Chenab Railway Bridge : चिनाब रेलवे ब्रिज
चिनाब रेलवे ब्रिज इसके बारे में कौन नहीं जानता यह सात अजूबो से कम नहीं है क्योंकि यह दुनिया का सबसे ऊँचा ब्रिज है | सायद इसलिए आप भी इसे जानते है यह ब्रिज ऐसी पहाड़ी पर बना है की आप भी इसे देखकर चौंक जायेंगे | इसका नजारा देखने के लिए आपको जम्मू-कश्मीर जाना होगा |
Chenab Railway Bridge जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बना हुआ है| चिनाब ब्रिज जम्मू से लगभग 70 किमी की दुरी पर स्थित है| इसका नाम चिनाब ब्रिज इसलिए पड़ा क्योंकि इसके निचे चिनाब नदी बहती है और इसी के ऊपर में यह ब्रिज बना हुआ है| नदी के ताल से इस ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है| एफिल टावर भी इससे लगभग 35 मीटर छोटा है| ब्रिज खुबसूरत दिखने के साथ साथ बहुत मजबूत भी है|
इसे बनाने में 29,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है| इस ब्रिज की लम्बाई 1315 मीटर है | इस ब्रिज की लागत 1486 करोड़ से ज्यादा है| इसकी लाइफ तक़रीबन 120 साल होगी| और इसकी खासियत यह है की यह ब्रिज 266 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से आने वाली हवा को झेल सकती है| और इसमें 100 किमी प्रति घंटे की तेजी के साथ रेलगाड़ी चल पाएंगी|
history of chenab railway bridge : चिनाब रेलवे ब्रिज का इतिहास
अब आइये जान लेते है इसके इतिहास के बारे में की कब क्या क्या हुआ | सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को 2003 में मंजूरी मिल गया था| और प्लान के मुताबिक इसे 2009 में तैयार करना था| कंस्ट्रक्सन और सुरक्षा की वजह से इसे बार बार रोका गया | इसके प्रोजेक्ट का एक बार और रिव्यू किया गया और फिर इसे 2010 से से शुरू किया गया | उसके बाद यह ब्रिज 2022 में बनकर तैयार हुआ |
- . दिसंबर 2003 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई
- . कंस्ट्रक्सन के लिए फरवरी 2008 में कॉन्ट्रेक्ट दिया गया
- . ब्रिज का लगभग 80 प्रतिशत कंस्ट्रक्सन का काम अगस्त 2019 में पूरा हुआ
- . उसके बाद ओपनिंग के लिए नयी तारीख की घोषणा हुई और इसी के तहत 21 दिसंबर को चुना गया
- . लेकिन आर्च स्पैन का काम अप्रैल 2021 में पूरा हुआ
- . जून 2022 में 90 प्रतिशत काम पूरा हुआ
- . अगस्त 2022 में इस ब्रिज का उद्घाटन किया गया
- . ट्रैक लगाने का काम फरवरी 2023 में शुरू किया गया
- . जून 2024 में ट्रेन का ट्रायल किया गया
अब जानते है इसमें काम करने वाले कंपनी तथा लोगो के बारे में | कहते है की इसमें अमेरिका से लेकर UK की कंपनियों ने काम किया है| इस प्रोजेक्ट का प्रोजेक्ट कॉन्ट्रेक्टर अल्ट्रा वीएस एफकांस कंपनी है| ब्रिज का डिजाइनिंग का काम फीनलैंड की कंपनी पेका ब्रिज के डिजाइनर थे| और आर्च पार्ट के लिए जर्मन के इंजिनियर HOFF ने इसे डिजाइन किया था| फाउन्डेशन प्रोडक्शन UK की कंपनी URS और ब्लास प्रूफ स्ट्रक्चर के लिए DRDO को यह काम सौपा गया | तथा स्लोप स्टेबिलिटी एनालिसिस IIT दिल्ली और अमेरिकी कंपनी ITASCA ने किया |
यह ब्रिज रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता का भूकंप झेल सकता है | इस ब्रिज से फायदा यह है की इससे कश्मीर के टूरिज्म में वृद्धि होगी उसके साथ साथ इससे सेना तक आसानी और तेजी के साथ हथियार पहुँचाया जा सकता है और एक्सपोर्ट को भी इससे फायदा होगा | यह ब्रिज किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है आप भी एक बार जरुर इसे देखने जाये |
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