working rule in india : एस.एन.सुब्रमण्यम के द्वारा हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए देखिये क्या कहती है भारतीय कानून
हाल ही में अभी ऐसे कई लोग सामने आ रहे है जो कह रहे है की भारत के लोगो को हफ्ते में 70 घंटे, 80 घंटे , 90 घंटे (90 hours work) काम करना चाहिए ताकि देश को आगे प्रगति की ओर ले जाया जा सके | अभी हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एस.एन.सुब्रमण्यम ने इसी को लेकर एक बयान दिया है और कहा है की एम्प्लोइज को हफ्ते में 90 घंटे (90 hours work) काम करना चाहिए | और इसी को लेकर देशभर में एक बहस छिड़ गयी है |
इससे पहले इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति (Narayan murti) ने भी एक ऐसा ही बयान दिया था जिसमे कहा गया था की भारत के युवाओ को हफ्ते में 70 घंटे (70 hours work) काम करना चाहिए | लेकिन अधिकतर लोग इसकी निंदा कर रहे है क्योंकि ये लोग सिर्फ काम के घंटो को लेकर कह रहे है लेकिन असल में कैसा काम और कैसी salary के अनुसार हो यह नहीं कह रहे है | इनके ऐसा कहने से तो फिर एक मजदुर जो घर बनाने का काम करता है उसे पूरा 14 घंटे एक दिन में काम करना चाहिए | कितनी बकवास बाते है है न | इसको लेकर कुछ नियम भी बनाये गए है जिसे आपको जानना चाहिए |
इन लोगो ने तो कह दिया की इतने घंटे कम करो लेकिन असल में जीवन के लिए क्या जरुरी है ये सिर्फ काम करने वाला ही जानता है | ये लोग आपको दिनभर काम करवाना चाहते है चाहे आप मजदुर हो या किसी कंपनी के एम्प्लोय | लेकिन असल में आप कितना अच्छा काम करते है उससे कम , आपको और अधिक देर तक काम करना चाहते है ताकि वे लोग और अपनी जेब भर सके | आप अपने काम को कितनी बेहतर तरीके से और स्मार्ट तरीके से करते है वह मायने रखता है न की घंटे | ऐसे लोगो की बैटन का विरोध होना चाहिए आप जानवर नहीं है आप इन्सान है |
भारत में काम करने का नियम : rules of working in India
working rule in india : फैक्ट्रीज एक्ट 1948 (Factory Act 1948) के अनुसार भारत में काम के घंटो को लेकर एक सीमा (working rule in india) तय की गयी है | जिसके अनुसार भारत की कंपनियों और प्रोडक्शन यूनिट्स में एक दिन अधिकतम 9 घंटे और हफ्ते में करीब 48 घंटे काम करने का समय तय है | और फिर 9 घंटे के काम में बिच में एक घंटा खाने के लिए भी समय शामिल है | और उसके साथ साथ हफ्ते में एक दिन अवकाश देने का नियम भी है | इसी में अगर कोई कर्मचारी अपने तय समय से अधिक काम करता है तो उसे ओवरटाइम का पैसा देना होगा |
कंपनी मनमानी करे तो क्या करे
फैक्ट्री एक्ट 1948(Factory Act 1948) में काम के घंटे के साथ साथ कंपनी के खिलाफ कारवाई के नियम (working rule in india) भी है | इस एक्ट की धारा 92 के अनुसार अगर कोई कंपनी इस कानून के किसी भी प्रावधान को लेकर मनमानी करता है या नियमो का उल्लंघन करता है तो उस पर एक लाख का जुर्माना और कंपनी के मालिक को एक साल तक की सजा हो सकती है |
सैलरी / ओवरटाइम का पैसा न मिलने पर क्या करे
अगर आपने ईमानदारी से अपना काम किया है तो आपको अपनी salary पाने का पूरा हक है | लेकिन अगर आपको कोई सैलरी देने से इंकार करता है या मनमानी करता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते है | सबसे पहले आपको स्थानीय पुलिस से लिखित शिकायत करनी होगी | अगर पुलिस कारवाई न करे तो कर्मचारी राज्य सरकार के लेबर कोर्ट में अपनी शिकायत कर सकता है |
उस लिखित शिकायत में ठेकेदार या कंपनी का नाम, पता और अपने काम का स्थान | उसके बाद अपना पूरा नाम , फोन नंबर, अपनी ID उसके बाद बकाया राशी की जानकारी देनी होगी | उसके बाद आपको ये भी बताना होगा की अपने किस जगह कितने घंटे , किस प्रोजेक्ट के लिए काम किया है | इसके साथ साथ आप लेबर कमिश्नर ऑफिस में भी शिकायत कर सकते है | उसके बाद यह कारवाई होगी और आपको आपकी बकाया राशी मिल जाएगी |