भारत रत्न : Bharat ratna
यह भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है| इसकी सुरुआत 2 जनवरी 1954 को हुई थी| उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के द्वारा इसकी घोषणा हुई थी| भारत रत्न पाने वाले को एक प्रमाण पत्र दिया जाता है, तथा उसके साथ एक मैडल दिया जाता है| इसमें कोई धन राशी नहीं दी जाती है| इस सम्मान को राष्ट्रपति जी के द्वारा दिया जाता है| एक साल में अधिकतर 3 लोगो को भारत रत्न दिया जाता है| परन्तु 2024 में इसे 5 लोगो को दिया जा रहा है|
भारत रत्न उन लोगो को दिया जाता है,जो राजनीति,कला, साहित्य, विज्ञान, के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक,उद्योगपति,लेखक और समाज सेवा करने वाले को| और सन 2011 में इसमें एक और प्रावधान किया गया की जो मानवता के लिए अच्छा कार्य करेगा उसे भी Bharat ratna दिया जायेगा| Bharat ratna मेडल को पश्चिम बंगाल के अलीपुर मर बनाया जाता है|
भारत रत्न कैसा होता है : what is Bharat ratna like
Bharat ratna की आकृति पीपल के पत्ते सामान होती है, इसमें प्लेटिनम धातु का एक चमकता हुआ सूर्य दीखता है| और जो पीपल के पत्ते से बना जो मेडल होता है वो ताम्बे के धातु का होता है| और इसके निचे भारत रत्न लिखा होता है| इसके पीछे की तरफ अशोक स्तम्भ के निचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है|
भारत रत्न कितने लोगो को मिल चूका है
सबसे पहले Bharat ratna 1954 में पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिला था,जो की एक शिक्षाविद थे| इसके साथ डॉ और व्यक्तियों को ये सम्मान उस समय मिला जीने स्वतन्त्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकटरमण थे| वेंकटरमण को 1930 में नोबेल प्राइस भी मिला था| भौतिकीय में प्रकाश के प्रकीर्णन के सम्बन्ध में|
अभी तक भारत रत्न कुल 48 लोगो को मिल चूका है| 2024 में 5 लोगो को यह दिया जायेगा जिससे यह आंकड़ा 53 हो जायेगा| 16 व्यक्तियों को उनके मरणोपरांत दिया गया और 5 महिलाये भी थी जिनको ये सम्मान दिया गया| 1956 में लाल बहादुर शास्त्री जी को सर्वप्रथम मरणोपरांत ये सम्मान दिया गया|
भारत रत्न कब नहीं दिया गया
सबसे पहले 1977-80 जनता पार्टी की सरकार में मोरार जी देसाई ने भारत रत्न को बंद कर दिया था| इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी | इसके पीछे मोरार जी देसाई के सरकार का मानना था की कांग्रेस सरकार अपने बड़े-बड़े नेताओ को ही ये पुरुस्कार देती है| जो वाकई में इसके हक़दार है उन्हें यह नहीं दिया जाता था| इस कारण से मोरार जी ने Bharat ratna को बंद कर दिया था| जब तक इनकी सरकार थी| और फिर 1980 में पुनः इंदिरा गाँधी कांग्रेस की सरकार बनी तो भारत रत्न को शुरू किया|
1980 में मदर टेरेसा को Bharat ratna से सम्मानित किया गया (1979 में नोबेल प्राइस)| मदर टेरेसा को बहुत समय के बाद ये सम्मान दिया गया| 1993-95 में भी भारत रत्न नहीं दिया गया था| इसके पीछे का कारन की केरल व मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में PIL(public interest litigation) जनहित याचिका दायर किया गया था| इसके कहा गया था की यह Article 18 का उल्लंघन था| आर्टिकल 18 में सैन्य उपाधि और सिक्षा उपाधि का उल्लंघन करता था|
जब 1995 में यह निर्णय लिया गया की यह कोई उपाधि नहीं है बल्कि एक सम्मान है और इसे देने में कोई समस्या नहीं है| तब इस सम्मान को फिर से चालू किया गया| भारत रत्न एक वर्ष में सिर्फ 3 लोगो को दिया जा सकता था लेकिन 1999 में इसे 4 लोगो को दिया गया| जिनमे जय प्रकाश नारायण,पंडित रविशंकर,गोपीनाथ बारडोली,अमर्त्य सेन | महिला में इंदिरा गाँधी,लता मंगेशकर, अरुणा आशफ अली, मदर टेरेसा, एम.एस. सुब्बालक्ष्मी | 2024 में भारत रत्न 5 लोगो को दिया जा रहा है|
गैर भारतीय जिन्हें भारत रत्न मिला
1987 में अब्दुल गफ्फार खान :- गाँधी विचारधारा के व्यक्ति थे| द्विराष्ट्र सिद्धांत के खिलाफ थे|
1990 में नेल्सन मंडेला :- पहले अश्वेत राष्ट्रपति रंगभेद के खिलाफ आन्दोलन , 27 साल जेल में रहे थे| 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है|
1958 में धोंडो केशव कर्वे :- गणित के प्राध्यापक और समाजसेवी
2014 में सचिन तेंदुलकर :- क्रिकेट के लिए
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भारत रत्न से जुड़े विवाद
पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी को Bharat ratna मिलने से सम्बंधित विवाद| 2014 में भी सचिन तेंदुलकर जब भारत रत्न दिया गया तब भी विवाद हुआ था क्योंकि उससे पहले भी बहुत से खिलाडी हुए जैसे ध्यानचन्द्र जिन्हें कभी भारत रत्न नहीं दिया गया| 1992 में सुभाषचंद्र बोश को मरणोपरांत पर परिवार वालो द्वारा लेने से इंकार| 2019 में श्री नाना जी देशमुख मरणोपरांत जो एक समाजसेवी थे| भूपेन कुमार हजारिका मरणोपरांत|
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