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ToggleRatan Tata life struggle : रतन टाटा अपने जीवन में किस तरह कामयाब हुआ
Ratan Tata life struggle : बड़े सपने देखे हो तो आपको बड़ा मेहनत भी करना होगा यह लाईन Ratan Tata पर जरुर बैठता है | इसके जीवन में सामना हर मोड़ पर एक मुश्किल हालात से हुई है | इनका जन्म को बहुत नामी परिवार में हुआ जो की गुजरात के सूरत में रहने वाले कारोबारी थे | लेकिन उनके जन्म के बाद ही उनके माता पिता दोनों में ऐसा विवाद हुआ कि दोनों अलग हो गाए |
Ratan Tata upbringing : रतन टाटा का पालन पोषण
Ratan Tata का पालन पोषण उसकी दादी ने किया | उनकी अच्छी पढाई भी करवाई विदेश में भी पढ़े लेकिन जब उनके मन में कारोबार शुरु करने की बात आई तो उन्होंने फिर से बहुत कठिन हालत से गुजर रहे कंपनी की जिम्मेदारी को सौप दी |
Fighting struggles since childhood : बचपन से ही संघर्षो से लड़ना
उसके बचपन से ही संघर्ष करने का काम आगे जा कर उनकी काम आई दुःख कि बजाय उन्होंने परेशानियों का हस कर सामना किया | कठिन मेहनत कर के उन्होंने कंपनी को फायदे में ला दिया | यह कहानी है देश के महान बिजनेस मेन रतन टाटा की |
इनका पूरा नाम रतन नवल टाटा है इनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरद में हुआ था पिता का नाम नवल टाटा था और माता का नाम सोनू टाटा था | उनके माता पिता के बीच तलाख हो गया था इस लिए उनका पालन पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था | रतन टाटा को उन्होंने गोद ले लिया था |
इस तरह दत्तक पुत्र के तौर पर उनकी परवरिश हुई थी वही रतन टाटा के पिता ने सिमोन टाटा से दूसरी सादी की थी | इस लिए Ratan Tata का एक सौतेले भाई भी है इनका नाम है नोएल टाटा |
Ratan Tata early education : रतन टाटा की शुरुवाती पढ़ाई
रतन टाटा की शुरुवाती पढ़ाई मुम्बई के कैथेड्रल और जाँन केनल स्कूल में की थी इसके अलावा अमेरिका से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढाई साल 1962 में की थी | आखीर में हावर्ड यूनिवर्सिटी से 1975 में एडवास मेनेजमेंट प्रोग्राम किया था |
Ratan Tata success story : रतन टाटा की सफलता की कहानी
रतन टाटा के परिवार के लोग बिजनेस किया करते थे पढाई ख़त्म करने के बाद उन्होंने वर्ष 1971 में राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रानिक कंपनी में प्रभारी वह निर्देश के पद पर नियुक्त किया गया | जिस समय उन्हें यह कंपनी की कमान सौपी गई उस वक्त कंपनी पुरे समय से गुजर रही थी | लेकिन इस कठिन समय से मु मोड़ने के बजाय रतन टाटा ने अपनी काबिलियत के दम पर NELCO कंपनी को इस बुरे दौर से उबारा बल्की 20% तक कंपनी की हिस्सेदारी भी बढाने में सफलता भी प्राप्त किया |
Financial loss to the company : कंपनी को आर्थिक नुकशान
इमरजेंसी और आर्थिक मंदी से कंपनी को काफी नुकसान हुआ था | फिर सन 1977 में टाटा को यूनियन की हड़ताल का सामना करना पड़ा | जिसके कारन बाद में नेल्को कंपनी बंद करनी पड़ी थी |
Ratan Tata company list : रतन टाटा की कंपनी लिस्ट
कुछ समय बाद Ratan Tata को कपडा मिल इम्प्रेस मिल्स की जिम्मेदारी दे दी गई | यह कंपनी भी उस समय घाटे में चल रही थी | आखीर कार कुछ समय बाद इसे भी बंद करना पड़ा था | लेकिन रतन टाटा ने कभी अपने जीवन में हार नही मानी है यह कहा जाता है कि Ratan Tata इस कंपनी को बंद नही करना चाहते थे |
लेकिन मज़बूरी में यह फैसला लेना पड़ा था | अब भले ही जिन दो कंपनियों की कमान उन्हें दी गई थी इस समय के बीच Ratan Tata के परिवार को उसकी काबिलियत समझ में आ गई थी जिन बुरे समय में उन्होंने कंपनी को कितना ऊपरउठाया था | उसे देखते हुए जेआरडी टाटा ने वर्ष 1981 में रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज के उतराधिकारी बनाने की घोषणा कर दी |
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