accordion : अकोर्डियन
अकोर्डियन एक प्रकार का वाद्ययंत्र है| जिसे संगीत पेटी के नाम से भी जाना जाता है| और यह एक प्रमुख पाश्चात्य या प्राचीन वाद्ययंत्र है| किन्तु इसका उपयोग बहुत से संगीत में किया जाता है| इसको चलाने या बजाने के लिए अपने हाथ के उंगलियों का उपयोग करना पड़ता है| बेलो को खींचकर ध्वनी पैदा की जाती है| इसका का अविष्कार 19 वी शताब्दी में यूरोप में हुआ था| इसके निम्न प्रमुख भाग है :-
- किबोर्ड जैसा बटन होता है जिसे दायें हाथ से बजाया जाता है इससे मुख ध्वनी या धुन उत्पन्न होती है|
- बेलो जो है वो बिच का भाग होता है| जो हवा को बाहर और अन्दर करता है जिससे ध्वनी उत्पन्न होती है|
- बेस बटन को बाएं हाथ से बजाया जाता है| यह बेस लाइन पैदा करता है|
about accordion : अकोर्डियन के बारे में
accordion जो है 19 वी सदी के प्रारंभ से ही यूरोप से जुड़ा हुआ है| अकोर्डियन का प्रारंभिक स्वरूप हैन्डोलियन को कहा जाता है क्योंकि सबसे पहले 1822 में जर्मनी के बर्लिन शहर में क्रिश्चियन फ्रेडरिक लुडविग बुशमैन ने इस वाद्ययंत्र का अविष्कार किया था| और उसके बाद 1829 कोई वियना, आस्ट्रिया के सायरिन डेमियन ने एक वाद्ययंत्र का पेटेंट करवाया जिसे अकोर्डियन कहा| इन्होने दोनों हाथो से बजाये जाने वाले इस वाद्ययंत्र में बेस बटन और किबोर्ड जैसे बटन का समायोजन अकोर्डियन में किया|
1830-1840 के बिच accordion ने यूरोप के विभिन्न भागो में तेजी से विस्तार किया और लोकप्रियता प्राप्त किये| अकोर्डियन को बजाना आसान था इसलिए इसे लोक संगीत तथा सामाजिक आयोजनों में प्रमुख रूप से उपयोग होने लगा| फ़्रांस, इटली और रूस में 1840 के बाद इसमें अभूत से विकास और सुधार भी हुए| बहुत से लोगो ने अपने अपने तरीको से इसमें विकास किया| जैसे रूस में बायन अकोर्डियन का विकास हुआ और उसमे बहुत से जटिल बटन थे|
उसके बाद 1900-1950 यह ऐसा दशक रहा जिसमे अकोर्डियन का इस्तेमाल व्यापक रूप में होने लगा और लोकप्रिय संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बहुतायत में उपयोग होने लगा| इसे फिल्मो में और रेडिओ में भी शामिल किया जाने लगा| फिर सन 1950 के बाद तकनिकी संगीत यंत्रो की मांग बढ़ने के बावजूद अकोर्डियन अपनी विशेस ध्वनी की वजह से संगीतकारो के बिच अपनी जगह बनाये रखा| आज के समय में अकोर्डियन का उपयोग संगीत शैलियों में किया जा रहा है| इसे कैसे बजाना है यह भी बहुत से महाविद्यालयों में सिखाया जाता है|
accordion day : अकोर्डियन दिवस
प्रत्येक वर्ष 23 मई को अकोर्डियन दिवस मनाया जाता है| अकोर्डियन दिवस मनाने के पीछे प्राचीन और सांस्कृतिक कारण है| आज के दिन को विश्व accordion day के रूप में मनाया जाता है| 23 मई 1829 को सायरिन डेमियन ने अकोर्डियन का पेटेंट कराया इसलिए इस दिन औपचारिक अविष्कार के रूप में मनाया जाता है|
अकोर्डियन का इस्तेमाल बहुत से संगीत शैलियों में किया जाता है| जितना इसका महत्त्व प्राचीन समय में था उतना ही आज के समय भी है| क्योंकि इससे उत्पन्न होने वाली संगीत बहुत ही सुन्दर और मधुर होती है| इसकी आवाज इलेक्ट्रोनिक यंत्र की अपेक्षा प्राकृतिक होती है| इस दिन को मनाने का उद्देश्य संगीतकारो और संगीत प्रेमियों के बिच इसके महत्त्व को बनाये रखना तथा लोगो में इसके महत्त्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है|
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