enforcement directorate : प्रवर्तन निदेशालय
enforcement directorate जिसे प्रवर्तन निदेशालय कहते है| यह एक सरकारी एजेंसी है| जो भारत में आर्थिक अपराधो की जाँच और करवाई करता है| इसका मुख्य उद्देश्य धनबल और आर्थिक सम्बन्धी अपराधो के खिलाफ कड़ी करवाई करना है| यह संगठन भारतीय क़ानूनी प्रक्रिया के तहत काम करता है| इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है|
history of enforcement directorate : प्रवर्तन निदेशालय का इतिहास
इस संगठन को 1 मई 1956 को भारतीय संविधान के तहत गठित किया गया था| enforcement directorate का इतिहास भारतीय अर्थव्यवस्था में अपराधो के खिलाफ क़ानूनी कारवाई के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है| यह संगठन भारतीय संविधान की धारा 2 के तहत आर्थिक अपराधो के खिलाफ क़ानूनी कारवाई करने का अधिकार प्राप्त करता है| इसके अंतर्गत आने वाले अपराधो में धनबल, नकदी का लेन-देन, हवाला धोखाधड़ी, लौंड्री, धरपकड़, अनियमित धन का उपयोग, और आतंकवादी वित्तीय आदि शामिल है|
about enforcement directorate : प्रवर्तन निदेशालय के बारे में
- प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 1 मई 1956 को हुई थी|
- इसका मुख्य मिशन या काम भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक अपराधो और लौंड्रीन्ग जैसे गतिविधियों से बचाना है|
- प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार की वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है|
- प्रवर्तन निदेशालय की प्रमुख संरचना नई दिल्ली में है और यह राष्ट्रिय स्तर पर कार्य करता है|
- भारत का प्रवर्तन निदेशालय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वित्तीय अपराधो की जाँच करने में सहायता करता है|
work of enforcement directorate : प्रवर्तन निदेशालय के कार्य
- यह निदेशालय आर्थिक अपराधो की जाँच करता है, जैसे की धोखाधड़ी, मनी लौंड्रीन्ग, हवाला तस्करी और काला धन आदि |
- यह संगठन बिना किसी डरऔर बाधा के आर्थिक सम्बन्धी उपकरणों और संपत्तियों की जाँच करता है, जो किसी अपराध में शामिल हो सकता है|
- यह घोटाले से सम्बन्धित जाँच भी करता है|
- प्रवर्तन निदेशालय कभी भी किसी भी जगह छापा मार सकती है|
- यह अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर कार्य कर सकता है जिससे संयुक्त प्रयास किया जा सके|
enforcement directorate can’t do this : प्रवर्तन निदेशालय ऐसा नहीं कर सकता
प्रवर्तन निदेशालय को निम्नलिखित काम नहीं करना चाहिए :-
- न्यायिक अत्याचार :- किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ अनुचित न्यायिक दबाव नहीं डाल सकता है| यह उसके खिलाफ अत्याचार हो सकता है|
- नागरिको के अधिकारों का उल्लंघन :- व्यक्तिगत या सार्वजनिक अधिकारों का गलत तरीको से उल्लंघन करना|
- भ्रस्टाचार :- अधिकारियो के बिच किसी भी प्रकार के भ्रस्टाचार को छुपाना और संरक्षित करना ये गलत है|
- अवैध अत्याचार :- अधिकारियो के द्वारा अवैध तथा गलत तरीके से अपने शक्ति का प्रयोग करना ऐसा नहीं करना चाहिए|
- धार्मिक या सामाजिक भेदभाव :- किसी व्यक्ति या समूह के धर्म, जाति. लिंग, या किसी अन्य पहचान के आधार पर विचार करना फिर कारवाई करना यह गलत है|
See what the ED is currently doing : प्रवर्तन निदेशालय वर्तमान में देखिये क्या कर रही है
- सबसे पहली बात यहाँ पे किसी राजनितिक पार्टी का पक्ष या विपक्ष नहीं लिया जा रहा है| जो सत्य है वो बताया जा रहा है|
- प्रवर्तन निदेशालय स्वयं से ज्यादा अभी सरकार के द्वारा ज्यादा चल रहा है|
- ED अचानक कहीं भी छापा मार रही है इतना सही है लेकिन अधिकतर विपक्षी पार्टी के ऊपर ज्यादा हो रहा है|
- केंद्र में बीजेपी की सरकार है इस वजह से ऐसा लगता है की ED बीजेपी नेताओ के ऊपर छापा नहीं मार रही है जबकि घोटाले सब करते है| और बीजेपी नेताओ की संख्या देश में ज्यादा है तो कही न कही घोटाले भी ज्यादा होंगे|
- ED ऐसे राज्यों के बड़े=बड़े नेताओ, मंत्रियो के ऊपर छापा मार रही है जहा बीजेपी की सरकार नहीं है, जैसे दिल्ली, छत्तीसगढ़, आदि|
- 2014 से जब नरेन्द्र मोदी बीजेपी की सरकार आई है तब से लेकर अभी तक विपक्षी पार्टी के ऊपर 90+ प्रतिशत ED ने एक्शन लिया है| इसका मतलब यही है की ED बीजेपी के फेवर में काम करती नजर आ रही है जबकि यह संगठन सबके लिए समान कारवाई करता है|
- ED को स्वतंत्र रहकर अपना काम सभी के लिए समान करना चाहिए कोई भी नेता हो किसी की भी पार्टी हो यह संस्था सबके लिए एक समान है और कारवाई भी बराबर होना चाहिए|
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