भारत और चीन सम्बन्ध : Relation of India And China
भारत और चीन के बिच राजनयिक सम्बन्ध 1 अप्रैल 1950 को स्थापित हुआ था| भारत, चीन के जनवादी गणराज्य के साथ सम्बन्ध बनाने वाला पहला गैर-साम्यवादी देश था| 1949 में चीन में साम्यवादी शासन की स्थापना हुई थी| तब भारत ने उसे मान्यता देने में एक बड़ा किरदार निभाया था|
1954 में चीन के प्राधानमंत्री चाओ-एन-लाई भारत ए थे और दोनों देशो के प्रमुख प्रधानमंत्रियो ने पंचशील के सिधान्तो को अपने संबंधो का आधार माना और 1954 में ही दोनों देशो ने संयुक्त रूप से पंचशील इसका मतलब (शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिधांत ) का अर्थ स्पष्ट किया और इसे माना|भारत और चीन के बिच करीब 2152 किमी की सीमा जुडी हुई है जो एक दुसरे से साझा होती है| इस क्षेत्र में कुछ विवाद भी होते रहते है जैसे अक्साई चीन को लेकर Bharat इसे लद्धाख का हिस्सा मानता है जबकि China इसे अपना शिनजियांग मानता है| भारत में दलाई लामा की उपस्थिति भारत-चीन के संबंधो में भी बाधा या कड़वाहट उत्पन्न करती है| चीन use अलगाववादी मानते है|
चीन, भारत का हिस्सा:- पहले समय में विद्वानों का मानना है या उनके अनुसार महाभारत काल में चीन जो है भारत का हिस्सा था| महाभारत के सभापर्व में भारतवर्ष के प्रग्य्ज्योतिश प्रान्त का जिक्र मिलता है| प्रग्यज्योतिश का मतलब आज के असम से था| ( पूर्वोत्तर के 8 प्रान्त)| और कुछ अन्य लोगो का मानना है की इक्ष्वान्कू वंश के राजा मान्धाता ने भी चीन पर शासन किया था और चीन उसी जम्बुद्वीप का हिस्सा था| जिसे अब भारत कहा जाता है|
भारत और चीन विवाद : India and China Dispute
Relation of India And China : फरवरी 2022 की बात है जब विदेश मंत्री ने लोकसभा में एक सावल के लिखित जवाब में कहा था की चीन ने Bharat के लगभग 38 हजार वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्ज़ा कर रखा है| और यह कब्ज़ा करीब 6 दशको से है| इसके अलावा 1963 में पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर (POK) का 5180 वर्ग किमी क्षेत्र चीन को दे दिया|
चीन ने 2020 से 2000 वर्ग किमी भारतीय भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है और चीन ने 2023 का मानचित्र जारी किया था उसमे अरुणाचल प्रदेश और अक्साई China को अपना हिस्सा दिखाया था| परन्तु भारत का स्पष्ट रूप से मानना है की अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा| इसी के साथ 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशो के सैनिको के बिच झड़प हो गयी थी| और जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हुई थी|
1962 भारत और चीन का युद्ध : 1962 war between India and China
1962 में भारत और चीन के बिच एक बहुत बड़ा युद्ध हुआ था| इस युद्ध के पीछे का कारन अक्साई और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेय्त्रोकी संप्रभुता को लेकर विवाद बहुत था| 1962 का युद्ध 20 अक्टूबर को शुरू हुआ था और एक महीने बाद चीनी युद्ध विराम और भारत की हार के साथ युद्ध ख़त्म हुआ था| इसमें भारत के ज्यादा सैनिक मारे गए थे|
युद्ध की कुछ और वजहों में 1959 में भारत ने अध्यात्मिक नेता दलाई लामा को शरण दी थी| झंडा लगाने की आक्रामक होड़ और थागला रिज से चीनियों को हटाने की मूर्खतापूर्ण योजना| 1962 के युद्ध के बाद भारत और चीन के बिच कई बार झडपे हुई है जिसमे 1993, 1996, 2005, 2012 और 2013 में दोनों देशो के बिच समझौता भी हुआ| इस युद्ध को सुलझाने के लिए भारत ने फॉरवर्ड पालिसी के तहत मैकमोहन रेखा से लगी सीमा पर अपनी सैनिक चौकियां रखी थी| इस युद्ध में भारत के 1,383 सैनिक मारे गए थे और करीब 1700 गायब हुए थे|
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