Artificial Intelligence
Artificial intelligence आज हमारा जरुरत बन गया है उसके मदद से न तो हम ब्रम्हांड के रहस्य को जान सकते है और न ही कम समय में वो हासिल कर सकते है जो हमारा करने का मन हो |जिस तरीके से AI की बुद्धिमता बड रहा है उससे तो लगता है कि आने वाले समय में AI इतना विकसित हो जायेगा की सम्पूर्ण ब्रम्हांड का रहस्य जावाब दे पायेगा | AI का समूर्ण Technology हमें बड़े बड़े प्रोजेक्ट में जैसे की टाइम मशीन बनाने में वाम हॉर्स को बनाने में या फिर space fabric को समझने में हमारी मदत कर सकता है और ये technology nano from काई सारी बीमारियों को ख़तम कर सकता है|
Artificial Intelligence के महत्व
अब तक के Research के अनुसार
1 . इसमें हम अन्य प्राणियों से बात चित कर सकते है इस तकनीक के द्वारा इसान और अन्य प्राणी आपस में एक दुसरे से बात कर सकेंगे और अपने भावनावो को व्यक्त कर सकेंगे | अगर अपने यह नही सोचा है तो अभी से इसके बारे में सोचना शुरू कर दो क्युकी आज विकसित हो गया है एक ऐसा तकनीक जिसके द्वारा हम अन्य प्राणियों से बात करने में बदत गार साबित होगी | इस तकनीक का सबसे पहले प्रयोग चमगादड पर किया गया था |
उस इन्सान का नाम था यु सी योवेल उन्होंने चमगादड़ो में यह पाया की चमगादड़ो में एक खास तरीके का अनुशासन पाया जाता है जब वह झुण्ड में होते है तो वह बहुत ही अनुशासन से अपना वर्तन करते है | इतने काबिलियत या इतने कुशलता आपस में एक दुसरे से बात चित बिना संभव नही है | इस लिए प्रोफेसर ने चमगादड़ो के बिच की बात चित करने का माध्यम है उसे पता लगाने के लिए बहुत ही गहनता से अध्ययन किया गया और इस अध्ययन में उन्होंने देखा की जब भी चमगादड सीकर करने के लिए निकलते है तो वो अपने मुह से एक खास तरीके से आवाज निकलते है |
ये आवाज उनके सिकार करने के टकराकर वापस चमगादड़ के पास आता है इस आवाज के विव के माध्यम से चमगादड़ अंदाजा लगा सकते है की उनके सीकर की स्तिति क्या है माध्यम से की उनके सीकर के स्तिथि क्या है किस प्रकार का है वह कितने दूर में है अगर ये जो सिकार है वो बहुत ही लम्बी दुरी में है तो चमगादड एक समय के निश्चित अन्तराल में आवाज निकलते है और अगर सिकार बहुत नजदीक या गति सिल है तो वह सॉर्ट अन्तराल में आवाज निकलते है|
अब हमें ऐसे चमगादड़ो के आवाज के बारे में हमें जानना है कि उनके दीमक में क्या चल रहा है तो इसके लिए बहुत सारा डेटा चाहिए |इस डेटा को प्राप्त करने के लिए वैग्रनिको ने एक छोटी सी चिप बनाई इस चिप में जीपीएस ट्रेकर, माइक्रो फ्रोंट ई.सी.जी.ई.ई.जी. और बहुत ही छोटे कैमरा जैसे सिस्टम मौजूद थे | इस छोटी सी चिप को 22 चमगादड़ो पर स्टोन किया गया | इससे जो डेटा वैज्ञानिको को प्राप्त हुआ वह बहुत ही रोचक था | इसका एक पूरा डॉक्यूमेंटरी नैशनल जियोग्राफी चैनल में भी वर्णित किया गया था| इस डेटा ने हमें कई प्रकार की जानकारियों से आवगत कराया |
पहले हमें लगता था की चमगादड लगातार 7 कि.मी. तक ही उड़ सकता था लेकिन जब हमें चिप से डेटा प्राप्त हुआ तो मालूम हुआ की चमगादड लगा तार बिना कोई रोक टोक 20 कि.मी. या उससे भी ज्यादा तक उड़ते रहे थे | और जितनी भी चिप चमगादड़ो पर लगाया गया था उनका आपस में कोई सम्बन्ध नही था फिर भी इन चमगादडो में से एक चमगादड़ को मेंढक मिला तो बाकि के चमगादड़ इस चीज को भाप गये और वहा तक पहुच गये |
इस चिप में लगे microphone ने चमगाद के सिकार के पहले आवाज और सिकार के बाद के आवाज इन सभी आवाज को रिकॉर्ड किया | दोनों ही आवाजो में फर्क था और ऐसे ही डेटा कई अन्य चमगादड़ो में भी पाया गया |
प्रोफेसर ने चमगादडो की ऐसी कई अलग अलग मोसन की करीब 15000 हजार आवाज को रिकोर्ड किया और इसका एक पूरा डेटा बेस बनाया | अब इतने बड़े डेटा बेस कौन सी परिस्थितियों में कैसी आवाज चमगादड निकलते है ये एक इन्सान के लिए जानना बहुत ही मुस्किल था |
एक इन्सान कभी भी इतने बड़े डेटा को व्याख्या नही कर सकता है इस लिए यहाँ पर हमें जरुरत हुआ AI की AI की मदत से इस पुरे डेटा का अल्गोरिथम बनाया और इस डेटा को पूर्ण रूप से प्रोसेस करके AI ने हमें बताया कि हा चमगादड बोल सकते है |इतना ही नही उनके अलग अलग नाम भी होते है और वो नाम दे कर एक दुसरे को पुकारते है और उनमे आपस में बहस भी होता है और उनमे आपस में लड़िया भी होते है |
