Ujjain Mahakal temple : उज्जैन महाकाल मंदिर
सावन का मास कहते है महादेव का महिना होता है मतलब जब सावन लगता है तब महादेव की भी पूजा अर्चना इस माह सबसे अधिक होती है और सभी भक्त लोग महादेव के मंदिर जाकर उनका दर्शन करते है तथा भगवान से अपनी मनोकामना मांगते है| तो आज 22 जुलाई 2024 से सावन का मास प्रारंभ हो रहा है और आज से हर महादेव के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना भी होगी साथ ही प्रतिष्ठान भी होगा|
तो सावन लगते ही महादेव के मंदिरों में भक्तो का सैलाब उमड़ पड़ता है इसी कड़ी में आज हम जानेंगे Ujjain Mahakal temple के बारे में | यह ऐसा मंदिर है जहाँ पर साल के हर दिन हमेशा भीड़ रहती है और सावन लगते ही यह भीड़ लाखो में पहुँच जाती है| यह मंदिर बहुत विशेष है , यहाँ mahakal की भष्म आरती होती है जो महादेव को सबसे अधिक प्रिय है | तो आइये जानते है इस मंदिर के बारे में विस्तार से |
Ujjain mahakal : उज्जैन महाकाल
यह मंदिर मध्यप्रदेश के प्राचीन और पवित्र नगरी कहे जाने वाली उज्जैन में स्थित है| यह मंदिर हिन्दुओ और पुरे भारतवासियों के लिए विशेष महत्त्व रखता है| यहाँ जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है वो बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है| तो आइये इसके इतिहास के बारे में जान लेते है |

history of Ujjain mahakal :- उज्जैन महाकाल मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओ से जुड़ा है इसका उल्लेख शिव पुराण में भी मिलता है | शिवपुराण के अनुसार उज्जैन में एक ब्राम्हण परिवार निवास करता था और इस परिवार में चार पुत्र थे जिन्होंने कठिन तप किया और इनके तप से प्रसन्न होकर महादेव यहाँ महाकाल के रूप में विराजमान हुए|
एक और कथा है जिसके अनुसार राजा चंद्रसेन महादेव के परम भक्त थे एक ग्वाले को महादेव के ज्योतिर्लिंग का दर्शन हुआ और उस ज्योतिर्लिंग को शिवलिंग के रूप में यहाँ स्थापित किया और जब उज्जैन पर आक्रमण हुआ तो महादेव , महाकाल रूप में प्रकट हुए और राजा चंद्रसेन और उज्जैन की रक्षा किए| इसे अवंतिका नगरी के रूप में भी जाना जाता था, और यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है|
अब आइये जानते है इस मंदिर की विशेषता तथा रोचक बातें facts about Ujjain mahakal :-
- . सबसे बड़ी बात यहाँ होने वाला भष्म आरती जो विश्व प्रसिद्ध है| यह आरती हर दिन सुबह होती है, इस शिवलिंग को भष्म से अभिषेक कराया जाता है और इसमें शामिल होना बहुत ही शुभ माना जाता है|
- . महाकाल का यह मंदिर महाशिवरात्रि और सावन के महीने में अत्यधिक भीड़ रहता है , और इसी समय विशेष पूजा होती है तथा मेले का भी आयोजन होता है|
- . अब कुछ ऐतिहासिक महत्वो के बारे में देखे तो गुप्तकाल के समय से इस मंदिर का उल्लेख मिलता है हालाकि यह मंदिर बहुत पुराना है गुप्तकाल के समय में इस मंदिर का पुनर्निर्माण चल रहा था|
- . परमार वंश के राजा भोज ने भी महाकाल मंदिर का पुनर्निर्माण तथा विस्तार कराया था|
- . 13 वीं सदी जब मुग़ल का आक्रमण हुआ तब इस मंदिर को बहुत क्षति पहुंची लेकिन फिर भी भक्तो के प्रेम और विश्वास की वजह से इसका पुनर्विकास होता गया|
- . उसके बाद मराठा काल के समय से इस मंदिर को शोभा और भव्यता और बढ़ गयी और वर्तमान में पूरी दुनिया इसके बारे में जानती है|
वर्तमान समय में लाखो भक्त सावन के माह में दर्शन करने जाते है और बहुत भीड़ होती है आप भी भगवान महाकाल का दर्शन जरुर करे | ऐसे ही और अधिक महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे :- sujhaw24.com
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