Guru Ghasidas National Park | गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़
Guru Ghasidas National Park : गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का एक बहुत ही महत्व रखने वाला राष्ट्रिय उद्यान है | इस राष्ट्रिय उद्यान में कई जीवो की प्रजातियों को संरक्षण दिया गया है | यह राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ के वन्य जीवो के लिए बहुत ही अहम रोल अदा करता है यह वन्य जीवो के लिए एक उत्कृष्ट उद्यान है | यहाँ उनके संरक्षण के लिए सभी तरह की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है | इस राष्ट्रिय उद्यान को इसकी प्राकृतिक तत्व जैसे पहाड़ी क्षेत्र , घने जंगल , घांस के मैदान और यहाँ की नदी जीवो के लिए और अधिक उत्कृष्ट बनाती है |
गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान का निर्माण कब किया गया ?
छत्तीसगढ़ राज्य का यह राष्ट्रिय उद्यान वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से बहुत ही अधिक महत्व रखता है यह राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही पुरे देश के प्रमुख राष्ट्रिय उद्यानों में से एक देश के प्रमुख राष्ट्रिय उद्यानों में से एक | जहा पर कई दुर्लभ जीवो को भी संरक्षण प्रदान किया गया है | गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान वास्तव में पहले संजय राष्ट्रिय उद्यान का ही हिस्सा था | इस इस उद्यान की स्थपना साल 1981 में की गयी थी | यह राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रिय उद्यान है |
गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान कहा पर स्थित है ?
गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा राष्ट्रिय उद्यान है जो पुरे प्रदेश के साथ साथ पुरे भारतवर्ष में जाना जाता है | यहाँ पर कई प्रकार के जीवो कि प्रजातिया पायी जाती है | इस राष्ट्रिय उद्यान की स्थपना साल 1981 में किया गया था है | यह राष्ट्रिय उद्यान पहेल संजय राष्ट्रिय उद्यान का हिसा था | गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले में स्थित है | यहाँ यहाँ पर बस या अन्य किसी भी सुविधा के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है | यह जिला रायपुर जिले से करीब 336 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | हर साल हजारो सैलानी यहाँ पर घुमने के लिए आते है |
यहाँ पर कौन कौन से जानवर पाए जाते है ?
गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े राष्ट्रिय उद्यानों में से के है | यह राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले में स्थित है जी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 336 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | इस राष्ट्रिय उद्यान में कई तरह के जानवरो को संरक्षण प्रदान किया गया है | इस उद्यान में बाघ , तेंदुआ , चीतल , नीलगाय , चिंकारा , सियार , साम्भर , चार सिंग वाले मृग , भालू , जंगली बिल्ली , जंगली कुत्ते , बार्किंग डियर , साही , बंदर , बाइसन , धारीदार हायना आदि जानवर इस राष्ट्रिय उद्यान में पाए जाते है |
कौन कौन से पक्षियों की प्रजाति पायी जाती है ?
यह राष्ट्रिय उद्यान वन्य जीवो के संरक्षण की दृष्टि से छत्तीसगढ़ सहित पुरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उद्यान है | यहाँ पर कई दुर्लभ प्रजाति पायी जाती है | इस राष्ट्रिय उद्यान में कई तरह की पक्षी भी पायी जाती है | जिसमे बाज , मोर , पहाड़ी मैना , बसंतगौरी , भारतीय उल्लू , नाईटजार , किंगफिशर , तोता , हुदहुद , ट्रिपाई आदि पक्षी ट्रिपाई आदि पक्षी इस राष्ट्रिय उद्यान में पाए जाते है | पहाड़ी मैना एक ऐसी पक्षी है जो छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय पक्षी है | और इस पक्षी अब दुर्लभ पक्षियों की श्रेणी में रखा गया है |
प्रमुख बिंदु
गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे बड़े राष्ट्रिय उद्यानों में से एक है | इसकी स्थपना साल 1981 में की गयी थी यह उद्यान पहले संजय राष्ट्रिय उद्यान का ही हिस्सा था जो मध्यप्रदेश में स्थित है जब छतीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश से अलग हुआ था इसे गुरु घासीदास राष्ट्रिय उद्यान का नाम से दिया गया | यह राष्ट्रिय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले में पड़ती है जो रायपुर जिले से लगभग 366 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है |यह राष्ट्रिय उद्यान कुल 1471 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है |
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