अब हमारे व्यज्ञानिक यह भी कोसिस कर रहे है की चमगादड के बातो को भाषा का रूप भी दे सके और AI के द्वारा उनके बातो को प्रोसेस कर जो हमारे लिए एक आउट आफ द बॉक्स ही सही लेकिन थ्रुद AI उसे हम समझने की कोशिश करेंगे |व्यज्ञानिक ये भी कोशिश करते है की इन सभी डेटा को और चमगादड के भाषा को हमारी अपनी भासा में AI के दयारा ट्रांसलेट भी कर पाए और ऐसे ही कई रिसर्च मच्छली और कचुहे पर भी चल रह है |
2. इससे बहुत ही जल्दी बड़ी बड़ी बिमारिय ठीक हो जाएगी | हमारे व्यज्ञानिक और हमारे बायोलॉजी हमारे ह्युमन सेल के लिए जितना भी जानती है वो हमें लगता था बहुत हद तक प्रयाप्त है लेकिन नासा के आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ह्युमन कोस यानि सेल्स के अन्दर भीतरी दुनिया में गोता लगाया तो तब जाके हमें मालूम हुआ की हम सेल्स के बारे में जितना जानते है या जितना पढ़े है वो तो एक siddhi का पहला स्टेप भी नही है IA के माध्यम से हमें ये मालूम हुआ की सेल के बारे में हम वास्तव में कुछ नही जानते थे |
मानव शारीर के अन्दर 37 ट्रिलियन सेल्स होते है और ये सभी सेल्स 200 प्रकार के होते है दुनिया में सबसे पहली बार रॉबर्ट हट ने पेडो के सेल्स की मैक्रोस्कोकॉपी इमेज लिया था इस इमेज से हमने सजीवो में सेल्स के बारे में जाना | इसके बाद वैज्ञानिको ने इसके ऊपर बहुत सरे अध्ययन किये और सेल्स को पूरा छान लिया |
लेकिन तब तक हमने सेल्स के बारे में जितना भी जाना था वोतो वहुत ही कम था अब हम सेल्स को तो अपने खुले आखो से तो नही देख सकते है और इसी लिए सेल्स को देखने के लिए मैक्रोस्कोप्स की जरुरत पड़ता है | इसे देखने के लिए हमें इन सेल्स का सेम्पल चाहिए होता है और जब हम इस सेम्पल को देखते है तो हम उस सेम्पल को मृत रूप में देखते है तो भीर हम इसे जीवित फॉर्म में कैसे देख सकते है |
अब यहाँ पर शुरू होता है artificial intelligence की कोस को आलिव रूप में और उसको सम्पूर्ण जानकारी जानने के लिए एक Artificial Intelligence विकसित किया गया है और AI के इस सिस्टम का नाम है Music इसका पूरा नाम multi scale integrated cell इस प्रोग्राम में सेल का एक डिजिटल माडल बनाया जाता है |
जो सेल की डिटेल में Mapping और इसके बाद हमें सेल्स के अन्दर वो चीजे देखने को मिलती है जो हमें आश्चर्यचकित कर देती है Artificial Intelligence के माध्यम से सेल्स का एक पूरा माडल तैयार होता है और इस माडल को हम डिटेल में देख सकते है | वैज्ञानिक यहाँ पर ये भी जान सकते है कि सेल का व्यव्हार कैसा है सेल कैसे काम करते है |
जब सबसे पहली बार किडनी के सेल का निरिक्षण किया गया तो किडनी के एक सेल में 79 के एक नये सेल मिले है और इस नये मिलने वाले डेटा ने हमें वाकई चौका दिया है इसके अन्दर के प्रोटीन पर भी हमने अध्ययन किया जिसमे सामिल RNA की प्रक्रिया और इसमें से हमें कई सारे प्रोटीन मिले जिसे पहले से हम नही जानते थे कि और ऐसे प्रोटीन किडनी में भी होते है |
इतने सारे डेटा हासिल करने से किडनी के अन्दर कई सारी बीमारियों को ओवर कम करने के लिए हम रिसर्च कर रहे है | ऐसे हमारे वैज्ञानिक Artificial Intelligence की मदत से Heart , liver, kidney stomach और ऐसे कई सरे Organ के कोसो का अध्ययन कर रहे है इनकी वजह से रोगों पर कई सारे नियंत्रण करे सकते है |ये सब संभव होगा Artificial Intelligence के ही मदत से |
3. इससे ब्रम्हांड की गहरियो को समझ सकेंगे यह बात AI ने साबित किया है कि ब्लेक होल के सबसे पहले तस्वीर जारी कर के | साल 2019 के पहले ब्लेक होल एक बस Theory का विषय था हम ब्लेक होल को तो Theory जानते थे लेकिन ब्रम्हांड में उसकी कही मौजूदगी है या नही वो हमें मालूम नही था |
साल 2019 में नासा ने एक ब्लेक होल की रियल तस्वीर कैच किया ये तस्वीर ब्लेक होल के Event Horizon के माध्यम से मिली ये तस्वीर किसी कैमरे से नही बल्कि 8 -8 दूरबीन से कैप्चर किया गया था | ये अत्याधुनिक दूरबीन जब ये ब्रम्हांड का कोई डेटा हासिल करते है तो ये डेटा Numbers के फॉम में होते है और इस Number के फॉम को कंप्यूटर के द्वारा Interpreted किया जाता है और ये कंप्यूटर फूली अत्याधिनिक Artificial Intelligence से लेस थे |
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