Coalition politics : मिली जुली सरकार
Coalition politics : भारतीय संविधान में केद्र तथा राज्य स्तर पर भारत में संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है | जिसके आगे बेहतर ढंग से चलाने के लिए कार्य पालिका का गठन व्यवस्थापिका में से किया जाता है | जब संसद के जुचाव के समय में किसी एक राजनितिक दल को बहुमत नही मिल पाता है तो त्रीशंकू विधानसभा की स्थिति बनती है तब राजनितिक दलों द्वारा संगठन का निर्माण किया जाता है |
तब प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री गठबंधन बना कर मिली जुली सरकार का निर्माण करते है जिसमे कम से कम दो राजनितिक दलों की भागीदारी होती है |
Coalition politics प्रमुख विचारक
आँग के अनुशार – “गठबंधन सरकार एक ऐसी सहयोगी प्रबंध का नाम है जिसमे विभिन्न राजनितिक दलों के सदस्य सरकार के गठन या मंत्रिमंडल के निर्माण के लिए एक हो जाते है|”
गठबंधन सरकार या गठबंधन मंत्रिमंडल राजनितिक दलों द्वारा बनाई गई एक मिली जुली सरकार है जो कार्यपालिका की शक्ति – साझा करके सरकार के व्यवस्था में प्रवेश करता है | गठबंधन की सरकार आपतौर पर तब बनता है जब चुनाव के वक्त किसी एक पार्टी को बहुमत नही मिलता है |
मतभेद के बावजूद एक समवेत स्वर
मिली – जुली सरकार या गठबंधन की राजनीति ( Coalition politics )चाहे कितनी ही ठोस प्रतीत हो उसके अन्दर मतभेद जरुर देखा जाता है | संगठन में भागीदारी दलों की बीच जो राजनितिक मतभेद ही राजनितिक दल के बीच अपना अलग अलग राजनितिक अस्तित्व बनाये रखने की प्रेरणा देती है |
सम्मिलन की राजनीति
मिली जुली सरकार को ही सम्मिलन की राजनीति कहते है सम्मिलन की इस राजनीति को चुनाव के पहले या चुनाव के बाद में अपना सकते है | सम्मिलन की इस राजनीति को अपनाने के लिए संगठन के सदस्यों की एक विशिष्ट प्रयोजना होती है | इस सम्मिलन का मुख्य लक्ष्य होता है कि चुवान में बहुमत प्राप्त कर सरकार का गठन करना होता है | चुनाव के समय वह चुनाव के बाद उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए गठबंधन का निर्माण किया जाता है |
मिली – जुली सरकारों के लक्षण
- इस संगठन में कम से कम दो भागिदार होते है |
- भागीदारो की संख्या इसमें अधिक भी हो सकती है |
- गठबंधन में भागिदार राजनितिक दल अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गठबंधन बनाते है |
- एक गठबंधन अस्थायी प्रबंध होते है |
- एक गठबंधन में भागीदार अपनी राजनीतक शक्ति में वृद्धि कर के अलेके ही सत्ता हासिल करने की इच्छा रखता है |
- गठबंधन सरकार का गठन समझौते के आधार पर होता है |
- गठबंधन की राजनीति (Coalition politics) में कठोर राजनितिक सिद्धांतवादी राजनीति का कोई स्थान नही होता है |
गठबंधन की सरकार
- एक दल की प्रधानता वाला गठबंधन – इस गठबंधन में एक राजनितिक दल की प्रधानता होती है एक या एक से अधिक राजनीतक दल उस दल के साथ जुड़े होते है जो छोटे राजनितिक कार्यकरण में प्रभाव डालता है | जिसके चलते छोटे राजनितिक दल के सरकार के अलग होने पर भी सरकार बनी रहती है |
- लगभग समान शक्ति वाली दो परस्पर विरोधी गठबंधन – इन संगठनों का निर्माण चुनाव के पहले ही हो जाते है | राज्य की राजनीति इन दोनों संगठनों में बट जाती है |
- निषेधात्मक आधार पर गठित अनेक राजनितिक दलों का गठबधन – इस संगठन में भागीदार दल किसी अन्य राजनितिक दल को अपने समान और शक्तिशाली शत्रु मानते है | उस शक्तिशाली शत्रु को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन का निर्माण किया जाता है |
- राष्ट्रिय सरकार – राष्ट्रिय सरकार में देश के सभी राजनितिक दल शामिल होते है | द्वितीय महायुद्ध के समय ब्रिटेन में राष्ट्रिय सरकार का गठन हुआ | जिसके बाद विभिन्न स्तर में भारत में राष्ट्रिय सरकार के गठन की बात हुई | लेकिन अब तक कभी राष्ट्रिय सरकार का गठन नही हुआ |
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