about nature : प्रकृति
प्रकृति यही हमारा सबकुछ है| प्रकृति से हम है लेकिन इन्सान ये भूल गया है वो सोचता है की हमसे प्रकृति है | इसी चक्कर में उसने प्रकृति का बहुत दोहन किया है और इसको बहुत नुकसान पहुँचाया है| विश्व पर्यावरण दिवस जो हर साल 5 जून को मनाया जाता है उस दिन यही सन्देश दिया जाता है की प्रकृति से हम है हमसे प्रकृति नहीं|
about nature : मनुष्य ने विकास और अपने स्वार्थ के लये प्रकृति का कितना दोहन किया है| उसने जंगल काटे, बहुत से नदियों और समुद्रो के पानी को प्रदूषित किया है, बहुत से ऐसी चीजो का निर्माण किया जिसकी हमें जरुरत नहीं थी| लगभग 5 हजार अरब टन से अधिक टोक्सिन्स इस पर्यावरण में छोड़े गए जिससे समस्या यहाँ तक आ गई की 12000 से अधिक प्रजाति विलुप्त हो गयी है और हजारो इस कगार में है|
nature का वातावरण बहुत ख़राब हो रहा है तापमान दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है, और ग्लेशियर पिघलते जा रहे है| इस साल 2024 में जितनी गर्मी हुई है उसने सभी सालो के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है| अगर हम समय रहते नहीं समझे तो इससे भी भयानक स्थिति सामने आने वाली है| जलवायु परिवर्तन को देखते हुए 2018 में बर्लिन में हुए जलवायु परिवर्तन कन्वेंशन में एक स्लोगन दिया गया :-
” धरती एक ही है| एक ही बार मिली है| इसे use and throw, re-cycle, re-use, re-produce करने की कोई सुविधा नहीं है| ”
facts about nature : प्रकृति के बारे में तथ्य
- आपको जानकर हैरानी होगी की पूरी दुनिया में हर दिन टॉयलेट पेपर बनाने के लिए 27000 पेड़ काट दिए जाते है|
- ऐसे तथ्य बहुत डरावने है , हर वर्ष प्लास्टिक खाने से तक़रीबन दस लाख समुद्री जीव-जन्तुओ की मृत्यु हो जाती है|
- पिछले 170 सालो की बात करे तो इंसानों ने 2.4 ख़राब टन कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़े है|
- सबसे अधिक तापमान वाले गर्मी पिछले एक दशक में रिकॉर्ड किया गया है|
- औसतन एक सुपरमार्केट की बात करे तो प्रत्येक वर्ष 60 करोड़ 50 लाख पेपर बैग्स उपयोग होते है|
- प्लास्टिक बैग जिसे आप कुछ समय के लिए उपयोग करते है उसके बाद उसे फेक देते है| लेकिन उस प्लास्टिक को अपघटित होने में 1000 साल लगते है|
about nature : एक ऐसा देश जहाँ की जनसँख्या तक़रीबन 34 करोड़ है, किन्तु यह चीन के बाद सबसे अधिक संसाधनों का उपयग कर सकता है और सबसे अधिक लगभग 60 लाख टन कार्बन छोड़ते है| और इस देश का नाम है अमेरिका | अमेरिका प्रत्येक वर्ष इतना प्लास्टिक पर्यावरण में छोड़ता है जिससे हमारी पृथ्वी के चारो तरफ 5 बार घेरा बनाया जा सकता है|
center for global and earth observation के अनुसार पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 400.3 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक का निर्माण होता है| और इन्सान हर साल 353.2 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट उत्पन्न करते है| जितना प्लास्टिक का निर्माण होता है उतने में सिर्फ 15 प्रतिशत का ही पुनः चक्रण हो पाता है|
सबसे बड़ी बात है हम इंसानों की उपभोग करने की आदत और लालच | हम इतना सबकुछ लेकर अपने घर में रखते है जिसकी जरुरत ही नहीं होती| हम आये दिन कुछ न कुछ लेते रहते है और पुराने चीजो को फेंकते रहते है| और यही कूड़ा हजारो साल तक पड़ा रहेगा क्योंकि उसमे ज्यादातर तो प्लस्टिक होता है और उसे अपघटित होने में ही हजार साल लगता है |
इसलिए उपभोग करने की आदत से बचे और अधिक लालच न करे | कम से कम प्लास्टिक का use करे| कम सामानों की खरीदारी करे जिससे ज्यादा कचरा पैदा न हो| पुरानी चीजो को फेंकने से अच्छा है उसे reuse करे | अधिक जरुरत हो तभी नए सामान ख़रीदे | ऐसे ही और अधिक महत्वपूर्ण जानकरी के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे :- sujhaw24.com
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