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ToggleBhunjia Tribe Chhattisgarh | भुंजिया जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य
Bhunjia Tribe Chhattisgarh : भुंजिया जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक बहुत ही ख़ास और प्रमुख जनजाति समुदाय है | Bhunjia Tribe छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे प्रमुख जनजातियो में से एक है यह जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य में अपनी विशिष्ट संस्कृति और कलात्मकता के लिए जानी जाती है | यह जनजाति के लोगो आजके समय में सिर्फ एक मिथ्या मानी जाने वाली चीज़ जादूटोना पर बहुत ही विश्वास करती है |
Bhunjia Tribe समुदाय प्रकृति को ही अपना सब कुछ मानती है और यही से अपने जीवन यापन की चीज़े एकत्र करती है | ऐसा कहना गलत नही होगा की इस जनजाति के लोग आज के समय में भी प्रकृति और जंगलो पर निर्भर रहते है और यही इनकी खास बात है | आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से इसी समुदाय के बारे में जानने की कोशिश करेंगे |
छत्तीसगढ़ में किन किन जिलो में निवास करती है
Bhunjia Tribe छत्तीसगढ़ राज्य छत्तीसगढ़ राज्य की एक प्रमुख जनजाति समुदाय है | इस जनजाति के लोग अपनी कला और संस्कृत के लिए पुरे प्रदेश भर में जानी जाती है | Bhunjia Tribe के लोग अपने शरीर पर टैटू बनवाते है और यह उनकी बहुत ही ख़ास बात है इस गोदने में वे कई तरह की आकृति बनवाते है जो उनकी मान्यताओ से जुडी होती है | ये जनजाति समुदाय छत्तीसगढ़ राज्य के कई राज्यों ने निवास करती है जिनमे गरियाबंद , महासमुंद , धमतरी शामिल है ये यहाँ के मूल निवासी है |
साल 2011 में हुए जनगणना में इस समुदाय की जनसंख्या पुरे छत्तीसगढ़ में 10 हजार 603 थी जो बढ़ गयी है | Bhunjia janjati का लिंगानुपात 1029 है इस जनजाति की कुल साक्षरता दर 50.93 पप्रतिशत है जिसमे पुरुषो की साक्षरता दर 64.19 प्रतिशत और महिलाओ की साक्षरता दर 38.04 प्रतिशत है |
भुंजिया जनजाति की देवी देवता
Bhunjia janjati छत्तीसगढ़ राज्य की बहुत प्रमुख और पिछड़ी हुयी जनजाति है | Bhunjia Tribe की भाषा आमतौर पर हिंदी ही है लेकीन इनकी बोली छत्तीसगढ़ी एवं भुंजिया है जो इंडो – आर्यन भाषा से मिलती जुलती है | इनके प्रमुख देवी देवताओ में बुढादेव , ठाकुरदेव , भैसासुर , बूढीमाई , काना भैरा , कालाकुवर , डूमादेव आदि है | आमतौर पर इनके द्वारा पोला , हरेली दिवाली दशहरा , नवाखानी आदि पर्व भी मनाया जाते है |
भुंजिया जनजाति के प्रचलित लोकगीत व् नृत्य
भुंजिया जनजाति अपनी लोककला और संस्कृति के लिए पुरे प्रदेश भर में जानी जाती है यह जनजाति समुदाय धमतरी , महासमुंद , और गरियाबंद जिले के मूल निवासी माने जाते है | Bhunjia Tribe के लोग सफाई का बहुत ही विशेष ध्यान रखते है ये पाने घर को बहुत ही साफ़ रकहते है | इस समुदाय के लोग कई तरह की लोक गीत भी गाते है जैसे शादी ब्याह के अवसर में बिहावगीत , दिवाली के पर्व में पडकी गीत , राम सप्ताह , बिहाव नृत्य आदि लोकगीत और नृत्य प्रचलित है |
भुंजिया जनजाति की कृषि
Bhunjia Tribe छत्तीसगढ़ राज्य की एक बहुचर्चि जनजाति समुदाय है | Bhunjia janjati स्वच्छता के लिए पुरे प्रदेश भर में जानी जाती है इस जनजाति के लोग साफ़ सफाई का बहुत ही ध्यान रखते है | इस जनजाति के लोग मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है | इनका मुख्य फसल धान , कोदो , कुटकी , उड़द , तिल , मक्का , आदि है | ये वनों पर भी अपनी जीविका के लिए बहुत निर्भर रहते है ये वनों से महुआ , चार तेंदू , गोंद , लाख आदि एकत्र करते है इन्हें बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा कमाते है |
भुंजिया जनजाति की कुछ ख़ास बातें
- भुंजिया जनजाति के लोग मूल रूप से गरियाबंद , धमतरी , और महासमुंद जिले में निवास करते है |
- भुंजिया जनजाति के लोग जादू टोना आदि पर भी विश्वास करते है |
- इस जनजाति के लोग कछुए को भगवान की चरण पादुका मानते है |
- भुंजिया जनजाति के लोग अपने घरो की साफ़ सफाई का बहुत ध्यान रखते है | इस जनजाति के लोगो के घरो में अलग से रांधा घर होता है जिसे लाल बंगला कहा जाता है |
- इस जनजाति के लोग अपने घरो को मिटटी से बनाते है और हर रोज अपने घर के फर्श को गोबर और मिटटी से लिपते है |
- इस जनजाति के महिलाये अपने शरीर पर गोदना गुदवाती है | और जायदातर गोदान सर्दियों के मौसम में ही बनवाते है | ये अपने गोदने में फूलो के अलग अलग डिजाइन बनवाते है |
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