Co-Founder of Zepto | | Zepto के Co Founder Adit Palicha और kevlya mohara का जीवन किस तरह से है
Co-Founder of Zepto : आज के समय में Dmart एक बहुत ही चर्चित कंपनी है जिसके बारे में आपने जरुर सुना होगा | 2002 से Dmart अपने मूल रूप में आया वही Zepto की बात करे तो यह 2021 में अपने मूल रूप में आया यह एक बहुत ही अच्छा startup है जब कोरोना के समय में लोगो को लगा की जब सामान लोगो को घर बैठे मिल रहा है तो इससे अच्छा और हो क्या सकता है |
तो Zepto कई startup चलन में आए अब ये तीन साल पहले startup अब के समय में यह दावा कर रहा है कि हम 22 साल पहले जो Dmart के नाम से शुरू हुआ startup को अब कुछ दिनों में पीछे छोड़ने वाले तो यह दावा हमें रोचक या जानने को मजबूर करता है कि क्या यह दावा सही है |Adit Palicha का कहना है कि Dmart 30 अरब डॉलर की कंपमी है
आगे Adit Palicha कहते है कि Dmart की सेल्स हमसे साढ़े 4 गुना आगे है अगर हम इसी तरह काम करते रहे तो हर वर्ष 2 से 3 गुना हमारी कंपनी Zepto बढ़ सकती है और Dmart को आगे जा कर पीछे भी छोड़ सकती है |Adit Palicha ने 19 वर्ष के उम्र में अपनी कंपनी Zepto शुरू किया था अभी उन्होंने इसे यूनी कोन बना दिया है यूनीकोन का मतलब ऐसी कंपनिया जिसका वैल्युवेशन 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा है |
आज के समय में इसका अगर रूपए में बात करे तो 8 हजार 347 करोड़ रूपए होता है | 3 वर्ष में उन्होंने कंपनी को यहाँ ला कर खड़ा कर दिया | आब वह दावा करते है कि 4 वर्ष में यह Zepto कंपनी Dmart को पीछे कर देगा |आज के समय में बात करे तो Dmart कोई ऐसी वैसी कंपनी तो है ही नही आज के समय में Dmart कंपनी बिजनस क्षेत्र का एक बड़ा वृक्ष है |
Dmart का शुरुआत कब से हुआ
Dmart को राधा कृष्ण दमानी 2002 में शुरू किया था आज इसका मार्केट 38 अरब डॉलर से भी अधिक का हो गया है आज की तारीख में इसे बदलू तो 3 लाख 17 हजार 607 करोड़ रूपए होता है इतनी बड़ी कंपनी को पीछे छोड़ने का दावा Adit कर रहे है |
Zepto के Co Founder Adit Palicha और kevlya mohara
किस आधार पर कर रहे है ये समझने के लिए जानते है Adit Palicha और kevlya mohara की कहानी इन्ही दोनों ने यह कंपनी Zepto की शुरुआत किया है दोनों बचपन से पहले ही एक दुसरे को जानते थे | इनका शहर था मुंबई दोनों के पिता इंजिनियर है दोनों की पढाई भी एक साथ मुंबई में हुई |
दोनों को बचपन से ही टेक्नोलॉजी या प्रोजेक्ट में बहुत रुची था इन्ही प्रोजेक्ट्स में एक प्रोजेक्ट था GO KUL एक तरह के कार कुलिंग एप्लीकेशन था जो स्कूल जाने वाले बच्चो को एक साथ कनेक्ट करता है और बच्चो को एक साथ स्कूल पहुचता था |ये प्रोजक्ट बहुत ही अच्छा वह सही तरीके से चला था ही नही बढ़िया प्रोफिट ले कर दोनों ही इस कंपनी को बेच भी दिया |
