Baloda Bazaar Movement : छत्तीसगढ़ बालौदा बाजार हिंसा की पूरी सच्चाई
Baloda Bazaar Movement : कल का पुरे छत्तीसगढ़ के लिए एक भुत ही बड़ा सबक वाला दिन था | कल अर्थात 10 जून 2024 छत्तीसगढ़ के बालौदा बाजार में सतनामी समाज के द्वारा महा आन्दोलन किया गया जिसमे पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश से कई हजार लोगो ने हिस्सा लिया था | इस आन्दोलन ने शाम के समय बहुत से विकराल रूप ले लिया और पुरे बालौदा बाजार जिले के कलेक्ट्रेट को जला कर ख़ाक कर दिया | लेकिन इसमें आखिर किसकी गलती क्या प्रशासन ने लोगो क उकसाया आइये जानते है इसकी पूरी खबर |
बालौदा बाजार हिंसा
कल अर्थात 10 जून को छत्तीसगढ़ के बालौदा बाजार में सतनामी समाज महाआन्दोलन हुआ जिसमे हिंसा झडप भी हुआ | लेकिन इसमें गलती आखिर किसकी थी | जब हमारी टीम ने वह गये एक व्यक्ति ( सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाम नही लिखा गया है ) से बात की तो पता चला की कल हुए आँदोल को शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना था लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से इस आन्दोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया |
जानकारी के अनुसार पुलिस प्रशासन ने अग्नि शामक वाहन को बिच में लाकर लोगो पर पहले आसु गैस के गोले और पानी फेक कर लाठी चार्ज कर दिया इसके बाद प्रशासन की इस हरकत से गुस्साए लोगो ने पहले बैरिगेट्स को तोड़ा और अग्नि शामक वाहन को तोड़ फोड़ कर कलेक्ट्रेट पहुचे | लेकी लोगो का गुस्सा और ज्यादा भड़क उठा जब वह के कलेक्टर महोदय और एसपी जी वह से भाग गये | इसकेबाद लोगो ने कलेक्ट्रेट में पथराव करना शुरू कर दिया |
आखिर ये आन्दोलन क्यों हुआ
इस आन्दोलन के होने का जिम्मेदार न्पुरी तरह से सरकार और यहाँ के पुलिस प्रशासन की है | पिछले महीने अर्थात 16 – 17 मई की रात को गिरौदपुरी से पांच किलोमीटर की दुरी पर स्थित अमर गुफा में बनाये गये जैतखाम को कुछ आसामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़ा गया जिसके बाद लोगो को जानकारी होने की बाद उन्होंने वह चक्का जाम कर कारवाही की मांग की जिसमे पुलिस ने 3 लोगो को गिरफ्तार भी किया |
लेकिन समाज के लोगो का मानना है की ये असली गुनहगार नही है | और सामज के लोगो ने प्रशासन से सीबीआइ जाँच की मांग की किन्तु सरकार ने उनकी बातो को आश्वासन देकर ऐसे छोड़ दिया | इसके बाद हर दिन समाज के लोगो द्वारा प्रशासन को अर्जी देते रहे लेकिन उनके द्वारा कोई भी उचित कार्रवाही न किये जाने पर सतनामी समाज द्वारा एक बैठक आयोजन किया गया जिसमे इस महा आन्दोलन को करने का निर्णय लिया गया | इस सोसल्मिडिया और अन्य जरियों से पुरे प्रदेश में भेजा गया | और प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह आन्दोलन हुआ |
लोगो के भड़के का कारण क्या था
सतनामी समाज के द्वारा अमर गुफा में तोड़ फोड़ किये जाने से और प्रशासन के उचित कारवाही और सीबीआइ जांच की मांग पूरी न होने के कारन सतनामी समाज के लोगो ने 10 जून को महा आन्दोलन करने का निर्णय लिया | लेकिन समाज के द्वारा शान्ति पूर्ण तरीके से आन्दोलन करने का निर्णय लिया गया था और प्रसासन से अनुमति भी मांगी गयी थी |
