Major issues of India : भारत के प्रमुख मुद्दे
भारत में वैसे बहुत से मुद्दे है जिन पर काम करने की जरुरत है| major issues of india अभी भारत में कहे तो जनसँख्या है जिससे और भी बहुत से समस्याएं उत्पन्न हो रही है जनसँख्या के कारन भारत में संसाधनों की कमी हो रही है और इसकी उपयोगिता और भी तेजी से बढ़ रही है जिसके करना महंगाई भी बढ़ रही है| एक चीज हमारे देश तथा स्वयं मनुष्य के ऊपर कितना प्रभाव डालते है आप देख सकते है| भारत के प्रमुख मुद्दे में :-
- जनसँख्या का अनियंत्रित तेजी से वृद्धि होना
- गरीबी और असमानता
- सिक्षा और रोजगार की कमी होना
- स्वास्थ्य सेवाओ की अक्षमता
- जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएं
- भ्रस्टाचार
- विकास के असमान वितरण
- सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याएँ
- भारत-पाकिस्तान विवाद
- भारत-चीन सीमा विवाद
- जल, उर्जा और संसाधनों की अधिक उपयोगिता
- बाल श्रम
- लैंगिक असमानता
- अंधविश्वास
- धार्मिक विवाद
- जाति आधारित भेदभाव
- महिलाओ के खिलाफ हिंसा
environmental issues : पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दे
- वनों की तेजी से कटाई
- वन्यजीव संरक्षण
- जल की कमी
- प्रदुषण
- वायु प्रदुषण
- कचरे का ख़राब प्रबंधन
- जैव विविधता की हानि
- मृदा का क्षरण
आइये एक-एक करके इन मुद्दों पर विस्तार से देखते है की कैसे ये धीरे-धीरे बढ़ रहा है | issues of india :-
population : जनसँख्या
भारत का सबसे बड़ा मुद्दा या समस्या का कारन बढती हुई जनसँख्या है | यह अनियंत्रित तरीके से तेजी से बढ़ रहा है | जिस वजह से संसाधनों से लेकर पर्यावरण की हानि तक मनुष्य का ही हाथ है| 2011 की जनगणना के अनुसार population of India लगभग 121 करोड़ था जो उस समय भी अधिक था लेकी आज के समय में यह और भी अधिक हो गया है हालांकि सर्वे रिपोर्ट पब्लिश नहीं हुआ है क्योंकि कोरोना की वजह से जनगणना नहीं हुआ है |
फिर भी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसँख्या 2024 में करीब 141 करोड़ हो गयी है| तो यह अभूत तेजी से बढ़ रहा है और इस स्वयं मनुष्य को समझना है की कैसे हमे नियंत्रित करना है और अपने प्रकृति और वातावरण की रक्षा करना है|
unemployment : बेरोजगारी
unemployment in india बहुत है लेकिन सरकारे और news चैनल वाले जनता को सही जानकारी नहीं देते है| भारत में बेरोजगारी दर 2022-2023 के अनुसार 13.4% रही जो 2021-2022 में 4% थी | इसका अर्थ यही है की बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रहा है | इसका भी मुख्य कारन जनसँख्या वृद्धि से है| और शिक्षा और कौशल की कमी भी|
परन्तु फिर बहुत से युवा जिनके पास अच्छी शिक्षा है और कौशल भी फिर भी वे बेरोजगार है क्योंकि नौकरी में भी भ्रस्टाचार बढ़ गया है| सरकार ये समझे की युवाओ को नौकरी दे या फिर उनके करियर के लिए उचित उपाय के बारे में सोचे |
illiteracy : अशिक्षा
भारत में literacy rate की बात आकरे तो अभी देश की साक्षरता दर 74.04% है| और केरल साक्षरता में पहले नंबर पर है| पर इसके विपरीत लगभग 26% लोग अशिक्षित है तथा उन्हें पढना-लिखना नहीं आता है| और एक बात की साक्षरता दर जो अभी है उसमे भी ऐसे लोगो की गिनती शामिल है जो सिर्फ अपना नाम लिख सकते है|
आप समझ सकते है की देश में शिक्षा की कितनी कमी है इसे बढ़ावा देना चाहिए और इस मुद्दे पर अच्छे से खुद को समझना होगा क्योंकि सरकारे, नेता को आपकी पढाई से मतलब नहीं है लेकिन खुद के लिए जरुरी है ताकि आप शिक्षित होकर स्वनिर्भर बन सके |
child labour : बाल श्रम
