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Goncha festival : छत्तीसगढ़ के बस्तर में रथ यात्रा (गोंचा पर्व) की परंपरा 600 साल पुरानी चली आ रही है

छत्तीसगढ़ के बस्तर में रथ यात्रा
छत्तीसगढ़ के बस्तर में रथ यात्रा

Goncha festival || छत्तीसगढ़ के बस्तर में रथ यात्रा (गोंचा पर्व) 

Goncha festival : बता दे की छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी प्राकृतिक वनसंपदा और अपनी कला-कृतिया से भरपूर तथा यंहा की संस्कृति पुरे देश में जाना जाता है l इसके अलावा यंहा कई बड़े जलप्रपात और गुफाये भी मौजूद है l आइये जानते है बस्तर में रथ यात्रा के बारे में l

Goncha festival
Goncha festival

 

बस्तर के त्योहारों में चाहे वो दशहरा हो या फिर बस्तर में पारंपरिक रूप से मनाये जाने वाले गोंचा पर्व रथ यात्रा , इन महापर्वो के रस्मो ने लोगो के मन को लुभान्वित करती है जिसे देखने के लिए लाखो की संख्या में लोग प्रतिवर्ष आते है l यही लोग बस्तर की खुबसूरत दृश्यों, नज़ारे को आदिवासी समाज की परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को बताने के लिय गवाह या साक्षी होते है l

गोंचा पर्व (रथ यात्रा) की परंपरा

बता दे की बस्तर की जगन्नाथ रथ यात्रा की परंपरा विश्व प्रशिद्ध है यंहा विदेशो से भी लोग आते है l यह गोंचा पर्व लगभग 600 सालो से चलती आ रही है l कहा जाता है यह पर्व लगातार 27 दिनों तक मनाया जाता है l प्रतिदिन प्राचीन सभ्यता के अनुसार पूजा-पाठ किया जाता है l  जिस तरह पूरी में भगवन जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली जाती है उसी तरह बस्तर में भी भगवन जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र के तीन बड़ी-बड़ी रथ निकले जाते है l और शहर में चारो तरफ परिक्रमा कराई जाती है l जिसे दर्शन करने के लिए दूर दूर से लोगो की भीड़ उमड़ जाती है l

बस्तर 2024 गोंचा पर्व (जगन्नाथ  रथ यात्रा)  

बस्तर में रथ यात्रा को गोंचा पर्व के नाम से भी जाना  जाता है l यह गोंचा पर्व भारत के अन्य राज्यों में भी बड़ी धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते है l छत्तीसगढ़ के बस्तर में यह पर्व प्रतिवर्ष अषाढ़ शुक्ल द्वितीय तिथि से लेकर एकादशी तक चलता है l  इस वर्ष 2024 में यह पर्व 10 से 11 दिन तक चलेगा l इसकी तारिक भी घोषित हो चुकी है जो 7 जुलाई 2024 को प्रारंभ होगी और 17 जुलाई 2024 तक चलेगी l

गोंचा पर्व का इतिहास

बस्तर का गोंचा पर्व (Goncha Festival) जिसे रथ यात्रा के नाम से भी जाना जाता है l  कहा जाता है यह पर्व 600 साल पहले बस्तर के एक रजा महराजा पुरुषोत्तम ने पैदल यात्रा करते हुए बसर से उड़ीसा के पूरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए गए थे l तभी पूरी के राजा गजपति ने उन्हें भेंट के रूप में भगवान जगन्नाथ के मंदिर में स्थित माता सुभद्रा का रथ दिया था l

इसके बाद से ही बस्तर के लोगो ने जगन्नाथ रथ यात्रा या गोंचा पर्व (Goncha Festival) को बड़े धूम-धाम से मनाया जाने लगा l समय के साथ साथ इस पर्व में बदलाव आने लगा लेकिन बस्तरवासी आज भी इस महापर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते है l

गोंचा पर्व में भंडारा

रथ यात्रा के महापर्व में बस्तर संभाग के लगभग 104 गावो में निवास करने वाले आरण्यक ब्राह्मण के द्वारा जगदलपुर में स्थित भगवन जगन्नाथ मंदिर में 6 दिनों के लिए भंडारा का आयोजन करते है l इसे अमनिया के नाम से जानते है l इसके लिए अलग अलग टोली (Group) बनाये जाते है l और प्रत्येक टोली (ग्रुप) में 20-25 गाँव आते है l इस भंडारा में प्रसाद के साथ भोजन की भी व्यवस्था की जाती है जिसे ग्रहण करने के लिए हजारो की संख्या में श्रद्धालु, भक्तजन आते है l

गोंचा पर्व का स्थल पता

जगन्नाथ मंदिर, बस्तर पैलेस के पास, जगदलपुर, जिला-बस्तर, छत्तीसगढ़

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