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ToggleKanwar tribe Chhattisgarh | कंवर जनजाति छत्तीसगढ़
Kanwar tribe Chhattisgarh : कंवर जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख जनजाति समुदाय है | अधिकांश Kanwar tribe समुदाय गांवो और पहाड़ी क्षेत्रो में बसे हुए है | और ये प्रकृति पर निर्भर रहते है | कंवर जनजाति समुदाय के लोग 200 से अधिक गोत्र में बड़े हुए है | इस जनजाति समुदाय के लोग अपने गोत्र का निर्धारण पशु – पक्षी , पेड़ – पौधे , वस्तुओ और कार्यो के आधार पर करते है |
Kanwar tribe के लोग मिले जुले गाँव में या एक अलग टोले के रूप में रहते है जिसे कंवर टोला कहा जाता है | इस जनजाति समुदाय के लोग अपने देवी और देवताओ को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के त्यौहार मनाते है | कंवर जनजाति के लोग प्रकृति के गोद में रहने वाली जनजाति समुदाय है | उत्तर छत्तीसगढ़ में इनकी संख्या सर्वाधिक है |
कंवर जनजाति छत्तीसगढ़ में कहाँ निवास करते है
kanwar janjati छत्तीसगढ़ राज्य की बहुत ही महत्वपूर्ण जनजाति समुदाय है | Kanwar tribe समुदाय के लोग प्रकृति के गोद में रहने वाले है अर्थात इस जनजाति के लोग प्रकृति पर बहुत ही अधिक निर्भर रहते है | यह जनजाति समुदाय छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलो में प्रमुख रूप से पाई जाती है | इस जनजाति समुदाय के लोगो की सर्वाधिक संख्या उत्तर छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक है | छत्तीसगढ़ के रायगढ़ , सरगुजा , सूरजपुर , रायपुर , राजनांदगांव , महासमुंद , धमतरी , बिलासपुर जैसे प्रमुख जिलो में निवास करती है |
इसके अलावा kanwar janjati समुदाय केवल छत्तीसगढ़ में ही नही बल्कि भारत के कई अन्य राज्यों में भी निवास करती है जिनमे मध्यप्रदेश , झारखंड , ओड़िसा , और महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रतिष्टित राज्य शामिल है | साल 2021 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में Kanwar tribe की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है | जबकि साल 2011 में हुए जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ में इनकी कुल जनसंख्या 8 लाख 87 हजार 477 थी | देखा जाए इनकी जनसंख्या में वृद्धि हुयी है |
कंवर जनजाति के प्रमुख गोत्र
kanwar janjati छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख जनजाति है इस जनजाति के लोग छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि देश के कई राज्यों में निवास करती है | Kanwar tribe में 200 से अभी अधिक गोत्र होते है | इस जनजाति समुदाय के लोग अपने गोत्र का निर्धारण पशु – पक्षी , पेड़ – पौधे , वस्तुओ और कार्यो के आधार पर करते है इनके कुछ प्रमुख गोत्र इस प्रकार है – बघावा , बिछी , बिलावा , चन्द्रमा , चिता , चुवा , धनगुरु , गोबर , हदरा , लोधा , सुआ , सोनवानी , भैसा आदि | ये कंवर जनजाति समुदाय के गोत्र है |
कंवर जनजाति का पहनावा कैसा होता है
कंवर जनजाति समुदाय की महिलाये सामान्यता साडी और ब्लाउज पहनती है साथ ही गोदना भी प्रचलन में है | ये कई तरह के आभूषणों के भी शौक़ीन होते है | पर अपनी आर्थिक स्थिति के कारण सस्ती धातु से बनी गहनों का उपयोग करती है | और ये लोग फुल पत्तियों से भी अपना श्रींगार करते है | kanwar janjati के पुरुष मोती धोती , गंजी , अंगा , और गमझा का प्रयोग करते है | इस तरह से उनके पहनावे में प्रकृति के प्रति प्रेम भी दिखाई देता है |
लोकिगीत और लोकनृत्य
कंवर जनजाति समुदाय प्रकृति पर अधिक निर्भर होते है उनकी दिनचर्या में प्रकृति का बहुत ही बड़ा योगदान होता है | इनमे मुख्य रूप से बार नृत्य अभूत ही अधिक प्रचलित है | इसके साथ ये सुआ , भोजली , करमा , रहस नृत्य प्रचलित है | इन नृत्यों के साथ इसके लोग गीत में सुआ , भोजली , रामसप्ताह , फाग गीत , व् सेवा गीत प्रचलित है |
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