यह भी भारत का एक प्रमुख मुद्दा या समस्या है की बच्चे कम उम्र से ही काम या मजदूरी करने लग जाते है| भारत में 5-17 साल के बिच 101 मिलियन बाल श्रमिक है| ये आंकडे 2011 के है और अभी के समय में ये और बढ़ गए है| इसका मुख्य कारन अशिक्षा और गरीबी है| बच्चे बचपन से ही पढाई नहीं कर पाते और गरीब माँ-बाप उन्हें पढ़ा नहीं पाते जिसकी वजह से बच्चे आगे बढ़ नहीं पाते इस वजह से वह श्रम करते है| परन्तु सरकार और माँ-बाप को यह समझना होगा की बच्चे का भविष्य इसमें नहीं है उसे पहले पढ़ाना जरुरी है| तभी बच्चे बाल श्रम से मुक्त हो पाएंगे|
violence against women : महिलाओ के खिलाफ हिंसा
भारत में पिछले कुछ सालो में महिलाओ के ऊपर बहुत हिंसा हुए है चाहे वह बलात्कार से सम्बंधित हो या घर-परिवार से | Rape भारत में महिलाओ के खिलाफ 4 सबसे आम अपराध बन गया है| राष्ट्रिय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिपोर्ट के अनुसार 2019 में देश भर में 32033 बलात्कार के मामले दर्ज हुए है|
उसके अनुसार प्रतिदिन 88 औसतन मामले सामने आये| दूसरी ओर देखा जाये तो घर-परिवार-रिश्तेदार भी कुछ कम नहीं है जो महिलाओ के ऊपर हिंसा करते है, ,मारते है| यह बहुत दयनीय बात है| इस मुद्दे को गहराई से समझना है और महिलाओ को शिक्षा के प्रति और स्वतंत्रता के प्रति बढ़ावा देना है|
pollutions : प्रदुषण
प्रदुषण यह एक ऐसा मुद्दा है जो देश क्या पूरी दुनिया के लिए बहुत जरुरी है| क्योंकि आज यह इतना बढ़ गया है इससे जीव-जंतु, पेड़-पौधे, वातावरण, हवा, जल, मृदा सब पर बहुत प्रभाव पढ़ रहा है| बढती हुई pollution के पीछे मनुष्य ही है वह बड़े-बड़े उद्योग लगा रहे है, वनों की कटाई कर आरहे है आदि | जल में कूड़ा-करकट, मल-मूत्र, प्लास्टिक आदि फेंक रहे है| वायु में काले धुएं, वाहनों से निकलते धुएं आदि तरीको से सब प्रदूषित हो रहा है| इसे हलके में नहीं लेना चाहिए क्योंकि प्रकृति के बिना मनुष्य जीवन नहीं है|
deforestation : वनों की कटाई
भारत में बहुत तेजी से वनों की कटाई हो रही है चाहे वहां पर उद्योग लगाने के लिए हो या उस लड़की से फर्नीचर बनाने के लिए हो| मनुष्य ने बहुत से जंगल ऐसे ही बर्बाद कर दिए है, इस वजह से बारिश की समस्या का सामना करना पड़ता है| भारत में 1990-2000 के बिच 384000 हेक्टेयर और 2015-2020 के बिच 668400 हेक्टेयर जंगल काटे गए| वनों का विनाश इतनी तेजी से बढ़ रहा है की पृथ्वी से हरियाली ख़त्म हो रही है| इसका असर बहुत बुरा होने वाला है क्योंकि इसके कारन बहुत से अनियंत्रित पर्यावरणीय परिवर्तन होंगे जिससे सभी जीव-जंतु प्रभावित होंगे|
corruption : भ्रस्टाचार
corruption in India इतना बढ़ गया है की छोटे-छोटे काम के लिए छोटे से कर्मचारी से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी रिश्वत लेने ;आगे है| चाहे वह खुद के जमीन का नक्सा देखने के लिए हो यह किसी पद पर जोइनिंग के लिए| रिश्वत इतनी मांगते है की बेचारा गरीब जो मेहनत करके वहां तक पहुंचा है कैसे देगा| सब पदों में आजकल धांधली होने लगी है जो रईस है वो पैसे देकर खुद भर्ती ले लेते है और वही आगे जाकर खुद रिश्वत लेते है | यह एक सिस्टम बन गया है | इस मुद्दे पर सरकार को अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा और कड़े निर्णय लेने होंगे|
caste discrimination : जातिगत भेदभाव
यह भी एक अहम मुद्दा है| एक जाति के व्यक्ति के प्रति दूसरी जाति के व्यक्ति का अपनी जाति को ऊँचा मानकर उसमे भेदभाव करना यह अत्यंत दयनीय है| इससे समाज और उसके विकास पर बाधा उत्पन्न होती है| कुछ जाति के लोग आज भी भारत में दूसरी जाति के लोगो के साथ अछूतों जैसा व्यवहार करते है| और इसका एक कारन और की एक जाति के लोग केवल अपनी ही जाति के साथ विवाह करते है|
उदहारण के लिए 2021 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के 50,900 मामले दर्ज हुए है| इससे पता चलता है की हमारे देश में जातिगत भेदभाव अभी भी कितना है यह हमें समझना होगा और साथ ही सरकार और नेताओ को भी जो जाति को आधार बनाते है और अपनी राजनीति करते है|
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