September 8, 2024
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Identity of Sikhism : सिख धर्म की पहचान क्या है सम्पूर्ण जानकारी यंहा पढ़िए

सिख धर्म की पहचान क्या है
सिख धर्म की पहचान क्या है

 Identity of Sikhism : सिख धर्म की पहचान क्या है सम्पूर्ण जानकारी यंहा पढ़िए

Identity of Sikhism : आप जानते है कि हमारा देश भारत विविधता में एकता है क्योकि यंहा अलग अलग धर्मो के लोग निवास करते है जैसे – हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध, और पारसी l जिससे इन विभिन्न धर्मो में अलग अलग संस्कृतिया देखने को मिलता है l ये सभी धर्म भारत में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है l आइये जानते है कि सिख धर्म की पहचान क्या है l

सिख धर्म की पहचान

बता दे की सिख धर्म भारत में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है l जैसा की आप जानते है सिख धर्म के लोग (पुरुष) पगड़ी पहनते है और लम्बे बल, दाढ़ी रखते है l इसके अलावा सिख धर्म की पहचान आप उनके इन पांच विशेषताओ को देखकर समझ या पहचान सकते है l

सिख धर्म की पहचान, Identity of Sikhism
सिख धर्म की पहचान
  1. केश ( बिना कटे हुए लम्बे बाल )
  2. किरपान ( स्टील की तलवार )
  3. करा या कड़ा ( एक मोटा स्टील कंगन )
  4. कंगा ( पूर्व में लकड़ी की कंघी )
  5. कचेरा ( सूती अंडरवियर )

इस तरह सिखों में इन पांच चीजो को पहनने से आप पहचान सकते है l इन पांच चीजो को पहनने का अर्थ यह है कि वे अपने सिख धर्म के गुरु के प्रति समर्पण का भाव और अपने सम्पूर्ण जीवन के लिए समर्पित करते है l

  1. केश ( बिना कटे हुए लम्बे बाल ) – सिख धर्म के लोगो का यह सबसे बड़ा स्पष्ट प्रतिक या चिन्ह है l बिना कटे हुए लम्बे बाल (केश) सिख के लिए पवित्र और सक्ती का प्रतिक माना जाता है l कहा जाता है की एक सिख का सिर अपने गुरु के लिए समर्पित होता है और बिना कटे हुए बाल गुरु के प्रति सच्ची भक्ति, प्रेम का प्रमाण है l
  2. किरपान ( स्टील की तलवार ) – यह एक साधारण तलवार है जो अपने धर्म के प्रति रक्षक और इसे भगवान् के रूप में भी माना जाता है l इसका प्रयोग वे अत्याचार को रोकने के लिए और किसी तनाव या दबाव से राहत पाने के लिए करते है l इस किरपान की कोई निश्चित आकार नहीं होती लेकिन कुछ इंच से लेकर तीन फिट हो सक्ती है जिसे म्यान में रखकर कपड़ो के नीचे या ऊपर रखते है l
  3. करा या कड़ा ( एक मोटा स्टील कंगन ) – यह कड़ा अपने गुरु के प्रति निरंतर लगाव का प्रतिक है l ये कड़ा सीखो के कार्य कर रहे को निरंतर स्मरण कराता है l और गुरु द्वारा दिए गए उपदेश का स्मरण करते हुए सच्चे कर्म और कार्य करने चाहिए l कड़े का गोलाकार होने का यह संकेत देता है कि इस धर्म में इश्वर की कोई शुरुआत और अंतिम नहीं है l
  4. कंगा ( पूर्व में लकड़ी की कंघी ) – सीखो के पास कंघी रखने का मतलब यह होता है की वे अपने जीवन को स्वच्छ और व्यवस्थित रखे l
  5. कचेरा ( सूती अंडरवियर ) – बता दे की ये कपडे वास्तव में घुटनों के ऊपर पहनने वाला पतलून का जोड़ा है l यह वस्त्र सीखो को स्वच्छता, शिष्टाचार, गरिमा, शारीरिक व्यभिचार, यौन संकीर्णता से सुरक्षा का स्मरण कराता है l

सिख धर्म का इतिहास

बता दे की सिख धर्म की स्थापना 15 वी शताब्दी में भारतवर्ष में सिख के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के द्वारा शुरुआत हुई l जिसकी नीव सबसे पहले भारत के पंजाब में रखा गया l इस धर्म में मंदिरों को गुरुद्वारा कहा जाता है l सिख धर्म में धार्मिक ग्रन्थ है जिसे गुरु ग्रन्थ साहिब या दसम ग्रन्थ भी कहा जाता है l

कौन थे गुरु नानक इनका जन्म कब हुआ

जैसा की आप जानते है सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, गुरु नानक देव जी थे l इनका जन्म 14 अप्रैल 1469 में रवि नदी के पास तलवंडी नामक ( पाकिस्तान ) गाँव में हुआ था l गुरु नानक देव जी के नाम के कारण इस गाँव का नाम ननकाना रखा गया l  इनका जन्म एक हिन्दू परिवार में हुआ था l इनके पिता मेहता कालू जो गाँव में मुनीम थे और माता तृप्ता देवी जो एक धार्मिक महिला थी l गुरु नानक जी का 16 वर्ष की आयु में ही माता सुल्खनी के साथ विवाह हो गया था l इनके दो पुत्र थे श्रीचंद और लक्ष्मी चंद l

गुरु नानक देव जी के कार्य

गुरु नानक देव जी के कार्य
गुरु नानक देव जी के कार्य

 

गुरु नानक जी ने वास्तव में भारतीय समाज में फैली हुई अन्धविश्वासो , कुप्रथाओ, जर्जर रुढियो और दिखावा को समाप्त करने का कार्य किया l वे प्रेम, परिश्रम, सेवा , परोपकार, और भाई-चारा का स्मरण करते हुए सिख धर्म को स्थापित किया l गुरु नानक जी ने सभी धर्मो का भ्रमण कर उसकी अच्छाइयो को समाहित किया l उनका प्रमुख उपदेश यह था कि इश्वर एक है उसी के कारण हम सब जीवन जी रहे है l हम सब एक ही इश्वर के संतान है और हम सब उनके लिए बराबर है l

सिख धर्म के 10 गुरुओ के नाम

बता दे की सिख धर्म में 10 गुरुओ ने अपने समय के साथ अलग अलग सिद्धांत और कार्य किये l इसी कारण इस धर्म के धार्मिक ग्रन्थ को दसम ग्रन्थ भी कहा जाता है l  इन 10 गुरुओ के नाम निम्न है –

  1. गुरु नानक देव
  2. गुरु अंग देव
  3. गुरु अमरदास
  4. गुरु रामदास
  5. गुरु अर्जन देव
  6. गुरु हरगोबिन्द
  7. गुरु हरीराइ
  8. गुरु हरि क्रिशन
  9. गुरु तेग बहादुर
  10. गुरु गोबिंद सिंह

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