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ARTIFICIAL INTELLIGENCE: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2018-19 के बजट में यह बात उल्लेखित किया था कि केंद्र सरकार एक थिकटैक नीति आयोग जल्दी ही देश में कृत्रिम बुद्दिमत्ता कार्य क्रम किस प्रकार चालू करना है इसका एक रूप रेखा तैयार करेगा | भारत से पहले पढ़ोसी देश चीन ने त्रिस्तरीय आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कार्य क्रम की रुपरेखा जरी किया था , जिसके बल पर वह 2030 तक विश्व में आगे जाने का सोच रहा है |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (ARTIFICIAL INTELLIGENCE ) किसे कहते है
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (ARTIFICIAL INTELLIGENCE ) का सबसे पहले शुरुआत सन 1950 में हुआ था आर्टिफीसियल इंटेलिजेस का अर्थ है कृत्रिम तरीके से विकसित की गया एक बौद्धिक क्षमता है | इसमें बौद्धिक क्षमता या रोबोटिक सिस्टम बनाया जाता है जिसे उन्हें तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिस आधार पर हमारा मानव मस्तिष्क कार्य करता है |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के जनक कौन है
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के जनक जान मैकार्थी के अनुसार यह एक बुद्धिमान मशीन है विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और यह एक मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया एक इटेलिजेस है | आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस मनुष्य की तरह इटेलीजेस तरीके से सोचने वाला एक तरीके से साफ्टवेयर बनाने का तरीका है |
यहाँ इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सिखाता है कैसे निर्णय लेता है कैसे निर्णय लेता है और किस प्रकार से काम करता है |
सरकार दे रहा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस बढ़ावा
सरकार के द्वारा राष्ट्रिय स्तर पर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कार्यक्रम की रूप रेखा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक समिता का निर्माण किया गया है | इसमें साशन के प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षाविदो तथा उसके साथ उद्योग जगत को भी प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा |
वर्तमान समय में बजट में सरकार ने फिफ्थ जनरेशन टेक्नोलागी स्टार्टअप के लिए 480 मिलियन डालर के सहुकत प्रदान किया है जिसमे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस मशीन के बारे में पढाई इंटरनेट आफ थिग्स , 3 –D प्रिटिंग और ब्लाक चेन शामिल है |
ऐसे हुआ था शुरुआत
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का शुरुआत 1950 के दशक में ही हो गया था लेकिन इसके महत्व को 1970 के दशक में लोगो को जानकारी मिला | जापान ने सबसे पहले इस ओर ध्यान दिया और सन 1981 में फिफ्थ जनरेशन के नाम से एक योजना का प्रारंभ किया गया | इस योजना के तहत सुपर कंप्यूटर के विकास के लिए 10 वर्षीय कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत किया गया |
इसके बाद दुसरे देशो ने भी इस ओर अपना ध्यान दिया | ब्रिटेन ने इसके लिए एल्वि नाम से एक प्रोजेक्ट बनाया | इसको देखते हुए युरप संघ के देशो ने भी एस्प्रिट नाम से एक कार्यक्रम प्रारंभ किया | इसके बाद से ही 1983 में कुछ निजी संस्थाओ एक साथ मिल कर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीको , जैसे – Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिय एक संघ माइक्रो इलेक्ट्रानिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की स्थापना किया |
7 सूत्री रणनीति
इससे पहले के वर्ष में केंद्र सरकार ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के लिए 7 सूत्री रणनीति तैयार की थी | जो आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इस्तेमाल करने के लिए भारत की युद्ध से सबधित सामान तैयार करने में करेगी | इसमें प्रमुख है –
मानव विकास के लिए नये मशीन बनाना |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और R एंड D के साथ एक समक्ष कार्य बल का निर्माण करना |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करता है |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को मानव मानकर और बेचमार्क के माध्यम से मापन का मूल्याकन करना |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के नैतिक , क़ानूनी और समजिक निहितार्थ को समझाना तथा उन पर काम करना है |
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