जिसमे कहा गया था की इस आन्दोलन में करीब 6 हजार से 7 लोगो की आने की खबर दी गयी थी किन्तु इस आन्दोअलन में कई हजार लोगो ने अपने धर्म की रक्षा के लिए भाग लिया , जिसे देखकर प्रशासन के होंश उड़ गये | और कलेक्टर महोदय मौके से भाग गये |
इसके बाद पुलिस प्रशासन के द्वारा लोगो के ऊपर आसू गैस के गोले और पानी फेकर लाठी चार्ज कर दिया और इसके बाद जनता प्रशासन की इस हारकत से गुस्स्सा होकर वह पहुचे 3 अग्नि शामक वाहनों में से 2 में तोड़ फोड़ की और बैरिगेट्स को तोड़ कर आगे चली गयी | इसमें साफ़ साफ हिंसा भड़काने के पीछे प्रशासन का हाथ दिखाई देता नजर आता है |
न्यूज़ चैनलों द्वारा फैलाया गया झूठ
सतनामी समाज द्वारा कल किये महां आन्दोलन में हिंसा हुयी जिसमे कलेक्ट्रेट ओफिस को आग के हवालेव कर दिया गया | लेकिन समाचार चैनल वाले इस घटना को बहुत ही ज्यादा बढ़ चढ़ा कर बाताने की कोशिश कर रहे है | उनके अनुसार सतनामी समाज के लोगो ने 100 कार और 200 बाइक को जला कर राख कर दिया किन्तु वह पर स्वयं गये एक व्यक्ति ने बताया की कलेक्ट्रेट ऑफिस में इतनी गाडिया ही नही थी | समाचर चैनल वाले अपनी टीआरपी बढाने के चक्कर में इतना झूठ बोल रही है लोगो का इन चैनलों पर से भरोसा उठ गया है |
सतनामी समाज के लोगो का विचार
लोगो का कहना है की पुलिस ने जिन लोगो को इस तोड़ फोड़ के लिए गिफ्तार किया है वो असली अपराधी नही है बल्कि इस मामले में कोई और शामिल है | ऐसा इस लिए क्युकी लोगो का मानना है की जिन्हें गिफ्तार किया गया है वे इस राज्य के नही है बल्कि वे लोग बिहारी है | उनका मानना है की उस जगह के बारे में अधिकतर लोगो को जानकारी नही होती है |
स्वयं इस राज्य के लोगो को भी उस जगह के बारे में जानकारी नही थी तो बहार राज्य से आये लोगो को को इसकी जानकारी कैसे हो सकती है इन्ही सब चीजों को देखते हए सतनामी समाज के लोगो ने इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग की लेकी उनकी इस मांग पर उचित कारवाही न किये जाने पर यह महा आन्दोलन हुआ इसका परिणाम लोगो के सामने है |
अपने धर्म के हुए इस अपमान को लेकर लोगो में आक्रोश
पिछले महीने अर्थात 16 -17 मई अमर गुफा में स्थित जैखाम को कुछ आसामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़ दिया गया जिसको लेकर सतनामी समाज के लोगो में बहुत ही ज्यादा आक्रोश देखने को मिल रहा है | लोगो का कहना है अगर अयोध्या के राम मंदिर के साथ ऐसा हुआ होता तो क्या सरकार चुप रहती ? लोगो ने सरकार के ऊपर जातिवाद को जन्म देने का अआरोप भी लगाया है | सतनामी समाज के लोगो का कहना है की अगर हमारे धर्म के साथ बहुत ही अन्याय किया गया है |
और लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए लड़ रहे है | कई लोगो ने इस मामले में सरकार को पर आरोप लगाए | sujhaw24 की टीम की ओर से लोगो से निवेदन है की वे शान्ति बनाये रखे |
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