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Togglehareli tihar | हरेली तिहार छत्तीसगढ़
hareli tihar : छत्तीसगढ़ भारत देश का अभिन्न अंग है | छत्तीसगढ़ भारत के एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है | यह भारत के अर्थव्यवस्था की दृष्टी से भी बहुत ही महत्वपूर्ण देश है | | छत्तीसगढ़ के तीज – त्यौहार यहाँ की लोक कला संस्कृति भारत के अन्य राज्यों से बिलकुल अलग है | छत्तीसगढ़ में आज से अर्थात 4 अगस्त से छत्तीसगढ़ी तीज – त्यौहारों को शुरुआत हो चुकी है | आज छत्तीसगढ़ का बहुत ही आज छत्तीसगढ़ का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार हरेली त्यौहार है |
पुरे छत्तीसगढ़ में पुरे छत्तीसगढ़ में आज इस त्यौहार को बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है | इस हिन् को हरियाली त्यौहार भी कहा जाता है | लेकिन छत्तीसगढ़ की बोलचाल की भाषा में मुख्य रूप से हरेली तिहार के नाम से जाना जाता है |
छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार
छत्तीसगढ़ में आज अर्थात 2 अगस्त 2024 को में आज अर्थात 2 अगस्त 2024 को पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीगढ़ का पहला त्यौजार मनाया जा रहा है | छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली त्यौहार है जिसे हरियाली पर्व के के नाम से भी जाना जाता है | छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार का विशेष महत्व है | | हरेली तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का पहला त्यौहार माना जाता है | इस त्यौहार को छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ राज्य में दे ही उत्साह के साथ परम्परागत रूप से मनाया जाता है |
हरेली तिहार क्यों मनाया जाता है ?
हरेली तिहार छत्तीसगढ़ के लोक पर्व में से एक है | हरेली तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे पहल लोक पर्व है | यह त्यौहार छत्तीसगढ़ की हरियाली का प्रतिक है | इस त्यौहार को इस लिए माना जाता है क्युकी छत्तीसगढ़ में किसान बारिश के मौसम में किसान धान बाई का काम काम , धान को बियासने , रोपा लगाने का पूरा कर लेते है | इस तरह से किसानो द्वारा धान बाई से जुड़े सभी काम पुरे हो जाने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया आता है | इस दिन किसान खेत न जाकर इस त्यौहार को अपने परिवार के साथ रह कर मानते है |
पशुधन के स्वस्था की रखा का त्यौहार हरेली तिहर
हरेली तिहार के दिन छत्तीसगढ़ के हर घर में अपने पशुओ को औषधी युक्त आटे बनी लोई को खिलाया जाता है | यह त्यौहार पशुओ के स्वस्थ्य को बेहतर बनाये रखने की ओर संकेत करता है | छत्तीसगढ़ के लो पाने घर के पशुओ के स्वाथ्य को बेहतर रखने की दृष्टि से वनों से कंदमूल ऐसे कई सारे औषधि वर्धक जड़ी रखने की दृष्टि से वनों से कंदमूल ऐसे कई सारे औषधि वर्धक जड़ी बूटियों को आटे के साथ मिलाकर पशुओ को खिलाया जाता है क्युकी वे उनके के आने के काम में हर दम साथ निभाते है आने के काम में हर दम साथ निभाते है | इस दिन छत्तीसगढ़ के गांवो में कई तरह के खेलो का भी आयोजन होता है |
कैसे मनाया जाता है इस दिन को
हरेली तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का एक लोकपर्व है | यह छत्तीसगढ़ का सबसे प्रथम लोक पर्व है | इस दिन किसान सुबह से उठ कर ही त्यौहार की तैयारी में लग जाते है | किसान अपने घर के किसानी से सम्बन्धित औजारों जैसे कुदाल , फावड़ा , हल , आदि को अच्छी आदि को अच्छी तरह से साफ़ धो कर रेती या मुरम तरह से एक साफ़ स्थान बनाकर वहां रख देते है |
और घर की महिलायें अनेको प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाये जाते है जैसे पूरी , भजिया , चिला , ठेठरी , खुर्मी आदि | इस दिन हर घर में बच्चो के लिए गेड़ी भी बनाई जाती है | गायो को औषधीय गुणों से युक्त कर आटे से बनी लोदी खिलाई जाती है | छत्तीसगढ़ी के गांवो में बच्चे , बूढ़े , बड़े , युवा सभी के लिए अनेको खेलो का आयोजन किया जाता है जिसमे सबसे प्रमुख गेड़ी दौड़ है |
गाँव में जो यादव समाज के है और जो गाँव के समस्त पशुओ को चराने का काम करते है वे हर घर को समस्त पशुओ को चराने का काम करते है वे हर घर को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए गहर के मुख्य दरवाजे के बाहर नीम के छोटे छोटे डाली को लटकाया जाता है | हमारी sujhaw24.com की ओर से सभी लोगो को हरेली की ओर से सभी लोगो को हरेली पर्व की ढेर सारी शुभकामनाये |
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