Amount of minerals in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में खनिज
चुना – पत्थर
Amount of minerals in Chhattisgarh : यह एक प्रकार का कार्बोनेट तलछटी चट्टान है जो चुने का प्रमुख स्रोत है इसका निर्माण कैल्साइट और एरागोनाइट खनिज से बना होता है | छत्तीसगढ़ में चुना पत्थर (lime stone) के भंडार कई जिलो में पाए जाते है –
- रायगढ़
- जांजगीर- चापा
- कबीरधाम
- बिलासपुर
- रायपुर
- दुर्ग
- राजनांदगांव
- जगदलपुर
- दंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़ में चुना पत्थर (lime stone) के खोज के बाद कई से जगहों पर सीमेंट बनाने के लिए संयंत्रो को लगाने के लिए जगह का पहचान भी किया गया है |
दुर्ग जिले के नंदिनी क्षेत्र में भिलाई इस्पात संयंत्र की चुना पत्थर खदाने है |
लौह अयस्क (iron ore price)
छत्तीसगढ़ में एक सरकारी आकडे के मुताबिक इस राज्य में 370 किलोमीटर लंबाई में लौह अयस्क के पत्थर के रूप में पाए जाते है |
- नारायणपुर
- राजनांदगांव
- दुर्ग
- कबीरधाम

तांबा
छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से संमृद्ध राज्य है छत्तीसगढ़ में तांबा (copper) की खदानों की शुरुआत आने वाले समय में हो सकती है | छत्तीसगढ़ में तांबे(copper t) से बना हुआ पुराने समय के सिक्के भी मिले है | छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के आरंग तहसील के रावी गावं में 2200 साल पुराने समय के सिक्के भी मिले थे | इन सिक्को में कुछ सिक्के 9वी से 13वी शताब्दी के बीच के सिक्के थे |
तांबे से जुडी कुछ प्रमुख बाते
- तांबे(copper t) के बर्तनो में रखे हुए पानी को पीने से कई के लाभ होते है |
- तांबे में एंटी माइक्रोबियल गुण होते है |
- तांबे से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है |
- तांबे से त्वचा से जुडी समस्या को दूर किया जा सकता है |
फास्फेट
फास्फेट का निर्माण – यह अकार्बनिक रसायन में फास्फोरिक अम्ल और क्षारो से क्रिया कर के जो लवन बनते है उसे फास्फेट (indian phosphate ) कहते है |
फास्फेट (indian phosphate ) का काम – पौधों में फास्फेट का काम आवश्यक ऊर्जा प्रतिक्रियाओ के लिए जरुरी होता है | जिसमे फास्फेट का काम प्रकास संश्लेषण करना, पौधों को परिपक्व बनाना और प्रजनन में तेजी ला कर पैदावार को बढ़ाना होता है |
मैगनीज
- बस्तर
- बिलासपुर
- कांकेर
- दंतेवाडा
- रायपुर
- मैगनीज का उपयोग
- मिश्रा धातु के निर्माण में
- उर्वरक और सिरेमिक के निर्माण में
बॉक्साइट
बॉक्साइट यह एल्युमिनियम का शुरूआती अयस्क है जिसे ऑक्साइड या एल्युमिनियम के नाम से जानते है | छत्तीसगढ़ मे 248 मिलियन टन बॉक्साइट के भंडार उपलब्ध है जो भारत में बॉक्साइट के भंडार का 4.5% है |
- सर्गुजा
- कबीरधाम
- बस्तर
- कांकेर
- बॉक्साइट का उपयोग
- एल्युमियम बनाने के लिए कच्चा माल
- रासायनिक उद्योग में
- आग रोकने के बहुत से उत्पाद बनाने में
- घर्षण में
- सीमेंट में
- स्टील में उद्योग
- पेट्रोल उद्योग में
कोयला
- कोरबा
- रायगढ़
- सरगुजा
- कोरिया
छत्तीसगढ़ में कोयले का भंडार भारत के कुल कोयला भंडार का 16% है
कोरबा जिले की कुसमुंडा और गेवरा खदाने सालाना 100 मिलियन टन से भी अधिक कोयला उत्पादन करती है |
कोरबा जिले में स्थित हसदो बेसिन में कोयले का विशाल भंडार है |
अभ्रक
छत्तीसगढ़ में अभ्रक के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नही मिली है भारत में अभ्रक के उत्पादन के बारे में कुछ जानकारी मिली है |
भारत में अभ्रक निर्माण करने में सबसे बड़ा उत्पादक राज्य आन्ध्र प्रदेश है |
भारत के आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में अभ्रक का उत्पादन सबसे अधिक होता है |
भारत में अभ्रक उत्पादन में दूसरा स्थान राजस्थान का है |
टीन
छत्तीसगढ़ में टिन अयस्क का भंडार भी मौजूद है भारत के टिन अयस्क के भंडार का 35.4% भाग छत्तीसगढ़ में मौजूद है |
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