Mamta Kulkarni News : बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर महाकुम्भ में किया अपना पिंडदान
बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni News) अभी हाल ही में बहुत चर्चा में आ गयी है क्योंकि उन्होंने महाकुम्भ प्रयागराज में अपना पिंडदान करके किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर (Mamta Kulkarni Mahamandaleshvar) बन गयी है | शुक्रवार 24 जनवरी 2025 को उन्होंगे संगम के तट पर अपना पिंडदान की और अब वह ममता नन्द गिरी (Mamta Kulkarni sadhvi) के नाम से जानी जाएँगी |
24 जानवरी को ममता (Mamta Kulkarni ) महाकुम्भ में किन्नर अखाडा पहुंची थी और वहां पर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी जी से आशीर्वाद लिए उसके बाद दोनों के बिच लम्बी बातचीत हुई उसके बाद ममता (Mamta Kulkarni sadhvi ) को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर (Mamta Kulkarni Mahamandaleshvar ) बनाने को लेकर सहमती बनी | उसके बाद ममता अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविन्द्र पूरी के पास गए और फिर उनके महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया पूरी गयी | उसके बाद ममता साध्वी के रूप में भगवा कपडे पहने दिखाई दी | गले में रुद्राक्ष और झोला भी रखी थी |
ममता कुलकर्णी के बयान
ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni News ) ने कहा की यह मेरे लिए एक यादगार पल है और यह मेरा सौभाग्य है की मैं इस महाकुम्भ की साक्षी बन रही हूँ | संतो का आशीर्वाद प्राप्त कर रहा हूँ | उन्होंने आगे कहा की उनकी यह तपस्या 23 साल से चल रही है सन 2000 से उन्होंने अपनी तपस्या शुरू कर दी थी और उनके गुरु चैतन्य गगन गिरी नाथ जी है | उनसे उन्होंने दीक्षा ली | महामंडलेश्वर बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और वो भी अर्धनारीश्वर के हाथो से | आज आदि शक्ति का दिन है , मेरे ऊपर माँ काली का आशीर्वाद है और मैं उनके अंश स्वरूप हूँ |
उन्होंने (Mamta Kulkarni ) उसके बाद कहा की वे अब बॉलीवुड में कभी वापस नहीं आयेगी | और न ही उनका बॉलीवुड से अब कोई नाता है उन्होंने इसे कब का छोड़ दिया है | उन्होंने बॉलीवुड छोड़ दिया है और वह 23 साल बाद भारत वापस आई है | वह 2013 में कुम्भ के मेले में आई थी इसलिए वह इसी महाकुम्भ के लिए आई है | उन्होंने कहा की अब उन्हें कुछ नहीं चाहिए इतनी बड़ी महामंडलेश्वर की उपाधि उन्हें मिल रही है |
महामंडलेश्वर कैसे बने
1. सबसे पहले अखाड़े को आवेदन करना होता है | उसके बाद आपको सन्यास की दीक्षा दी जाती है और फिर संत बनाया जाता है |
2. फिर नदी किनारे मुंडन किया जाता है उसके बाद स्नान कराया जाता है |
3. खुद का और परिवार वालो का तर्पण करना होता है | पत्नी -बच्चो (पूरा परिवार) का पिंडदान करके सन्यास परंपरा के साथ विजय हवन कराया जाता है |
4. उसके बाद गुरु बनाया जाता है और फिर चोटी काटा जाता है | अखाड़े में पंचामृत से पट्टाभिषेक कराया जाता है | अखाड़े की तरफ से चादर भेंट की जाती है |
5. उसके बाद जसी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनना है उसमे प्रवेश कराया जाता है और फिर घर से पूरी तरह सम्बन्ध ख़त्म करने होते है |
6. सन्यास काल के दौरान आप जितना धन अर्जित करेंगे वह जन कल्याण के लिए होगा |
7. उसके बाद ब्राह्मणों को निःशुल्क शिक्षा के साथ साथ स्वयं का आश्रम रहता है | आदि |
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