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Effects of radiation on birds | रेडिएशन का पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभावों की बारे में जाने यहाँ

Effects of radiation on birds
Effects of radiation on birds

 

 Effects of radiation on birds  | पक्षी और रेडिएशन

Effects of radiation on birds  : आज के समय में हर इंसान लालची हो गया है जिसके पास सब कुछ है उसे और ज्यादा पाने की चाहत रखता है | हम इंसानों ने अपने इसी लालच की पूर्ति के लिए पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है | आज हम हमारे नेचर पर पक्षियों की भूमिका और उनकी विलुप्ति पर बात करने वाले है | जैसा की आज के समय में पूरी दुनिया एक विकास के एक अंधी दौड़ में लगी हई है जिसमे हर किसी को सिर्फ अपना फायदा नजर आता है कोई भी इंसान अन्य की भी जीव के बारे में नही सोचता है की किसी चीज़ का अन्य जीव पर क्या प्रभा पडेगा |

आज पूरी दुनिया मोबाईल के पीछे भाग रही है | हर किसी को महंगा फ़ोन और सबसे फ़ास्ट इंटरनेट की शुविधा चाहिए , ये नही सोचते है की इसका हमारे पृथ्वी के जीवन में सबसे अहम् रोल इभाने वाली प्यारी पक्षियों पर इसका क्या प्रभाव पडेगा | लोगो की इस फ़ास्ट इंटरनेट की मांग के कारण पूरी दुनिया भर में मोबाईल के टावर्स लगाये जा रहे है | और हाई फ्रीक्वेंसी के इंटरनेट दे रही है जो इन पक्षियों को भारी नुक्सान पहुंचा रही है | पहले गौरिया पक्षी लोगो के आँगन की शोभा हुआ की थी | सुबह की शुरुआत उन नन्ही पक्षियों के चहचहाने से ही हुआ करती थी लेकिन आज इनकी संख्या बहुत काम हो चुकी है |

रेडिएशन का पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभावों की बारे में जाने यहाँ
रेडिएशन का पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभावों की बारे में जाने यहाँ

 

क्या होता है रेडिएशन ?

रेडिएशन एक सामन्य शब्द है जो एक तंरग या कण के रूप में अन्तरिक्ष में घुमने वाली एक ऊर्जा है | रेडिएशन वह ऊर्जा है जो अदृश्य तरंगो या किरणों के रूप में यात्रा करती है | रेडिएशन के संपर्क में आना आज रोजमर्रा की कहानी हो गयी है | बल्कि यहाँ हर समय की बात हो गयी क्युकी हर व्यक्ति मोबाईल अपने हाथ में लिए रहता है जिससे इन मोबाइलों से निकलने वाले रेडिएशन के संपर्क में हर कोई हमेशा रहता है |

मोबाईल नेटवर्क से पक्षियों को कितना ख़तरा

मोबाईल नेटवर्क के रेडिएशन से पक्षियों पर निश्चित रूप से बहुत ही गहरा और हानिकारक प्रभाव पड़ता है | बढ़ते मोबाईल फ्रीक्वेंसी के कारण चमगादड़ के सोनार पर बुरा प्रभाव पड़ता है | वर्तमान समय में भारत में ज्यादातर लोग 4G नेटवर्क वाली इंटरनेट चला रहे है लेकिन भारत में अब 5G मोबाईल नेटवर्क की शुरुआत हो चुकी है इससे पक्षियों के दिमाग पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ सकता है | हाई फ्रीक्वेंसी वाली रेडिएशन के कारण चमगाद पक्षी का सोनार ठीक से काम नही करते है और वे किसी चीज़ से टकरा कर मारे जा रहे है | पहले बहुत अधिक संख्या में दिखने वाली गौरैया पक्षी अब बहुत ही काम दिखाई देते है |

इंसानों की लापरवाही

हम इंसान का मन कभी भी संतुष्ट नही हो सकता है | इंसान अपनी लालच औरआवश्यकताओ की पूर्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाएगा भले इसका किसी पर कुछ भी प्रभाव पड़े | लोगो को पहले 2G , 3G  मोबाईल नेटवर्क की स्पीड काम लगती थी और अब 4G की स्पीड भी काम लाहने लगी है | हम इंसानों की इसी आदत का फायदा उठाने के लिए अब निजी कंपनिया 5G लेकर आ गयी है | इसका पक्षियों पर बहुत ही भयानक प्रभाव पड सकता है  | लोगो क आज यह निश्चय करना होगा की आज उन्हें अपने इंटरनेट को बचाना है या अपने जीवन के लिए पक्षियों को बचाना है |

सरकार की लापरवाही

पक्षियों के विलुप्ति में सबसे बड़ी लापरवाही सरकार की है सरकार को यह पता है की ज्यादा फ्रीक्वेंसी वाली मोबाईल नेटवर्क के विकिरणों से पक्षी के साथ साथ हम इंसानों के को भी भारी खतरा है इसके बाद भी सरकार निजी कंपनियों का साथ दे रही है | और मोबाईल नेटवर्क की फ्रीक्वेंसी को लगातार बढावा से रही है | सरकार को कोई फर्क नही पड़ रहा है की दुनिया किस ओर जा रही है | सरकार से हमारी टीम की ओर से यहाँ निवेदन है की वे इस विषय पर पूरी गंभीरता के साथ सोचे |

कितनी  प्रजाति अब तक लुप्त हो चुकी है ?

खबरों के नुसार पुरि दुनिया में पक्षियों की लगभग 10 हजार 906 प्रजातिया है | जिसमे अकेले भारत में ही 1301 प्रजातीय है | अब तक पूरी दुनिया में करीब 128 पक्षियों की प्रजाति विलुप्त हो चुकी है | यह हमारी पृथ्वी के लिए बहुत ही बुरी खबर है | इन पक्षियों को भगवान् का दूत माना जाता है | जिन्हें आज हम अपने लालच की वजह से नुक्सान पहुंचा रहे है | और 1480 से अधिक पक्षियों की प्रजाति विलुप्त होने के खतरे में है और 223 गंभीर रूप से विलुप्तप्राय है |

रेडिएशन का गौरैया पक्षी पर प्रभाव
रेडिएशन का गौरैया पक्षी पर प्रभाव

 

रेडिएशन का गौरैया पक्षी पर प्रभाव

कभी दिन की शुरुआत गौरैया की चहचहाने से हुआ करती थी लेकिन आज दिन की शुरुआत मोबाईल में वाट्सएप और अन्य शोसल मीडिया से होती है | आज ये नन्ही पक्षी धीरे धीरे गायब हो रही है | आज इस दुनिया में न पेड़ बाख रहे है और न ही इनपर रहने वाले ये नन्हे पक्षी | बाकी कसर इन मोबाईल टावरो ने पूरी कर दी है | एक आकलन के अनुसार गौरैया की अब अब तक 60 से 80 फीसदी आबादी लुप्त हो चुकी है |

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