Silver City of India : भारत का सिल्वर सिटी कटक शहर
Silver City of India : इसे भारत का सिल्वर सिटी कहा जाता है जिसका नाम है कटक शहर है | कटक शब्द को कटका से लिया गया है इसका मतलब होता है केला यह महानदी के किनारे पर स्थित बारा वती जिले के चारो ओर बसा हुआ है इसका नाम सिक्लिस स्पायर है कटक उड़ीसा का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जो कभी उड़ीसा का केप्टन सिटी हुआ करता था |
इसका क्षेत्र फल 192.5 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र फल में फैला है यहाँ 7 लाख 76 हजार लोगो का घर है | यहाँ की पोपुलेशन ग्रोथ रेट 1.70% की है यहाँ करीब 89% लोग देवी देवताओ को पूजते है | यहाँ के हर लोग हिन्दू धर्म के परंपरा को पालन करती है | यहाँ के बहुत से लोग मुश्लमन से जुड़े हुए है |
जबकि 1.36 लोग जिजेस को मानती है यहाँ की करीब 0.12% लोग सीख धर्म में ध्यान लगाते है और गुरु की सेवा में ही विश्वास रखते है | इस शहर में अलग अलग धर्मो से जुड़े लोग रहते है ये एक शांत शहर है | इसे लोगो द्वारा भाई चारे का भी शहर कहा जाता है | क्योकि सभी लोग मिल जुल कर आपसी स्वभाव के साथ रहते है |
कटक की भाषा
ओडिया भाषा पुरे ओड़िसा में ही बोली जाती है उसके साथ कटक के लोग भी बोला करते है इस भाषा में आप बंगाली, बिहारी और झारखडी भाषा का हल्का सा रूप मिलेगा | क्योकि पश्चिम बंगाल के करीब होने के चलते इस भाषा पर बेंगोली और बिहारी भाषा का प्रभाव पढ़ा है |
कटक के साहित्य
यहाँ की साहित्य की जाड़े अभी से नही बल्की आपको इसकी जेड 13वी सताव्दी से देखने को मिल जाएगा | आज के समय में कटक का सूरत शहर पूरी तरह से बदल चूका है कही न कही इसकी शुरुआत प्राचीन समय से ही हो रहा है | जब मराठा ने कटक को एक वाणिज्यिक शहर के रूप में देखा और अपने व्यापार को आगे बढाया |
बाद में अंग्रेजो के समय में भी यह शहर आया इस तरह यह शहर ने मुगलों से लेकर मराठा तक अंग्रेजो से लेकर लोग तंत्र तक हर संकृति में शासन को बनते और बिगड़ते हुए देखा है | इसका इतिहास काफी पुराना है | 1989 में इसी केशरी राज वंश द्वारा स्थापित किया गया था ये उस समय राज्य की राजधानी हुआ करता था जिसकी नीव गंगा राज वंश सम्राट ने डाली थी जिस पर अंत भीमदेव थर्ड का शासन हुआ करता था |
प्रजापति राजा
13वी शताब्दी के बाद कटक पर प्रजापति राजाओ ने अपनी सुकुमत जमाई और भीर यह शहर मुगलों के हाथ में चला गया और यहाँ पर मुश्लिमो का शासन चला | 17वी शताब्दी तक कटक में मराठाओ ने जीत दर्ज कर ली इसी दौर में ही कटक एक व्यापारी दौर में उभर कर सामने आया | लेकिन भीर अंग्रेजो ने कटक को अपने अंदर में ले लिया |
फिर अंग्रजो ने ही कटक को कलिगा डिविजन की राजधानी घोषित किया था | जो बाद में बदल कर उड़ीसा बना 1947 में देश आजाद हुआ और 1949 में ओड़िसा की राजधानी कटक से बदल कर भोपाल के भुनेश्वर को कर दिया | आज भी कटक को कमर्शियल केपिटल होने का दर्जा प्राप्त है | कटक को ओड़िसा की राजधानी संकृति भी माना जाता है पिछले कुछ समय में कटक तेजी से विकसित होने वाले शहरो भी गिना जाता है |
कटक से जुडी प्रमुख बाते
- कटक को ओड़िसा राज्य की व्यावसायिक राजधानी भी कहते है |
- कटक ओड़िसा राज्य के सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा शहर है |
- यह अपने पर्यटको के लिए जाना जाता है |
- यह महानदी के किनारे बसा हुआ है |
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