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Kamar Tribe Chhattisgarh : कमार जनजाति छत्तीसगढ़ के बारे में पूरी जानकरी

Kamar Tribe Chhattisgarh
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Kamar Tribe Chhattisgarh | कमार जनजाति छत्तीसगढ़

 

Kamar Tribe Chhattisgarh : कमार जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की बहुत ही महत्वपूर्ण जनजाति समुदाय है | यह छत्तीसगढ़ राज्य की पिछड़ी हुयी जनजाति समुदाय है | Kamar Tribe एक अनुसूचित जनजाति है | यह जनजाति समुदाय भारत के मध्य भारत के जंगलो , घाटियों और पहाडियों पर रहते है | यह छत्तीसगढ़ राज्य की बहुत ही प्रसिद्ध जनजातियो में से के है | इस जनजाति समुदाय के लोग इस जनजाति समुदाय के लोग बहुत ही सीधे साधे तरीके से अपना जीवन यापन करते है | इस जनजाति समुदाय के लोग आपसी विवाद का निपटारा पंचायत के द्वारा करते है | इस जनजाति को छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ी हुयी जनजाति घोषित किया गया है |

Kamar Tribe समुदाय छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंध जिले के छुरा और मैनपुर और धमतरी जिले के मगरलोड व् नगरी तथा महासमुंद जिले के बागबाहरा आदि जगहों में पाए जाते है | भारत की जनगणना साल 2011के अनुसार छत्तसीगढ़ राज्य में इनकी जनसंख्या 26 हजार 530 है | इसमें पुरुषो की संख्या 13 हजार 70 है और महिलाओ की संख्या 13 हजार 460 है | देखा जाए तो इस जनजाति समुदाय की उत्पत्ति का कोई भी एतिहासिक साक्ष्य नही है लेकिन ऐसी मान्यताये है की इनकी उत्पत्ति मैनपुर में सबसे बड़े देवता देव डोंगर में स्थित वामन देवता से है | और इनके पूर्वज वामन देवता को मानते है |

Kamar Tribe
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कमार जनजाति का व्यवसाय

Kamar Tribe का मुख्य व्यवसाय कृषि है | इस जनजाति के लोग बांस के कई तरह के सामान बनते है और उन्हें बाजारों में बेच कर अच्छा मुनाफा भी कमाते है | साथ Kamar Tribe के लोग मैदानी इलाको ने धान , कुटकी , कुरथी , कोदो , आदि अनाजो की भी खेती करते है इसके साथ ही वे मछली पकड़ना शिकार करना आदि काम भी करते है | कमार जनजाति के लोग वनों से प्राप्त जलाऊ लकड़ी , महुआ , तेंदू के फल और तेंदू के पत्ते , चार , हर्रा – बहेरा आदि को इकट्ठा कर बाजारों में बेंच कर अपने उपयोग की सामाग्रियां खरीदते है |

कमार जनजाति के तीज – त्यौहार

Kamar Tribe  छत्तीसगढ़ राज्य की एक महत्वपूर्ण जनजाति समुदाय है | kamar janjati समुदाय छत्तीसगढ़ राज्य की पिछड़ी हुयी जनजाति समुदाय है | kamar janjati  समुदाय वनों और वहां से प्राप्त उपज पर निर्भर रहते है | साथ ये खेती भी करते है | इस समुदाय के द्वारा कई तरह के तीज – त्यौहार भी मनाये जाते है जिनमे नवाखानी , बीजबोनी , दशहरा , हरेली , माटीजात्रा , होली , दिवाली , छेरछेरा , पोरा आदि शामिल है |

लोकगीत और लोकनृत्य

kamar janjati  समुदाय छत्तीसगढ़ राज्य की एक बहुत ही महत्वपूर्ण जनजाति समुदाय है | kamar janjati  के प्रमुख लोकगीत घोटूल पाटा गीत , करमा , सुवा ददरिया , जशगीत धनकुल , जागर गीत , बिहाव , फागुन और रीलो गीत आदि है | इनके प्रमुख लोकनृत्यो में सुवा नृत्य , कर्मा , रहस , विवाह आदि नृत्य महिला व पुरुष दोनों करते है |

इनके प्रमुख देवी देवता

kamar janjati  समुदाय बहुत ही महत्वपूर्ण है | यह जनजाति समुदाय सीधे साधे तरीके से जीवनयापन करने वाली है | इस जाति के लोगो के प्रमुख देवी देवता छोतेमाई , बड़ेमाई , वामन देव , पूर्वज देव , शीतलामाता , ठाकुरदेव , भीमा , माता पहुचानी , कचना धुरवा , बुढादेव , बूढीमाई , धरती माता , पोगरी देव , माता डूमा आदि इनके प्रमुख देवी देवता है |

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