Nature component : प्रकृति के घटक
Nature एक विशाल, अद्वितीय और अद्भुत है| प्रकृति हमें संतुलन, सुन्दरता, और शांति का अनुभव कराती है| यह सभी मनुष्यों को उर्जा और प्रेरणा देती है | प्रकृति से पुरे मानव जीवन के लिए वनस्पति, जल, वायु, खनिज आदि सबकुछ मिलता है| इसका स्वरूप भी अत्यंत समृद्ध है| यह सभी सजीवो, निर्जीवो और वनस्पतियो का समहू है जो आपस में संगठित होकर एक महत्वपूर्ण जीवन और संतुलित वातावरण प्रदान करती है|
प्रकृति का स्वरूप : nature’s form
- विशालता :- nature बहुत विशाल, अद्वितीय, और असीमित है|
- समृधि :- यह सभी जीवो को समृधि और प्राकृतिक संतुलन प्रदान करता है|
- सौन्दर्य : प्रकृति का सौन्दर्य सभी जीवो को आकर्षित करता है और हमें निरंतर संतृप्ति प्रदान करता है|
- शक्ति :- प्रकृति हमें उर्जा और शक्ति का श्रोत प्रदान करती है जो सभी जीवो के लिए आवश्यक है|
- संतुलन :- प्रक्रति संतुलन का अनुभव कराती है जिससे हमारा जीवन सुखमय होता है|
प्रकृति के प्रमुख घटक : main components of nature
प्रकृति के प्रमुख घटक निम्नलिखित है :-
- प्राणियां :- यह संवेदनशील जीवन जीने वाले सजीव जंतु होते है जो प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है|
- वनस्पति :- सभी पेड़-पौधे जो हमें ओक्सिजन प्रदान करती है| इसके कारन वातावरण सुन्दर और स्वच्छ रहता है| इससे अच्छी हवा, वर्षा, हरियाली आदि मिलते है|
- जल :- यह मनुष्य जीवन के लिए अमृत के समान है यह अमूल्य धारा है और पृथ्वी पर सभी जीवो के लिए महत्वपूर्ण है|
- वायु :- यह सभी जीवो को ओक्सिजन प्रदान करता है जिससे सभी जीव जीवित रहते है और शुद्ध हवा ग्रहण करते है| यह वायुमंडल को स्थिर बनाये रखता है|
- भूमि :- यह सभी जीवो को खाद्य , उर्जा और बहुत से संसाधन प्रदान करती है और बिना इसके जीवन संभव भी नहीं है|
प्रकृति के बिना मानव जीवन : human life without nature
- उर्जा की कमी :- प्रकृति के बिना मानव जीवन को उर्जा नहीं मिलेगी जिससे दैनिक गतिविधियाँ प्रभावित होंगी|
- वातावरण संतुलन की हानि :- प्रकृति के अभाव में वातावरण संतुलन बिगड़ जायेगा जो मानव स्वास्थ के लिए हानिकारक हो जायेगा|
- प्राकृतिक संसाधनों को कमी :- प्रकृति के बिना मानव को प्राकृतिक संसाधनों को कमी होगी जैसे की पानी, खाद्य, और उर्जा |
- मानसिक विकास :- प्रकृति के साथ सम्बन्ध न होने से मानव की मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जिससे मानसिक स्वास्थ प्रभावित होगा|
- सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधो में कमी :- प्रकृति के अभाव में मानव के सामाजिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध भी प्रभावित होंगे जिससे उनमे विकास रुक जायेगा|
प्रकृति का अत्यधिक शोषण : over exploitation of nature
- वनस्पतियों की कटाई :- जंगलो की तेजी से कटाई और वनस्पतियों का अत्यधिक उपयोग प्रकृति के लिए और पर्यावरण के संतुलन को प्रभावित कर रहा है|
- जल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग :- जल के अत्यधिक उपयोग से जल की कमी होती जा रही है आने वाले समय में यह एक बड़ा खतरा उभरकर आयेगा|
- लोभ, लालच :- लोभ के कारन मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए वनों का विनाश, खनिजो का अधिक दोहन आदि कर रेह है|
- प्राकृतिक प्रदुषण :- प्रकृतिक घटकों के अत्यधिक दोहन से प्रदुषण का भी खतरा बढ़ रहा है |
- जलवायु परिवर्तन का कारन :- प्रकृति के घटकों का दुरूपयोग उसका अन्धाधुन दोहन से जलवायु परिवर्तन हो रहा है जो मनुष्य के साथ साथ पुरे सजीव जगत के लिए खतरा पैदा हो रहा है|
हम सभी को यह समझना होगा की nature मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है| इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती| यह मानव को सबकुछ प्रदान करती है जिससे मानव जीवित रह सके और अपना जीवन यापन कर सके| परन्तु इसके बदले में हम मनुष्य प्रकृति को कुछ देने के बजाय उसका अत्यधिक दोहन कर रहे है, प्रदुषण बढ़ा रहे है, जलवायु परिवर्तन आदि जैसे संकट उत्पन्न कर रहे है| प्रकृति से मानव जीवन है तो हमें भी प्रकृति को बचाना है|
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