bhilai spaat sayntr durg | भिलाई स्पात संयत्र
छत्तीसगढ़ की शान कही जाने वाली भारत का सबसे पहला और एशिया का सबसे बड़ा स्पात संयत्र छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई में है | यह कई हजार लोगो को रोजगार प्रदान करती है | भारत के छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित कारखाना एक स्पात का कारखाना है | यह भारत का सबसे पहला स्पात उत्पादक संयत्र है तथा यहाँ पर मुख्य रूप से रेलों की पटरियों का निर्माण किया जाता है |
भिलाई स्पात संयत्र की स्थापना
भिलाई स्पात संयत्र भारत का सबसे पहला स्पात कारखाना है | इस कारखाने की स्थपना सोवियत संघ की सहायता से किया गया था | इस कारखाने की स्थापना सन 1959 में किया गया था | इसकी स्थापना दूसरी पंचवर्षीय योजना(1956 – 61) के तहत किया गया था | यह देश का एक मात्र ऐसा कारखाना है जहा पर रेल की पटरियों तथा भारी स्पात प्लेटो का निर्माण किया जाता है | 2 फ़रवरी 1955 को नयी दिल्ली में एक समझौते पर सोवियत संघ और भारत ने हस्ताक्षर किये जिसके अंतर्गत आरम्भिक 10 लाख टन स्पात पिंड क्षमता का एकीकृत लौह तथा स्पात कारखाना भिलाई में बनाने का निर्णय लिया गया | इस कारखाने का उद्घाटन उस समय के राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद जी ने किया था |
कच्चे माल की प्राप्ति
पिछले 50 सालो से भिलाई स्पात संयत्र भारत का सबसे बड़ा एकीकृत स्पात संयत्र है | इस कारखाने में खाच्चे माल की आपूर्ति छत्तीसगढ़ राज्य के ही दल्ली राजहरा की खदानों से किया जाता है | यहाँ से लौह अयस्क का भंडार है | यही से ही भिलाई स्पात संयत्र में खाच्चे माल की पूर्ति की जाती है | दल्ली राजहरा एक नगर पालिका है जो एक औद्योगिक शहर है | यह छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से 90 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है |
भिलाई स्पात संयत्र की परिचालन संरचना
भिलाई स्पात संयत्र में वर्तमान में लगभग 55000 कर्मचारी कार्यरत है जिनमे से कई पास के खदानों में काम करते है | भिलाई स्पात संयत्र में कच्चे माल जैसे लौह अयस्क , मैगनीज , डेलोमाईट पास के खदानों से ही प्राप्त करता है | इनका उपयोग रेल पटरियों के निर्माण आदि में किया जाता है | इनके उत्पादों में रेल पटरी , भारी स्टील प्लेट आदि सामाग्रियो का निर्माण यहा पर किया जाता है |
भिलाई सिल पलांट स्टेशन भारत में एक मात्र स्टील प्लांट है जो स्टील बनाने के किये ब्लूमिंग मिल के साथ इनगौट कास्टिंग और सोकिंग पिट मार्ग का संचालन करता है | यह सुनिश्चित करने के लिए की उत्पाद आवश्यक विशिष्टताओ को पूरा करते है निरंतर निगरानी और नितिक्षण , रासायनिक विश्लेषण , आयामी और साथ जाँच , प्रशिक्षण गुणवत्ता आदि विभिन्न कदम उठाये जाते है |
भिलाई स्पात संयत्र द्वारा किये जाने वाले सामाजिक कार्य
भिलाई स्पात संयत्र स्पात उत्पादन के अलावा कई साड़ी सामाजिक गतिविधिया भी करता है | भिलाई स्पात संयत्र कई वर्षो से वृक्षारोपण कार्यक्रम चला रहा है | जिसमे खदानों के आसपास के क्षेत्रो में पेड़ पौधे लगये जा रहे है | इसके अलावा भिलाई स्पात संयत्र द्वारा दुर्ग में मैत्री बाग़ का निर्माण किया गया है जो यहाँ के पर्यटन को बढावा देते है | भिलाई स्पात संयत्र में नगर प्रशासन विभाग भी है जो सफाई , रखरखाव , सडको के स्तरित लाईट का ध्यान रखती है |
यहाँ लगभग 10 स्वास्थ्य केंद्र , 5 अस्पताल , एक राष्ट्रिय व्यवसायिक स्वास्थ्य और सेवा केंद्र एक मुख्य चिकित्सा केंद्र है | एक कैंसर अस्पताल , एक नर्शिंग कॉलेज सभी भिलाई स्पात संयत्र द्वारा चलये जाते है | ये जरुरत मंद स्थानों पर नल , पुल , कुएं आदि का भी निर्माण कराता है |
भिलाई रेल की पटरिया
भिलाई स्पात संयत्र देश का सबसे बड़ा और विश्व का प्रमुख रेल पटरी का उत्पादक है | भिलाई स्पात संयत्र को रेल की परतिया बनाने में 65 सालो का अनुभव है | 1 करोड 50 लाख टन से अधिक पटरियों का निर्माण यहाँ पर किया जाता है | अब तक 27 लाख किलोमीटर तक के लिए पटरियों का निर्माण किया जा चुका है | भारत के सबसे बड़ी रेल भिलाई स्पात संयत्र में बनी पटरियों पर ही चलती है | दक्षिण कोरिया , न्यूज़ीलैंड , अर्जेंटीना , तुर्की , ईरान , मिस्र , घाना , बांग्लादेश और मलेशिया सहित दस देशो में ये इन सामाग्रियो का निर्यात करता है |
पुरस्कार
- लगातार 3 वर्षो तक CII-ICT सस्टेनेब्लिटी पुरस्कार
- देश में सर्वश्रेष्ट एकीकृत स्पात संयत्र के लिए प्रधान मंत्री ट्रोफी के 11 बार विजेता
- HR उत्कृष्टता गोल्डन पीकोक पुरस्कार
- ग्रीनटेक पर्यावरण त्कृष्टता प्लेटिनम पुरस्कार
- ग्रीनटेक सेफ्टी गोल्ड अवार्ड
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