आदित्य एक इंटरव्यू में कहते है कि तब मुझे पता नही था कि टेक्नोलॉजी का प्रोडक्स बना कर या एप बना कर आप पैसे भी कमा सकते हो और अपना भविष्य भी बना सकते हो | Adit और kevlya अब startup सिस्टम को और अच्छे से समझना चाहते थे | दोनों ने Stanford University में Computer Science के विषय को लेकर दाखिला लिया |
अब startup के इस तरीके को और अच्छे से सामने Stanford University में भर्ती हुआ | दोनों के दाखिला लेने के बाद अब कोविड का समय आ गया दोनों को ही अब वापस मुंबई आना पड़ा | मंबई से ही दोनों ने ऑनलाइन classes लेना शुरु कर दिया लेकिन दोनों को ऑनलाइन पढाई अच्छा नही लगा | और दोनों ने यह तय किया की एक साल का गेप लेंगे और दोबारा से पढाई शुरु करेंगे |
तब तक दोनों कुछ और कर के देखते है कोई और प्रोजक्ट बार काम करके देखते है दोनों कि नजर पड़ी ग्रोसरी डिलीवरी मार्केट पर पड़ी कोविड के समय में ग्रोसरी खरीदने के लिए लोगो को बहार जाना पड़ता था कोविड का समय बहुत कठिनाई का समय था इस कठिनाई को देखते हुए Adit और kevlya ने शुरू किया kiranakart आदिया था कि आस पास के दुकान दरो से सामान ले कर लोगो के घरो तक पंहुचा एंगे |
इस समय जितने भी दुसरे startup थे वह 12 से 24 घंटे के अन्दर सामान पहुचाते थे लेकिन किरना कार्ड ने लोगो से यह वादा किया कि वह 45 मिनट के अन्दर सामान लोगो के घरो तक पंहुचा एंगे | आलम यह था कि 5 से 6 के अन्दर ही सामान 300 से 400 डिलीवरी मिलने लगी |
काम का शुरुआत किस तहर से किया

काम के शुरुआत में Adit और kevlya खुद ही सामान लोगो के घरो तक पहुचने जाया करते थे पर कुछ समय बाद कुछ डिलीवरी बॉय को काम पर रखा गया | लेकिन जब उन्हें ग्राहकों का फीड बैक मिला तो थोडा सा उन्हें दिक्कत महसूस होने लगी | ग्राहकों का कहना था कि आदिया तो सही है लेकिन उनका तरीका या अनुभव एप्प पर अच्छे से नही है |
अभी तो हमारे पास कोई दूसरा ओपसन नही है लेकिन lockdown ख़तम होते ही लोग इससे दुरी बना लेंगे | लोगो के यह कहने पर Adit और kevlya ने अपने बिजनेस तरीके में कुछ बदलाव किए | दोनों ने यह तय किया की दूकान दारो से सामान खरीदने के बजाय अपना खुद का डार्क स्टोर शुरु कारन है डार्क स्टोर एक तरह का वेयर हाउस है ग्रोसरी से लेकर बहुत से कैटिगरी डिलीवर करने का काम शुरू करेंगे |
Adit और kevlya का यह आडिया काम कर गया और लोगो को यह पसंद आने लगा | स्पिरियां से लेकर यूटिलिटी तक कुछ ग्राहकों को बहुत पसंद आ रहा था ग्राहकों का भरोसा और संख्या बढ़ने लगा | Adit और kevlya ने kiranakart का नाम बदल कर कर Zepto | इसी बीच दोनों ने यह तय किया की अब कॉलेज जाने का कोई मतलब है ही नही क्योकि वहा जा कर जो सीखेंगे तो उससे ज्यादा वह खुद का बिजनेश कर के सीख जाएगे | दोनों ने यह फैसला लिया की कॉलेज ड्राप आउट करेंगे |
Zepto ग्रोथ
समय के साथ हर महीने 100 से 150 गुना ग्रोथ होने लगी | इसके साथ बड़े इन्वेस्टर से उन्हें पैसे मिलने लगे और समय के साथ Adit और kevlya कि संपति भी बढ़ने लगी | आलम यह हुआ की दोनों को IIM वेल्थ गुरुन रिचेस्ट यूथ 2022 का अवार्ड मिला |
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