Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ भगदड़ मामला क्या है और इसके जिम्मेदार कौन है
प्रयागराज में जहाँ महाकुम्भ (mahakumbh 2025) का भव्य आयोजन हो रहा है और यह सनातन धर्म की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है | यह ऐसा पर्व है जो कई वर्षो बाद आता है और यह महाकुम्भ का संयोग भी 144 साल बाद बना है | जहाँ इस महाकुम्भ में देश-विदेश से लाखो श्रद्धालु महाकुम्भ में दुबकी लगाने आ रहे है वही हमारे साधू-संत, नागा बाबा, ऋषि, आचार्य, आदि भी इस महाकुम्भ में डुबकी लगा रहे है और सभी को धर्मज्ञान भी दे रहे है |
mahakumbh bhagdad : महाकुम्भ भगदड़
यह सब हर दिन चल रहा है और प्रतिदिन लाखो की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे है | अभी तीन अमृत स्नान निकल चुके है | लेकिन इसी बिच महाकुम्भ (mahakumbh 2025) में ऐसी घटना हुई जिसने सभी को झकझोर करके रख दिया | एक ऐसी घटना जिसके बाद ऐसा सवाल खड़ा हुआ की जान कीमती है या स्नान ? VIP अहम् है या वो बच्चे जो भीड़ में मर गए ? ऐसे कई सवाल खड़े हुए जिसके बाद वहां के सरकार को समझ आया की अब ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए इसलिए घटना के बाद व्यवस्था को और मजबूत किया गया |
लेकिन सवाल यह है की जब वहां के अधिकारी, पुलिस वालो को पता था की भीड़ बड रही है और भगदड़ होने वाली है तो उन्होंने व्यवस्था का सही से पालन क्यों नहीं किया पुलों को क्यों बंद रखा गया था ? क्यों पुलिस वालो ने भीड़ को आगे बढ़ने से नहीं रोका ? आप सभी महाकुम्भ में हुए भगदड़ मामले को जानते ही होंगे अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं हम आपको बताते है |
महाकुम्भ 2025 में 28 जनवरी की रात 1:30 बजे संगम नोज (जहाँ पर नदियों का मेल होता है ) पर भीड़ बढती गयी और भगदड़ हो गया | यह भगदड़ इसलिए हुआ क्योंकि संगम नोज पर भीड़ बढ़ता गया ,कई पुलों को बंद कर दिया गया था | आने और जाने के लिए एक ही पुल का उपयोग हो रहा था | निकलने के लिए जगह नहीं मिल पाया और यह वहां पर भगदड़ हो गया | श्रद्धालु भी साधू-संत के स्नान को देखने के लिए संगम नोज पर रुकते गए इसलिए भीड़ और बढती गयी | यह सब घटना मौनी अमावस्या की रात को हुई | इस स्नान को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए उस दिन करोडो की संख्या में श्रद्धालु महाकुम्भ पहुंचे थे |

महाकुम्भ भगदड़ के जिम्मेदार और मौते
इस भगदड़ (mahakumbh bhagdad ) की वजह से करीब 30-35 लोगो की मृत्यु हो गयी | सरकार के मुताबिक 30 लोगो की जान गयी लेकिन प्रत्यक्ष रूप से वही जान सकता जो उस वक्त मौजूद रहा होगा और जिसने वह भगदड़ देखा होगा | इस भगदड़ मामले में कुछ अधिकारीयों का गैरजिम्मेदाराराना देखने को मिला |
जिसमे से कुछ नाम है विजय किरण आनंद का जो मेले के अधिकारी थे | इन्होने पान्टून पूल बदन करवा दिए थे जिस वजह से भीड़ बढती गयी | ऐसा इसलिए क्योंकि VIP के लिए कुछ रास्ते बंद कर दिए थे | दुसरे राजेश द्विवेदी जो मेले के एसएसपी है इनसे गलती यह हुई की इन्होने भीड़ को बढ़ने से नहीं रोका और आने जाने के लिए अलग रास्ते का इन्तेजाम नहीं किया |
तीसरे विजय विश्वास पन्त जो कमिश्नर है | इनको भगदड़ की आशंका हुई लेकिन उससे निपटने के इन्तेजाम नहीं किये और भगदड़ हो गया | चौथे विजय कुमार मिश्रा जो सेक्टर मजिस्ट्रेट है इन्होने भीड़ बढ़ने की सुचना बाकी अफसरों को नहीं दी इसलिए भीड़ बढती गयी | और पांचवे है वैभव कृष्ण जो महाकुम्भ के DIG है इन्होने संगम नोज पर भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जिस वजह से वहां श्रद्धालु बढ़ते गए और भगदड़ हुई |
इस घटना (mahakumbh bhagdad) में जिनकी मौत हुई उनके परिवार वाले ही समझ सकते है उनका दुःख क्योंकि बाकी तो सिर्फ बाते करते रहेंगे लेकिन असल में उनके ऊपर क्या बीती होगी वही जान सकते है | लेकिन इस पर भी राजनीती हो रही है | जबकि इस पर राजनीती नहीं होनी चाहिए | और कई सोर्स से पता चला है की महाकुम्भ में उस दिन करीब 3 जगहों पर भगदड़ हुई थी लेकिन आपको एक के बारे में ही बताया गया बाकि 2 को छुपा दिया गया सोचिये उसमे कितनी मौते हुई होंगी | लेकिन असल में जो इसके जिम्मेदार है वो नहीं चाहते की जितनी मौते हुई है उनको बताया जाये |
इस भगदड़ के बाद शासन को होश आया और तब जाके उन्होंने कड़ी व्यवस्था बनाई और सभी पूल खोले गए | महाकुम्भ पर गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगाया गया और VIP पास को रद्द किया गया | तब जाके जो बसंत पंचमी का स्नान था वह सम्पन्नता से हुआ | लेकिन अगर यही व्यवस्था पहले से ही सही होती तो सायद वो लोग नहीं मरे होते | सबको न्याय मिले और जो भी मुवावजा है उन्हें जल्द से जल्द दिया जाये |
ऐसे हि और अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे |
Join WhatsApp Group | ![]() |
Join Telegram Channel | ![]() |
यह भी पढ़े :-
2.mahakumbh 2025 record : महाकुम्भ नगर प्रयागराज विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया देखिये पूरी खबर