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ToggleCity of Lord Rama || भगवान राम की नगरी
City of Lord Rama : भगवान राम की नगरी जिसे अयोध्या कहा जाता है इस नगरी में पुत्र का पिता के प्रति समर्पण त्याग की भावना देखा जाता है और अपने परिवार के प्रति सम्मान दिखाई देता है | अयोध्या नगरी में भाइयो के बीच गहरा प्रेम दिखाई देता है जहा के पति और पत्नी के बीच अटूट संबंध दिखाई देता है भगवान की राम के नगरी में मित्रो के प्रति छोटा बड़ा नही दिखाई देता है |
राम मंदिर को तोडा
भगवान राम के समय में जहा न्याय के लिए युद्ध किया जाता था वही अपनों के लिए बलीदान देना देखा गया | अयोध्या में भगवान राम का जनम हुआ और उस नगरी में एक भव्य मंदिर का निर्माण भी किया गया | इस मंदिर को बाबर नामक एक कुरुर जिहादी ने तोड़ दिया | इस मंदिर को दोबारा बनाने में 5 सदियों से भी अधिक का समय लगा |
जिस मंदिर को बाबर ने तोडा था वो मंदिर किसने बनवाया था और कैसा दीखता था अयोध्या नगरी जो हजारो महा पुरुषो की कर्म भूमि भी रही है और भगवान राम की जन्म भूमि है यह पवित्र जन्म भूमि हिन्दुओ के लिए बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है |
भगवन राम का जन्म
भगवान राम का जन्म 5114 ईसा पूर्व में जन्म हुआ था चैत्र मॉस की नौमी को राम नमी के रूप में मनाया जाता है अगस्त 2003 में पुरातात्विक विभाग के सर्वे में कहा की जहा बाबरी मस्जित बनी थी वही पर राम मंदिर होने के संकेत मिले है | भूमि के अन्दर बने खम्भे और अन्य अवशेष अंकित चिन्ह और पोट्री से मंदिर होने के सबूत मिले है |
भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण व्दारा हर महीने में हर मिनट की विडिओ ग्राफी और चित्रण मिले है इस खुदाई में बहुत से दीवारे और बराबर दुरी में 50 खम्भों की आधार के 2 कतारे पाई काई इसमें एक शिव मंदिर भी दिखाई दिया |
GPRS रिपोर्ट के अनुशार
सर्वेक्षण विभाग के रिपोर्ट के अनुशार सर्वेक्षण विभाग का रिपोर्ट अब उच्चन्यालय के रिकोर्ड में दर्ज किया गया है | 30 सितंबर 2010 को इलाह बाद उच्च न्यालय के लखनऊ खंड पीड ने विवादित ढाचे के संबंध में इतिहासिक निर्णय सुनाया न्याय मूर्ति धर्म वीर शर्मा ,न्याय मूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्याय मूर्ति S.U. खान ने माना की जहा राम लाला विराज मान है वही श्रीराम की जन्म भूमि है |
प्राचीन समय की अयोध्या नगरी
प्राचीन समय का अयोध्या नगरी पहले कौसल जनपद की राजधानी थी वाल्मीकि कृत रामायण काल में इसका उल्लेख भी देखने को मिलता है कि अयोध्या 12 योजन लंबी और 3 योजन चौड़ी थी | बाल मिकी रामायण में अयोध्या पूरी का विस्तार से किया गया है | रामायण में अयोध्या नगरी के सरियु तट पर बसे और अयोध्या नगरी का संमृद्ध होने का भी वर्णन मिलता है |
अयोध्या नगरी में चौड़ी सड़के और भव्य मंदिर थे और उसके साथ बगीचे आम के बाग़ भी थे इसके साथ चौराहा पर लगने वाले बड़े बड़े स्तंभ भी थे प्रत्येक व्यक्ति का घर राज महल के सामन था यह माह पूरी 12 योजन यानी 96 मिल चौड़ी थी इस नगरी में सुन्दर लंभी और चौड़ी सड़के थी | इंद्रा की अमरावती नगर के सामान महराजा दशरत अयोध्या पूरी को सजाया था |
भगवान राम की जन्म भूमि
भगवान राम के जल समाधि लेने के बाद अयोध्या कुछ समय के लिए उजड़ा सा हो गया था लेकिन उनकी जन्म भूमि पर बना वैसे के वैसे ही था | भगवान श्री राम के पुत्र कुश के बार दोबारा से राजधानी का पुनः निर्माण करवाया | इस निर्माण के बाद सूर्य वंश के 44 पीडिया तक इस वंश के आखरी राजा महराजा प्रद्वलतक आखरी राजा अपने चरण पर रहा |
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