all about India Forward Block |अखिल भारतीय फारवर्ड ब्लॉक क्या है
all about India Forward Block : यह संगठन भारत के स्वतंत्रता के पूर्व गठित किया गया था जिसका महत्वपूर्ण श्रेय क्रांतिकरी सुभाष चन्द्र बोस को जाता है l क्योकि इन्होने ही 22 जून 1939 को अखिल भारतीय फारवर्ड ब्लॉक को स्थापित किया था l इस संगठन को ALL INDIA FORWARD BLOC के नाम से भी जाना जाता है l
ALL INDIA FORWARD BLOC का इतिहास
बता दे की यह संगठन स्वतंत्र पूर्व भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस का फारवर्ड ब्लॉक एक राजनीतिक पार्टी है l जिसकी घोसना 3 मई 1939 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने उत्तरप्रदेश के मकरौर उन्नव में की थी l इसका प्रमुख कारण सुभाष चन्द्र बोस जी ने मोहनदास करम चंद गांधी से परास्त होने के बाद 29 अप्रैल को भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया l
बता दे की इस संगठन की शुरुआत कोलकाता के आम जनता के रैलियों के बिच की गई l इस रैली में बोस ने कहा था की जो भी इस संगठन में जुड़ रहे है वे कभी भी अंग्रेजो की ओर पीठ नही करनी चाहिए और न ही अपनी उंगली काटकर और अपने खून से हस्ताक्षर करके प्रतिज्ञा पत्र भरना होगा l
साल 1939 अगस्त में ही बोस ने एक समाचार पत्र प्रकाशित किया जिसका नाम फारवर्ड ब्लॉक रखा l इस संगठन में व्यक्तियों को जोड़ने के लिए और अपने राजनीतिक कार्य को आगे बढ़ाने के लिए देश के सभी जगहों में यात्राए की l
बोस का पहला FORWARD BLOC सम्मलेन
सुभाष चन्द्र बोस द्वारा अगले साल 20-22 जून 1940 को फारवर्ड ब्लाक ने नागपुर में पहला अखिल भारतीय सम्मलेन का आयोजन किया l इस सम्मेलन में फारवर्ड ब्लाक को एक समाजवादी पार्टी घोषित किया l और इसी के चलते 22 जून को ही फारवर्ड ब्लाक पार्टी की स्थापना के रूप में माना जाता है l
सम्मलेन के तहत बताया गया की सारी सक्ती भारतीय जनता को शीर्षक से एक प्रस्ताव पारित किया और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया l इस सम्मेलन में बोस को पार्टी का अध्यक्ष और एच वी कामथ को महा सचिव के रूप में चुना गया l
जेल में बोस और निर्वासन
बता दे की सुभास चन्द्र बोस को फारवर्ड ब्लॉक सम्मलेन के ठीक एक महीने बाद 2 जुलाई 1940 को अंग्रेज सरकार द्वारा देशद्रोह भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया l और उसे कलकत्ता के प्रोसिड़ेंसी जेल में बंद कर दिया गया l बोस को अपने जीवनकाल में लगभग 11 बार जेल के सलाखों में रहना पड़ा l
जनवरी 1941 में वे घर की नजरबंदी से गुप्त रूप भाग निकले और निर्वासन में चले गए l वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए सोवियत समर्थन की मांग करते हुए अफगानिस्तान के जरिये सोवियत संघ चले गए l सोवियत के नेता जोसेफ स्टालिन ने बोस के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और तत्पश्चात वे जर्मनी चले गए l यंहा बर्लिन में उन्होंने फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की और भारतीय सेना को संगठित किया l
फारवर्ड ब्लाक का पुनर्गठन
युद्ध समाप्ति के बाद फारवर्ड ब्लाक को फिर से पुनर्गठन किया गया l और इसके तहत फरवरी 1946 में आरएस रुझ्कर ने मध्यप्रदेश के जबलपुर में अखिल भारतीय सक्रीय श्रमिक सम्मलेन को आयोजित किया l इसके एक साल बाद ब्लाक ने बिहार के आरा में दूसरा अखिल भारतीय सम्मलेन 12-14 जनवरी 1947 को आयोजीत किय l
स्वतंत्रता के बाद फारवर्ड ब्लाक
भारत में स्वतंत्रता के बाद फारवर्ड ब्लॉक का विभाजन करने का बैठक वारानाशी में 1948 में आयोजित हुई l बैठक के शुरुआत में भारतीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया था कि फारवर्ड ब्लॉक में शामिल सभी असंतुलित प्रवृतियों को बाहर कर दिया जायेगा l इस निर्णय के बाद पार्टी ने कांग्रेस के साथ सभी तरह के संबंधो को ख़त्म करने और स्वयं खुद को एक स्वतंत्र पार्टी के रूप में दोबारा स्थापित करने का निर्णय लिया गया l
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