वच्छ है| वही मुदुरै, जम्मू, और कोहिमा की हवा सबसे ख़राब है| हिमाचल प्रदेश का किन्नौर शहर सबसे इको फ्रेंडली है|
यहाँ की हवा सबसे अच्छा है| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सांस लेने के लिए सबसे शुद्ध हवा शून्य से 50 अंक तक और संतोषजनक हवा 51 से लेकर 100 अंक के बिच मणि जाती है| 200 AQI से लेकर 300 AQI तक ख़राब, और 300 से लेकर 400 तक बहुत ख़राब और 400 से लेकर 500 तक खतरनाक माना जाता है|
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