Political Leader : राजनीतिक नेता देखिये इनकी राजनीती वादे से लेकर झूठे भाषण तक सबकुछ

political leader : राजनीतिक नेता

राजनीतिक नेता एक ऐसा व्यक्ति जो किसी डाल या पार्टी का प्रमुख होता है| वह जनता द्वारा ही चुने जाते है और वह जनता की भलाई के लिए ही कार्य करते है| political leader सरकार में किसी विशेष पद पर आसीन रहता है|  इनका काम रहता है समाज के सभी वर्गों के मध्य समन्वय स्थापित करना, जनता के लिए नीतियों का निर्माण करना और निति के अनुसार जनता के भलाई के लिए सही कार्य करना|

political leader
political leader

 

राजनीती वादे : political promises

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाते है| वैसे-वैसे नेता सक्रीय होते जाते है| एक नेता के लिए चुनाव उसके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है| क्योंकि चुनाव होता है नेता चुनने के लिए जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है| और यही जो नेता होते है वो चुनावी समय अपने कार्यकर्ताओ के साथ गाँव-शहर, गली-मोहल्ला भ्रमण करते है, बैठके लगाते है, समस्या सुनते है | यह सब चुनाव समय ही होता है|अब आते है प्रमुख चीजो पर जैसे सबसे बड़ी बात चुनाव के समय किया जाने वाला वादा|

प्राचीन समय से एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है- ” प्राण जाये पर वचन न जाये” | पर अब के समय में जैसे यह स्वार्थी मन बन गया है की हर कोई कुछ भी वादे कर रहा है| राजनीतिक नेता चुनावी वादे के समय सबसे ज्यादा सक्रीय रहते है और वही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, चुनावी वादे करने में| जैसे ही चुनाव तारीखों की घोषणा होती है वैसे ही राजनीतिक नेता झूठे वादे बनाना शुरू कर देते है| उन्हें भी पता है की ये वादे सिर्फ चुनाव के लिए है चुनाव ख़तम फिर ये वादे ख़तम|

चुनावी समय political leader गरीबो की, महिलाओ की, किसानो की, और युवाओ की बात करते है| लेकिन असल में उसे पूरा नही करते | कहते है की हम युवाओ के लिए ज्यादा से ज्यादा उद्योग बनायेंगे जिससे वे उसमे नौकरी कर सके जबकि ये नही कहते की हम युवाओ को नौकरी देंगे| गरीबो के लिए कहते है हम आपको फ्री चावल देंगे, आवास देंगे ये सब तो ठीक है पर महंगाई से राहत कब देंगे ये नहीं बताते| किसानो को चंद पैसे देकर उन्हें भ्रम में रखते है, कभी बोनस का पैसा नहीं देते, कभी समर्थन मूल्य बहुत कम होता है|

महिलाएं चुनावी झूठे वादे में सबसे ज्यादा फसती है इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा लोभ दिया जाता है| जैसे महतारी वंदन योजना, उज्ज्वला गैस योजना, आवास भी महिलाओ को ज्यादा देना, इससे महिलाएं उनको ज्यादा वोट करेंगे| चुनाव समय में कहते है हम महिलाओ को लखपति बनायेंगे , लाख रुपये देंगे किन्तु जो उनके पति है पुरुष है उनका क्या? | रिपोर्ट के अनुसार देश में महिला वोटर्स ज्यादा है और महिलाएं वोट भी ज्यादा करती है इसलिए राजनीतिक नेता  का ध्यान महिलाओ पर सबसे ज्यादा रहता है|

भारत देश जो युवाओ का देश कहलाता है पर यहाँ युवा का सुनने वाला को नेता नहीं बस बात और झूठे वादे कर देते है और चुनाव ख़तम तो वो वादे भी ख़तम| बहुत सी भर्तियाँ निकलती तो है लेकिन सिर्फ नाम के लिए | जिन मुद्दों पर सरकार को राजनितिक नेता को बात करनी चाहिए उस पर एक्शन लेना चाहिए उस पर बात नहीं करते है|

राजनीतिक नेताओ के झूठे भाषण

चुनावी समय political leader बहुत से भाषण देते है| बहुत सी सभाएं करते है, बैठक आयोजित करते है| और इन सबमे राजनीतिक नेताओ का भाषण कैसा होता है बिल्कुल निम्न स्तर का जैसे हमेशा एक पक्ष दुसरे या अपने विपक्षी पार्टी के ऊपर ही बात करेगा उस पर ही हमला करेगा जैसे उसने ये किया हमने वो किया, उसने वो नहीं जो हमने किया, हमने विकास किया उसने उसे चकनाचूर किया आदि|

राजनीतिक नेताओ के झूठे भाषण , political leader, politician, political leader image, राजनीतिक नेता, राजनेता, राजनीती वादे
राजनीतिक नेताओ के झूठे भाषण

 

राजनीतिक नेताओ के भाषण जनता के लिए नहीं होते वो होते है विपक्षी पार्टी के लिए क्योंकि वो अपने भाषण में जनता की बात कम और विपक्षी पार्टी की बात अधिक करते है| राजनीतिक नेता के लिए पहले क्या जरुरी होना चाहिए देश लेकिन आज के समय में इनके लिए जरुरी हो गया है सत्ता| किसी घटना को लेकर, मंदिर को लेकर, धर्म को लेकर, जातिवाद को लेकर, आरक्षण को लेकर इसी पर राजनितिक नेता बात करते है| और गलत तरीके से अपने भाषण में इसे शामिल करते है, ताकि जनता उसके तरफ हो जाये|

धर्म विरोधी भाषण देना, धर्म को लेकर गलत जानकारी फैलाना और गलत सन्देश देना की उसने धर्म को चोट पहुंचाई है, उसने इस धर्म को गलत कहा आदि|और अपने बचाव में वो धर्म को लेकर एकदम धार्मिक बन जाते है, और चुनाव ख़तम होते ही ये सब भूल जाते है| प्रमुख बात ये है भारत की जो राजनीती है वो बहुत ही गलत हो गयी है, हर कोई नेता सिर्फ धर्म, जाति, आरक्षण,पक्ष-विपक्ष इसी की बात करता है और इसी के नाम पर वोट मांगते है| राजनीती की निति में नेताओ को सुधार करने की जरुरत है| 

पहले देश सर्वोपरि होना चाहिए| अटल बिहारी बाजपेयी जी ने कहा था की सत्ता चाहे अपने पक्ष में हो या न हो देश पहले होना चाहिए|तो यह थी आजकल के राजनितिक नेताओ के चुनावी समय के झूठे वादे और भाषण का सच| यह जानकारी सही लगी हो तो आप जरुर कमेन्ट करे और ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे :- sujhaw24.com

Join Whatsapp Group Join Whatsapp Channel
Join Telegram Channel download 1 2

 

यह भी पढ़े :- 

1.Big News Largest Ocean : सबसे बड़ा महासागर देखिये पृथ्वी की सतह से 750 किलोमीटर नीचे सबसे बड़ा महासागर

2.Reality Of Web series : वेबसीरीज की सच्चाई अश्लीलता से लेकर खतरा तक देखिये सारी जानकारी

3.College Education : कॉलेज की पढाई देखिये सारी सच्चाई क्या से लेकर कहाँ तक

4.Social Media Addiction : सोशल मीडिया की लत देखिये कितना भयावह है कारण से लेकर खतरा तक सबकुछ

5.World Hypertension Day : विश्व हाइपरटेंशन दिवस देखिये इसके बारे में पूरी जानकारी

 

Leave a Comment