big news Uttarakhand forest fire incident 2024 | उत्तराखंड अग्नि कांड 2024
big news Uttarakhand forest fire incident 2024 : उत्तराखंड के जंगलो में आग लगने की समस्या हर साल की है | इस वनाग्नि के कारन हर साल कई सौ हेक्टेयर जंगल जल कर नष्ट हो जाते है | इस वनाग्नि से प्रदेश का तापमान भी लगातार बढ़ता जा रहा है | जिसकी वजह से यहाँ के लोगो को गर्मी ने परेशान कर दिया है | देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ो के जंगलो में लगी आग को आज 3 दिन हो गये है | यह आग शुक्रवार को लगी थी | इस आग में गढ़वाल और कुमाऊ मंडल के 7 जिलो में अब तक 710 हेकटेयर जंगल जल कर नष्ट हो चुके है |
कुमाऊ मंडल के के नैनीताल , अल्मोड़ा , बागेश्वर जबकि गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग , चमोली पौड़ी और उत्तरकाशी जिले आग से बुरी तरह से प्रभावित हुए है | जैसे ही गर्मी का समय आता है हर साल उत्तराखंड के जंगलो में आग लगने की समस्या शुरू हो जाती है | यह इस साल की सबसे बड़ी आग लगने की घटना है जिसमे अब तक 710 हेक्टेयर जंगल अब तक जलकर नष्ट हो चुकी है | उत्तराखंड की सरकार ने इस आग को देखते हुए नैनीताल , भीमताल नौकुचियाताल में नौकायान बंद करवा दिया है |
जंगलो में लगी आग से आम लोगो का जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित है | इन जगलो के जलने से निकले वाले धुएं से नैनीताल में रहने वाले लोगो का सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है | पूरा यहाँ का वायु प्रदूषित हो गया है यहाँ का वायु गुणवता सूचकांक चार गुना बढ़ कर 100 पार हो गया है | उत्तराखंड के नैनीताल पर्यटन विभग की माने तो अभी यहाँ पर 10 हजार से भी अधिक पर्यटक मौजूद है जो नैनीताल के वादियों में घुमने आंये थे |
आग से हुए अब तक के नुकसान
उत्तराखंड के जंगलो में लगे आग से अब तक करीब 710 हेक्टेयर जंगल जलकर नष्ट हो चुका है | इस आग ने अल्मोड़ा में स्थित सरकारी अस्पात के ओक्सीजन प्लांट को और वहा के रिकॉर्ड रूम को जलाकर ख़ाक कर दिया है | नैनीताल के पास लडियाकाता एयरफोर्स स्टेशन जंगल भी आग की चपेट में आ गया है | इस आग की चपेट में एक ITI भी जल कर नष्ट हो गया |
उत्तराखंड में अब तक वनाग्नि के 584 मामले दर्ज किये जा चुके है जिसमे कुमाऊ को 322 मामलो के साथ सबसे अधिक प्रभावित माना जा रहा है | गढ़वाल में भी वनाग्नि के 211 मामले सामने आ चुके है | नैनीताल के आपास लगभग 100 हेक्टेयर जंगल जल कर नष्ट हो चुके है |
इस वनाग्नि को रोकने के सरकार के कदम
उत्तराखंड के जंगलो में लगी आग ने यहाँ के लोगो का जीना मुश्किल कर दिया है | यहाँ के जंगलो में लगी आग प[अर उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार नजर बाये हुए है | मुख्यमंत्री ने इसका हवाई सर्वे भी किया है | उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया है | 1 नवम्बर से अब तक उत्तराखंड के जंगलो में आग लगने के अब तक 584 मामले सामने आ हुके है |
इस आग को बुझने के लिए सरकार हर तरह की कोशिश कर रही है इस काम में वायु सेना को लगा गया है इस आग को बुझाने के लिए सेना हेलीकाप्टर भीमताल से पानी भरकर जंगल की आग में दाल रहे है | इस आग को बुझने के लिए उत्तराखंड सरकार ने वन संरक्षक विनय भार्गव को FTI में प्रशिक्षण लेने वालो को भी फिल्ड में भेजने के लिए निर्देशित किया है | उत्तराखंड सरकार ने इससे जुड़े हर विभाग को 24 घंटे सावधान रहने को कहा है |
हर साल आग लगने के क्या कारण है ?
उत्तराखंड के जंगलो में हर साल आग लगने का सबसे बड़ा कारण सर्दियों के मौसम में काम बारिश और काम बर्फ़बारी होना है | बारिश और बर्फबारी की कमी के कारण जंगलो में पर्याप्त नमी की पर्याप्त नमी की कमी हो जाती है | यहाँ लगभग 20 प्रतिशत वन चीड के पेड़ो से भरा हुआ इसकी पत्तियों और छाल से निकलने वाली रसायन ज्वलनशील होता है | गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ते ही ये जंगल बहुत ही जल्दी आग पकड लेते है |
वनाग्नि को रोकने के उपाय
- गर्मियों के मौसम में जंगलो के चारो ओर फैले हुए कूड़े को हटाकर आग को रोका जा सकता है |
- जंगल की सीमा के निर्माण से जंगलो में लगी आग को एक हिस्से दूसरे हिस्से में फैलने से रोका जा सकता है |
- जंगल की आग को रोकने का सबसे अच्छा उपाय इसे फैलने से रोकने का कार्य जंगलो में अग्निरोधक के रूप में छोटी – छोटी खाईया बना कर किया जा सकता है |
- इसके अलावा आग की घटनाओ को रोकने के लिए अग्निशामक तकनीको और उपकरणों को शामिल करना चाहिए |
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