Baiga Tribe Chhattisgarh | बैगा जनजाति छत्तीसगढ़
Baiga Tribe Chhattisgarh : बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य का एक बहुत ही प्रसिद्ध जनजाति है | यह जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक प्रमुख जनजाति है | यह एक आदिवासी जनजाति है | इस जनजाति से आने वाले लोगो की अपनी एक अलग ही मान्यताये होती है | इनकी कुछ लालग की प्रथाए होती है जिन्हें ये कई सालो से मानते हुए आ रहे है | इनकी वेशभूषा , संस्कृति सभी चीज़े अन्य और जनजाति समुदाय से अलग ही होती है | यह जनजाति छतीसगढ़ की विवधता की पहचान मानी जाती है |
भारत के विभिन्न संस्थानों द्वारा किये गये साल 2015 के सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ में इनकी कुल जनसंख्या 88 हजार 317 है | इसमें पुरुषो की संख्या 44 हजार 402 और महिलाओं की संख्या 43 हजार 915 है |

बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के किस जिले में पायी जाती है ?
यह छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी हुयी जनजाति है | यह जनजाति सघन वनों में शिकार करके अपना जीवन यापन करते थे | लेकिन अब ये लोग भी जंगलो को छोड़कर मैदानी इलाके बस गये है और खेती करने लगे है | ये जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की कवर्धा और बिलासपुर जिले में निवास करती है | छतीसगढ़ के अलावा ये जनजाति उत्तरप्रदेश . मध्यप्रदेश आदि राज्यों में भी पायी जाती है | मध्यप्रदेश में ये जनजाति डिंडौरी , मंडला . जबलपुर शहडोल आदि जिलो में पायी जाती है |
बैगा जनजाति की उत्पति
यह छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी हुयी जनजाति है | यह जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा और बिलासपुर , जबलपुर जैसे जिलो में पायी जाती है | पहले ये जनजाति सघन वनों में शिकार करके अपना जीवनयापन करते थे लकिन अब ये इन जंगलो से निकलकर इन जंगलो से निकलकर मैदानी इलाको में निवास करने लगे है | इन्होने खेती करने की शुरुआत कर दी है | बैगा जनजाति के लोग अपने आप को जंगलो का राजा और प्रथम मानव मानते है | इनका मानना है की उनकी उत्पत्ति भगवान् ब्रम्हा जी से हुयी है |
बैगा जनजाति के भगवान्
यह अपने आप को जंगलो का राजा और प्रथम मानव मानते है | इस जनजाति के लोग छत्तीसगढ़ राज्य के बहुत ही पिछड़े हुए है जनजातियो में से एक है |बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा , बिलासपुर और जबलपुर जैसे जगहों पर निवास करते है | इन जनजातियो क प्रमुख आराध्य देव भगवान् इन जनजातियो क प्रमुख आराध्य देव भगवान् ठाकुरदेव को माना जाता है | ठाकुरदेव को बैगा जनजाति में सर्वोच्च भगवान् के रूप में पूजा जाता है |
बैगा जनजाति के प्रमुख नृत्य कौन कौन से है ?
बैगा जनजाति के लोग बैगा जनजाति के लोग छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा और बिलापुर जैसे जिलो ने रहते है | ये आदिवासी समुदाय से आते है | ये पिछड़े हुए है सरकार इनकी दशा को सुधरने के लिए कई काम कर रही है | इनके द्वारा अलग अलग तरह के नृत्य भी किये जाते है जैसे करमा , परघौनी , घोड़ी पैठाई और फाग आदि इनके द्वारा किये जाने वाले प्रमुख नृत्य है |

शादी में इनकी मान्यताये
इस के लोग शादी में कई अनोखी प्रथाओ को मानते है | बैगा जनजाति के लोगो के लिए शादियों में शराब पीना बहुत ही अनिवार्य होता है | इसमें दुल्हन की माँ खुद दुल्हे के लिए पैग बनाती है | उस क्षेत्र में महुआ से शराब बनाया जाता है | उनकी शादी में किसी भी तरह की कोई ख़ास सजावट नई की जाती है | बैगा समुदाय के लोग मंडप सजाने के लिए पेड़ो के पत्त्तियों का प्रयोग करते है | दुल्हा , दुल्हन को दौड़ कर पकड़ता है और रिंग पहनता है | बैगा जनजातियो के लोगो की शादी शराब के बिना शुरू ही नही होती है |
इनकी शादियो में पंडित जी का भी कोई रोल नही रोल नही होता है | उनके शादी जैसे समारोह भी सस्ते में हो जाते है | शादी में मुख्या जी को केवल 22 रुपये और पांचो को केवल 100 रुपये दिए जाते है | उनकी शादियों में दहेज़ देने और लेने की भी को प्रथा नही है | बैगा जनजाति के लोग शादी में तो शराब पिते ही है ये मातम में भी शराब पीना इनके लिए अनिवार्य होता है |
इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकरियो के लिए हमारे इस वेबसाइट को अवश्य फोलो करें – sujhaw24.com
Join Whatsapp Group | ![]() |
Join Telegram Channel | ![]() |
ये भी पढ़े –
3.Thakurain Tola Shiv Mandir : ग्राम ठकुराइन टोला का प्रसिद्ध शिव मंदिर
4.Gram Thakuraain Tola || ग्राम ठकुराइन टोला
5.all about thakurain tola : ग्राम ठकुराइन टोला के बारे में पूरी जानकरी