Corruption in India : भारत में भ्रस्टाचार
Corruption (भ्रस्टाचार ) का शाब्दिक अर्थ वह आचरण से है जो किसी भी तरह से अनैतिक और अनुचित हो, भ्रस्टाचार एक प्रकार का बेईमानी और अपराध होता है| इसमें कोई भी व्यक्ति अपने लाभ के अपने शक्ति का दुरूपयोग करता है| जैसे- रिश्वत देना या उसे स्वीकार करना, अनुचित तरीके से उपहार देना, दोहरा व्यव्हार करना, और अन्य लोगो जैसे निवेशको को धोखा देना| सत्ता का ऐसा दुरूपयोग भी दो या दो से अधिक दलों के बिच विस्वास को ख़त्म करता है और लोकतंत्र को कमजोर बनाता है|
भ्रस्टाचार : Corruption
ट्रांसपेरेंसी अन्तर्राष्ट्रीय की हाल ही के 2023 की भ्रस्टाचार धारणा सूचकांक (index) में भारत 180 देशो की सूचि में 93 वें स्थान पर रहा है| साल 2022 में भारत 85 वें स्थान पर था| भारत में भ्रस्टाचार प्रतिदिन बहुत बढ़ रहे है और ये रिश्वत लेने वाले बड़े बड़े अधिकारी, नेता,पुलिस आदि होते है आजकल तो छोटे-छोटे कर्मचारी भी जैसे गाँव के सचिव, पटवारी, सरपंच, पार्षद आदि भी थोड़े से काम के लिए रिश्वत लेते है| भारत में सबसे ज्यादा भ्रस्टाचार के प्रकार में राजनैतिक भ्रस्टाचार, पुलिस द्वारा, और न्यायिक भ्रस्टाचार है| भारत में भ्रस्टाचार के बहुत से कारन है जैसे-
- वस्तुओ और सेवाओ की कमी के कारन
- पारदर्शिता के अभाव के कारण
- अत्यधिक नियम, जटिल कर और लाइसेंस प्रक्रिया के कारण
- अपारदर्शी नौकरशाही और विवेकाधीन शक्तियों वाले बहुत से सरकारी विभागों के कारण
- पारदर्शी कानून और प्रणालियों की कमी
- अत्यधिक वेतन होते हुए भी अपने स्वार्थ की पूर्ति के करने के लिए
- काम कम और लोभ के कारन रिश्वत लेना
भ्रस्टाचार के उदाहरण : example of Corruption
- 2008 में ट्रांसपेरेंसी अन्तर्राष्ट्रीय की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पुलिस द्वारा जो कर एकत्र किये जाते है वो विभाग सबसे ज्यादा भ्रस्टाचार थे|
- Indian Corruption सर्वे के अनुसार 2019 में राजस्थान सबसे भ्रष्ट राज्य है और यहाँ 78% लोगो का मानना है की उन्होंने काम के लिए रिश्वत दिए है|
- 2019 में ही भ्रस्टाचार में कृषि विभाग सबसे आगे था और पुलिस विभाग 2 नंबर पर था|
- 2020 में Corruption के मामले में गृह विभाग पहले नंबर पर आ गया क्योंकि उस समय भ्रस्टाचार के 11 मामले गृह विभाग से मिले थे|
- इसी के साथ 2005 में ट्रांसपेरेंसी के अध्ययन पे पाया गया की 62% से ज्यादा लोगो को सार्वजनिक कार्यालय में सेवाएं प्राप्त करने के लिए रिश्वत देना पड़ता था इसका अनुभव इनको था|
भारत में सबसे भ्रष्ट : most corrupt in India
विभागों की बात करे तो भारत में सबसे ज्यादा Corruption वाला विभाग पुलिस विभाग है, 2020 में ट्रांसपेरेंसी इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 में से 5 लोग मानते है की उन्हें सरकारी अधिकारियो या कर्मचारियों को रिश्वत देना पड़ता है| इसमें से 39% का मानना है उन्हें कहा गया है की रिश्वत दो फिर काम होगा इसलिए उन्होंने रिश्वत दी|
भारत में पुलिस कर विभाग सबसे ज्यादा भ्रष्ट पाया गया है, 2020 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पुलिस विभाग के खिलाफ सबसे ज्यादा केस दर्ज किये थे| भ्रस्टाचार की नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार का केन्द्रीय सतर्कता आयोग है| 2023 के रिपोर्ट के मुताबिक भ्रस्टाचार के मामले में महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्णाटक सबसे ऊपर है| और अच्छी बात ये है की सबसे ईमानदार वाले राज्य में मिजोरम है|
दुनिया का सबसे ईमानदार देश डेनमार्क है और सबसे भ्रष्ट देश सोमालिया है जो 180 स्थान पर है| भारत में हर कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत लेता है जिसमे से छोटे से अधिकारी, कर्मचारी से लेकर बड़े-बड़े नेता शामिल है और बहुत से विभाग है |
- पुलिस विभाग के साथ कृषि विभाग भी भ्रष्ट में सबसे ऊपर है|
- जो IAS , IPS होते है और ऊपर बड़े पद पर पहुँच जाते है वो भी रिश्वत लेते है|
- गाँव, शहरों में सरपंच,सचिव,पटवारी से लेकर पार्षद, महापौर आदि|
- अपने क्षेत्र से जुड़े विधायक भी|
- ट्रैफिक में खड़े पुलिस जो बेवजह भी घुमाकर आपसे रिश्वत लेते है|
- बड़े-बड़े नेता है जो बहुत से रिश्वत के पैसे छुपाकर रखते है और ED का जब छापा पड़ता है तब उसके बारे में जानकारी मिलती है|
- आजकल केंद्र में जो सरकार है वो सबसे ज्यादा रेड अन्य पार्टी वालो के ऊपर कर रहे है लेकिन यहाँ सभी भ्रष्ट है यहाँ कोई ईमानदार नहीं है|
भ्रस्टाचार की सजा : punishment for Corruption
भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अनुसार रिश्वत लेना एक विषेस और प्रत्यक्ष अपराध है| इसके मुताबिक रिश्वत लेने वालो को 7 साल की जेल और जुर्माना भी हो सकता है| वहीँ रिश्वत देने वाले के लिए भी यही नियम लागु होते है| भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में लोक सेवक द्वारा रिश्वत लेने पर अपराध माना गया है, धारा 7 के मुताबिक अगर कोई लोक सेवक किसी भी तरह की कोई रिश्वत लेता है तो वह एक दंडनीय अपराध माना जायेगाI
IPC की धारा 171(ई ) के मुताबिक रिश्वत लेना न केवल अपराध है बल्कि एक वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों के रूप में रिश्वत देना भी अपराध है| ( कृपया संविधान से इसकी जाँच करले धन्यवाद )
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