reasons of climate change : जलवायु परिवर्तन का कारण
जलवायु परिवर्तन एक ऐसी समस्या जो देश-दुनिया से लेकर आम जन तक सब प्रभावित हो रहे है| और इसका प्रमुख कारण मनुष्य ही है| यह आज के समय में एक गंभीर समस्या है| जो हमारे पर्यावरण को बहुत प्रभावित कर रही है| इसकी सबसे बड़ी वजह बढती जनसँख्या है| climate change में अत्यधिक गर्मी, बाढ़, सुखा, अनियंत्रित बारिश, तूफान, प्राकृतिक आपदा आदि शामिल है| climate इतनी तेजी बढ़ रहा है की यह आने वाले समय में इसपे काबू पाना असंभव हो जायेगा| पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को इस पर ठोस निर्णय लेने होंगे |

परिभाषा :- जलवायु परिवर्तन कई वर्षो से होने वाली जलवायु में दीर्घकालिक परिवर्तन है| यह प्रमुख रूप से कोयला, तेल, आदि को जलने से पृथ्वी के वातावरण में तेजी से फैलकर ग्रीनहाउस गैसों को बढ़ाते है जिससे जलवायु परिवर्तन होता है|
जलवायु परिवर्तन : climate change
- climate change का सबसे बड़ा कारण बढती आबादी है|
- इसका बहुत बड़ा कारण जीवाश्म इंधनों के जलने से उत्पन्न गैसे है|
- ग्रीनहाउस गैसों का अत्यधिक बढ़ना|
- ग्रीनहाउस गैसों में सबसे प्रमुख गैस कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड आदि है|
- जलवायु परिवर्तन में सबसे ज्यादा प्रभाव कार्बन डाइऑक्साइड डालता है|
- वनों की अत्यधिक कटाई, जंगलो की अन्धाधुन कटाई के कारण |
- बढती प्रदुषण जो एक गंभीर समस्या है, दिल्ली इसका सबसे बड़ा उदाहरण है|
- बड़े-बड़े था घने-घने उद्योग लगाना |
- हैलोकर्बन जो उद्योगों और विकासशील गतिविधियों से उत्पन्न होते है| जिससे ओजोन परत की भी क्षति होती है|
जलवायु परिवर्तन की वर्तमान स्थिति
- मानव क्रियाकलापों द्वारा प्रमुख रूप से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ा है| और ग्लोबल वार्मिंग का कारण भी बना| 2011-2020 में वैश्विक सतह का तापमान 1850-1900 से अधिक 1.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है| मनुष्य द्वारा किया जाने वाला अप्राकृतिक वातावरणीय कार्य ही है जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ा रहा है|
- वर्तमान स्थिति यह बताता है की वायुमंडल, महासागर और जीवमंडल आदि में बहुत अधिक और तीव्र रूप से बदलाव हुए है| कमजोर और निम्न समुदाय के लोग जो जलवायु परिवर्तन में बहुत ही कम योगदान दिए है फिर भी उन्हें ही इसका प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ रहा है| यही सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है|
- IPCC की रिपोर्ट AR5 के अनुसार शमन ओ बढ़ावा देने वाली नीतियों और उसके कानूनों में विस्तार अधिक हुआ है| अक्टूबर 2021 तक राष्ट्रिय स्तर पर निर्धारित योगदान के तहत 2030 में वैश्विक GHG उत्सर्जन यह संभावना अत्यधिक बढ़ जाता है की 21 वी सदी के दौरान यह वार्मिंग 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगी और इसको 2 डिग्री से निचे लाना या सीमित करना अत्यंत कठिन हो जायेगा| और इसका असर अभी से दिख रहा है|
- यह तो हो गया IPCC की रिपोर्ट के अनुसार लेकिन इससे भी कही ज्यादा असर अभी से पड़ने शुरू हो गए है| अत्यधिक तापमान में वृद्धि और तेज गर्मी आदि सब बढ़ रहा है|
- अभी की स्थिति ऐसी है की वनों और जंगलो की कटाई लोग अपने स्वार्थ के लिए बहुत तेजी से कर रहे है, सरकार का भी हाथ इसमें पीछे नहीं है|
- सरकार द्वारा वनों की कटाई में इनका भी योगदान बहुत है जैसे छत्तीसगढ़ का हसदेव जंगल सरकार की अनुमति से ही कटाया जा रहा था|
- मनुष्यों द्वारा उत्सर्जित जहरीली गैसे जो पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है, वाहनों से निकलते धुएं, लकडियो, कोयले के जलने से निकलते धुएं, उत्खनन आदि|
- वर्तमान स्थिति की बात करे तो इससे अनियंत्रित तरीके से बारिश हो रही है, बहुत अधिक गर्मी पड़ रही है, कई जगह सुखा है, आदि|

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है और यह भारत में एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है| इस पर आम जनता से लेकर सरकार सभी को समझना होगा और ठोस कदम उठाने पड़ेंगे नहीं तो सभी का जीवनयापन असंतुलित और अव्यवस्थित हो जायेगा| सबसे बड़ी बात इससे जीव-जन्तु विलुप्त हो रहे है| इसके बारे में और अधिक जानने के लिए हमसे जुड़े रहिये धन्यवाद |
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