haappy international labor day |अंतर्राष्ट्रीय मजदुर दिवस 2024
haappy international labor day : मजदुर केवल भारत का ही नही बल्कि पूरी दुनिया में कई तरह के निर्माण कार्यो को संभव बनाने वाला | इनके मेहनत के बिना कही भी एक छोटा सा घर तक नही बनाया जा सकता है | देश की दशा सुधरने में इनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहता है | मजदूर हमारे देश का सबसे मेहनती दिवार है | मजदुर देश की आर्थिक स्थिति के बेहतर बनाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
क्यों मनाया जाता है ?
मजदुर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है | इस दिन को मानाने का एक ही उद्देश्य है इस दिन को हर साल दुनिया भर में मजदूरो और श्रमिको के जीवन को सम्मान देने के लिए ई मई को मजदुर दिवस के रूप में मनाया जाता है | इस दिन को लेबर डे या ,मई डे भी कहा जाता है | पूरी दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने और बुनियादी स्तर पर काम शुरू करने के लिए मजदुर जरुरी है | और उनका सम्मान करना जरुरी है |
मजदुर दिवस का इतिहास
वर्तमान समय से लगभग 135 साल पहले यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में मजदूरो की स्थिति बहुत ही खराब थी | वहा पर मजूदरो की एक दिन में लगभग 15 घंटो तक काम करवाया जाता था | और उन्हें ऐसी जगहों पर काम करना पड़ता था जहा पर न तो उचित सफाई है और न ही खुली हवा होती थी | इन सब ख़राब परिस्थियों से तंग आकर मजदूरो ने अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए आन्दोलन करने का विचार किया |
इन सब कारणों से अमेरिका के कई मजदुर अक्पने हक़ की लड़ाई के लिए सडको पर आन्दोलन के लिए उतर गये | और उन्होंने सरकार से मांग की , की उन्हें दिन में मात्र 8 घंटे काम करवाया जाए | और उनके काम करने की जगहों में सुधार किया जाये | यहाँ पर हवा पानी की सुविधा हो | इन सब मान को लेकर मजदुर बेकाबू हो गये थे जिसे देख कर पुलिस वालो को उनपर गोलिया चलानी पड़ी जिसमे 100 से भी ज्यादा मजदूरो बुरी तरह से घायल हो गये और कई मजदूरो में पानी जान गंवा दी |
इसी दिन को याद करते हुए सन 1889 को अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मलेन की दूसरी बैठक में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदुर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया | एयर साथ ही इस दिन हर विभाग में छुट्टी का भी प्रस्ताव रखा गया | और इसी दिन ही श्रमिको को 8 घंटे से ज्यादा का न कराए जाने का बिल पारित हुआ |
भारत में मजदुर दिवस की शुरुआत
भारत में मजदुर दिवस मनाये जाने की शुरुआत 1923 में हुयी | भारत में सबसे पहले मजदुर दिवस मानाने की शुरुआत चेन्नई में हुई थी | इसे भारत में वामपंथियों ने शुरू किया था | इसके बाद देश कई मजदुर संगठनो ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की | भारत में यह दिन 1 मई को मनाया जाता है | इस दिन पुरे भारत में पब्लिक हॉलिडे भी रखा जाता है |
अंतर्राष्ट्रीय मजदुर दिवस मनाये जाने का उद्देश्य
हर पुरे भारत में अंतर्राष्ट्रीय मजदुर दिवस 1 मई को हर साल मनाया जाता है | इस दिन को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य देश के निर्माण में श्रमिको के योगदान को याद करना | उनके सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है | इस दिन श्रमिको के संघर्ष को याद किया जाता है | उनके कामो की सराहना की जाती है | साथ ही इस दिन को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरो के अधिकारों की रक्षा भी है | ओर मजदूरो को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का सन्देश दिया जाता है |
अंतर्राष्ट्रीय मजदुर दिवस 2024 का थीम
किसी भी दिवस को मानाने के लिए एक विशेष विषय पर फोकस किया जाता इस साल मजदुर दिवस का थीम Ensuring workplace safety and health amidst climate change रखा गया है इसका अर्थ है की – जलवायु परिवर्तन के बीच काम की जगह पर श्रमिको के स्वास्थ्य और सुरक्षा को महत्व देने पर जोर दिया जाएगा |
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