female sarpanch of the village : गाँव की महिला सरपंचो का हाल
female sarpanch of the village : छत्तीसगढ़ सहित पुरे भारत में कई गाँव में महिलाओं को सरपंच बनाया गया है | और आज कल की महिलाए होती भी समझादार है | लेकिन गाँव की महिलये आज भी पिछड़ी हुयी नजर आती है जब हमारे sujhaw 24 की टीम ने गाँवो में जा जा कर वह का हाल जाना और वह के सरपंचो से गाँव के विषय में जानकारी लेनी चाही तो हमे गाँव ए बारे में सारी जानकारी महिला सरपंचो के पतियो ने जानकारी दी | इससे यही पता चलता है की गांवो की महिलाओं को सरपंच तो बना दिया जाता है लेकिन गाँव का सारा कामकाज उनकी पति ही सँभालते है | आये जानते इसके बारे में सारी जानकारी |
छत्तीसगढ़ में महिला सरपंच
छत्तीसगढ़ सहित पुरे भारत देश के कई राज्यों के गाँव में महिलाओं को सरपंच पद के लिए चुना जाता है लेकिन अक्सर उन्हें काम नही करने दिया जाता या वे स्वयम काम नही करना छाती है इसका पता नही | जब हमारी टीम ने वहां गाँव गाँव में जा कर गाँव की जानकारी वहां के सरपच से जानकारी लेनी चाही तो ज्यादातर गाँव की जानकारी उनके पतियों ने दी | शहरों में महिलाये तो स्वतंत्र दिखती है लेकिन गांवो की वास्तविकता कुछ अलग ही नजर आती है | वह के महिलाये आज भी आत्मनिर्भर नजर नही आती है | अगर उन्हें अपनी स्थति सुधारनी है तो उन्हें खुद ही आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा कोई उनका पकड कर नही सिखाएगा |
छत्तीसगढ़ में कुल महिला सरपंचो की संख्या
छत्तीसगढ़ के कई गांवो में महिलो की सरपंच बनने के लिए चुना जाता है | और वह वे बढ़ चढ़ कर भाग भी लेती है और वे सरपच तो बन जाती लेकिन उन्हें काम करने की ज्यादा आजादी नही दी जाती है | वे सिमित रह जाती है | छत्तीसगढ़ में कुल महिला सरपंचो की संख्या लगभग 5 हजार 788 है | भले महिलये गाँव की सरपंच बन तो जाती है लेकिन सारा कामकाज उनके पतियों द्वारा किया जाता है | देख कर ऐसा लगता है की उन्हें केवल नाम मात्र के लिए ही सरपंच पद दिया जाता है |
छत्तीसगढ़ में कुल सरपंचो की संख्या कितनी है ?
छत्तीसगढ़ सहित पुरे भारत में पंचायती राज व्यवस्था चल रही है | गांवो में भी हर 5 साल में गाँव के मुखिया का चयन किया जाता है | इसके लिए चुनाव का आयोजन किया जाता है | इस चुनाव का राज्य चुनाव आयोग के द्वारा किया जाता है | पुरे छत्तीसगढ़ में कुल सरपंचो की संख्या लगभग 10 हजार 976 हिया जिनमे महिला सरपंचो की संख्या लगभग 5 हजार 788 है |
ऐसा नही है की सभी गाँव में महिला सरपंच काम नही करती है कुछ गांवो में ऐसी भी महिला सरपंच है को पुरुषो से भी ज्यादा काबिल है और निष्ठावान है इसका एक उदहारण अन्जिता गोपेश साहू जी है जिन्हें शास के द्वारा स्वच्छ सुजल सम्मान से नवाजा गया है | जो वर्तमान में दुर्ग जिले के पतोरा गाँव की सरपंच है | उन्हें यह सम्मान वेस वाटर मैनेमेंट के लिए दिया गया था |
पहली महिला सरपंच कौन थी ?
भारत के सभी राज्यों में कई गांवो में महिलाओ को सरपंच पद के लिए चुना गया है और गाँव के विकास पाना महत्वपूर्ण योगदान भी दे रही है | ऐसे ही भारत के राजस्थान राज्य की छवि राजावत जी पहली महिला सरपंच बनी | और अपनी एक अलग ख्याति प्राप्त की | वे एक वेल एजुकेटेड महिला सरपंच है |
गांवो में महिला सरपंचो की स्थिति कैसे सुधरेगी
हमारी sujhaw24 की टीम ने कई गाँव का सर्वे किया जहाँ पर महिलाओ को सरपंच बनाया गया है | जब हमने उनसे बात करने की कोशिश की तो वे हमे बात करने में हिचकिचाती दिखयी दी | ऐसा प्रतीत हो रहा था की उन्हें गाँव की महत्वपूर्ण चीजो की जानकारी बहुत कम है | गाँव की मुख्य जानकारी जैसे जनसँख्या , मतदाता आदि के बारे में उन्हें जानकारी तक नही थी | उनकी जगह पर उनके पतियों में हमारे सारे सवालों का जवाब दिया | ऐसे सरकार की जिम्मेदारी बनती है की वे इस क्षेत्र में आवश्यक कदम उठाये |
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