Indian budget : भारतीय बजट
भारत का बजट जिसे आप बखूबी जानते है की यह बजट किसलिए निकाला जाता है | भारत के लोगो तथा भारत के विकास के लिए यह बजट हर साल पारित होता है| 2024 में बजट 23 जुलाई को वर्तमान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद भवन में पेश किया जायेगा| यह उनका 7 वां बजट पेश होगा| आइये अब जानते है बजट तथा भारत के अन्य जमा, तथा खर्चे से सम्बंधित कुछ कठिन शब्दों के बारे में सरल भाषा में |
बजट : budget :-
इंग्लैण्ड के वित्त मंत्री रोबर्ट वालपाल ने 1733 में सरकार के जमा और खर्च किये गए पैसो का लेखा-जोखा संसद में पेश किया था| रोबर्ट ने अपने दस्तावेज छोटे लैदर बैग में लाये थे जिसे अंग्रेजी ने बजट कहा जाने लगा| और उसके बाद से सरकार के हिसाब -किताब को बजट कहा जाने लगा |
Indian budget : बजट को जो सरकारे सत्ता में रहती है याने की जो सरकार में रहती है वो बजट पेश करती है| जैसे हम घर के लिए बजट निकालते है और उसी के अनुसार खर्चा करते है वैसे भारत सरकार भारत के विकास तथा उसके लोगो के लिए भारतीय बजट निकालती है| संविधान के अनुच्छेद 112 में बजट की जगह इसे annual financial statement बताया गया है| बजट में टैक्स, कर्ज और विभिन्न माध्यमो से जमा और खर्च के बारे में बताती है तथा अनुमान भी लगाया जाता है| यह बजट लोकसभा में पास होना जरुरी है तभी सरकार टैक्स और खर्च करने का अधिकार प्राप्त कर सकती है|
संचित निधि :-
भारत की संचित निधि का अर्थ है की सरकार जो राशी जमा करती है उसे एक कोष में रखती है और इसे ही संचित निधि कहा जाता है| संचित निधि में आम लोगो का ही पैसा होता है इसका पैसा निकालने के लिए लोकसभा से अनुमति लेना जरुरी होता है| लोकसभा से मंजूरी प्राप्त करने के लिए सरकार मनी बिल पेश करती है| और उसके बाद सरकार संचित निधि से रकम निकाल सकती है| मनी बिल राज्यसभा से भी पारित किया जाता है लेकिन राज्यसभा इसमें बस सलाह दे सकती है |
आकस्मिक निधि :-
भारत की आकस्मिक निधि से तात्पर्य है की भारत सरकार किसी आपदा, समस्या, आपातकाल तथा हादसे जैसे अन्य मामलो के खर्च के लिए कुछ पैसा अलग से रखते है, और इसे ही भारत की आकस्मिक निधि कहा जाता है| सरकार को इससे पैसा निकालने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति से मंजूरी लेना होता है| इसमें हर समय लगभग 30,000 करोड़ की राशी होती है| आर्टिकल 267(2) में इसका उल्लेख है| संचित निधि से सरकार आकस्मिक निधि में पैसा जमा करती रहती है|
लोक लेखा : public account :-
भारत सरकार बहुत से योजनाये चलाती है जैसे PPF, सुकन्या योजना, किसानो के लिए योजना आदि| इस तरह की योजनाओ में लोग अपने पैसे जमा करते है और इसमें सरकार एक तरह से बैंक के रूप में यह पैसा रखती है| और इस जमा के जरिये सरकार आपको ब्याज भी देती है| इसके लिए सरकार को संसद से मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है| आर्टिकल 266(2) में इसका उल्लेख है|
GDP( gross domestic product) :-
इसे सकल घरेलु उत्पाद भी कहा जाता है| एक साल के दौरान बनी वस्तुओ और उसकी सेवाओ के कुल कीमत होती है| उदाहरण के लिए देखे तो जैसे सिलाई मशीन बनाना और कपडे सिलाई करने के पैसे चार्ज करना | इसमें सिलाई मशीन बनाना वास्तु का उत्पादन है और कपडे सिलाई करना सेवा उत्पादन | और ऐसे ही भारत में सभी उत्पाद और सेवाओ का कुल बाजार कीमत भारत की जीडीपी कहलाती है|इसमें भारतीय और विदेशी दोनों शामिल है यह बहुत बड़ा पैमाना है इससे देश की इकोनोमी पता कर सकते है|
TAX : टैक्स :-
इसे हम एक कालोनी के जरिये समझ सकते है जैसे गणेश चतुर्थी के लिए सभी घरो से थोड़े थोड़े पैसे एकत्र किये जाते है, बड़े मकानों से थोडा ज्यादा और छोटे मकान वालो से कम पैसा लिया जाता है| और इसी प्रकार से सरकार भी पैसा वसूलती है जिसे टैक्स के रूप में जानते है| इसका उपयोग आम जनता की भलाई, सार्वजनिक काम, देश के विकास, देश की सुरक्षा, सरकारी अधिकारियो-कर्मचारियों की सैलरी आदि के लिए किया जाता है| दो प्रकार के टैक्स होते है :-
1. किसी संस्था से , कंपनी या व्यक्ति की आय से सरकार द्वारा सीधे लिए जाने वाले टैक्स को प्रत्यक्ष कर कहा जाता है |
2. अगर आप कोई वास्तु खरीद रहे है तथा किसी सेवा का इस्तेमाल कर रहे है तो उसके दाम का एक भाग सरकार अपने पास रखती है जिसे GST कहते है| और यह टैक्स प्रत्यक्ष रूप से नहीं लिया जाता है इसलिए इसे अप्रत्यक्ष कर कहा जाता है|
finance and appropriation bill :-
budget के तीन प्रकार होते है एक बजट भाषण , दूसरा फाइनेंस बिल और तीसरा एप्रोप्रिएशन बिल | आइये एक एक बिल के बारे में थोडा जानते है :-
1. वित्तमंत्री संसद में बजट भाषण के माध्यम से लोकसभा में बजट पेश करती है|और उसके पश्चात् दो और बिल पेश किया जाता है|
2. फाइनेंस बिल इसके माध्यम से सरकार जमा का हिसाब देती है| जमा का प्रमुख जरिया, टैक्स में बदलाव आदि को बताते है|
3. एप्रोप्रिएशन बिल के माध्यम से सरकार अपने खर्चे का हिसाब देतो है|
disinvestment :-
जब सरकार पब्लिक कंपनियों की हिस्सेदारी private संस्थाओ को बेचती है तो इसे विनिवेश कहा जाता है| इसके माध्यम से सरकार अपने खर्च के लिए राशी एकत्र करती है|जैसे की भारत सरकार ने एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को बेचकर 100 प्रतिशत विनिवेश किया है|
fiscal policy :-
जब भारत सरकार अपने जमा और खर्च के लिए जो पालिसी बनाती है उसे फिस्कल पालिसी कहा जाता है| इसमें टैक्स की दरे, कर्ज, सार्वजनिक खर्च आदि के लिए पालिसी तैयार करती है| सरकार के पास कहाँ से पैसा आएगा और कहाँ खर्च होप्गा इसके जरिये तय किया जाता है|
capital and revenue expenditure :-
एक बार किया जाने वाला खर्च जिससे फायदा लम्बे वक्त तक होता रहे उसे कैपिटल एक्स्पेंडीचर कहा जाता है| जैसे हम नए घर के लिए अपना पैसा लगते है वैसे ही सरकार सड़क, ब्रिज, एयरपोर्ट आदि के लिए पैसा खर्चा करते है| और इससे सरकार को फायदा मिलता रहता है|
दूसरी तरफ रेवेन्यु इसका मतलब सरकार के प्रतिदिन खर्च जिसमे सैलरी, पेंशन और सब्सिडी आधी शामिल है इसे रेवेन्यु एक्सपेंडीचर कहते कहा जाता है| इसमें किसी भी प्रकार का फायदा नहीं मिलता है|
budget estimate :-
नए वित्त वर्ष के लिए बजट में यह अनुमान लगाया जाता है की सरकार के पास कहाँ से पैसा आयेगा और उसे कहाँ खर्च करेगी, इसे बजट एस्टीमेट कहते है|और इसी के साथ एक revised estimate होता है जिसके जरिये पिछले वित्त वर्ष में पैसे आने और खर्च होने के अनुमान का एक बार फिर से आकलन करते है| जैसे इस बार के बजट में वित्तमंत्री 2023-24 का revised budget पेश करेंगी|
actual :-
इसमें वित्तमंत्री दो वर्ष पहले के सरकार का कर्ज, खर्च और रेवेन्यु का सटीक आंकड़ा पेश करते है| जिसे एक्चुअल कहते है, एक वित्त वर्ष के पूरा होने पर सरकार वास्तविक खर्च का आकलन करते है|
तो यह था बजट से और भारत के आर्थिक लेखा-जोखा से सम्बंधित कुछ कठिन शब्दों का आसान शब्दों में अर्थ ऐसे ही और अधिक महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे :- sujhaw24.com
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