about Oppenheimer : ओपेनहाइमर के बारे में
ओपेनहाइमर जिसे आप लोग जानते ही होंगे क्यों ? क्योंकि 2023 में इस नाम से एक फिल्म आई थी जो बहुत फेमस हुई थी और ऑस्कर अवार्ड भी जीता था| लेकिन आज हम जानेंगे ओपेनहाइमर के बारे में सबकुछ आखिर वह कौन थे और इन्हें परमाणु बम के पिता क्यों कहा जाता है| इनका पूरा नाम जे. रोबर्ट ओपेनहाइमर है| और इनका जन्म 22 अप्रैल 1904 को न्यूयार्क शहर में हुआ इनके पिता जुलियस ओपेनहाइमर थे और माता एला फ़्राईडमैन थी, जो एक पेंटर थी|
education of Oppenheimer : ओपेनहाइमर की शिक्षा
about Oppenheimer: रोबर्ट ने स्नातक की पढाई हार्वर्ड विश्वविद्यालय से किया और फिर उसके बाद कैम्ब्रिज और गौंटीगेन विश्वविद्यालय में भी पढाई किये | क्वांटम यांत्रिकी के क्षेत्र में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी PHD 1927 पूरा किये |
Manhattan project : मैनहट्टन प्रोजेक्ट
अपनी पढाई पूरी करने के बाद रोबर्ट कैलिफोर्निया, बर्कले विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी बने | उसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के समय ओपेनहाइमर को मैनहट्टन प्रोजेक्ट का वैज्ञानिक निदेशक बनाया गया| और इस प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य परमाणु बम का विकास करना था| 1943 में मैक्सिको के लॉस एलामोस में राष्ट्रिय लेबोरटरी बनाने का निर्णय लिया गया |
उसके बाद इस प्रोजेक्ट में जुड़े जितने भी वैज्ञानिक थे सब इस प्रोजेक्ट में जूट गए और काम शुरू कर दिया गया| 3 साल बाद इस प्रोजेक्ट का सफल परिक्षण किया गया ,और इस परिक्षण का नाम ट्रिनिटी रखा | मैनहट्टन प्रोजेक्ट के जरिये इन्होने परमाणु बम का विकास किया इसलिए इन्हें परमाणु बम का पिता कहा जाने लगा|
जब परमाणु बम का परिक्षण होना था तो Oppenheimer बहुत टेंशन में थे और जब इसका सफल परिक्षण हुआ तो उन्होंने देखा की यह उनकी उम्मीद से 50 गुना ज्यादा खतरनाक साबित हुआ | चारो तरफ धुंए का सैलाब था और रिपोर्ट में बताया गया था की यह धमाका 15 से 20 हजार टन TNT जितना हुआ था| और इससे इतनी गर्मी निकली की स्टील के टावर तक पिघलने लग गए थे| और इसका धुएं का गुबार 12 किलोमीटर तक ऊपर गया था| यह सब देखकर ओपेनहाइमर चिंतित हो गए और उन्होंने कहा की ‘ अब मैं दुनिया को ख़त्म करने वाला मौत बन गया हूँ ‘ |
ओपेनहाइमर का पछतावा : Oppenheimer’s regrets
जब परमाणु बम का सफल परिक्षण की गया तो उसके लगभग 3 सप्ताह बाद अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिराए जिससे करीब 2 लाख लोग मारे गए थे| 6 अगस्त , 9 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी जगह में परमाणु बम गिराया गया था|
फिर अक्तूबर 1945 को ओपेनहाइमर और अमेरिका के राष्ट्रपति के बिच मुलाकात हुई और Oppenheimer ने कहा की वे ऐसा महसूस कर रहे है जैसे उनके हाथ खून से रंगे हुए है और इतना सुनते ही राष्ट्रपति ने उन्हें बाहर निकाल दिया | उसके बाद ओपेनहाइमर ने अमेरिका सरकार के उठाये गए ऐसे कदम का बहुत विरोध कर रहे थे| 1954 को ओपेनहाइमर पर रूस का जासूस होने का आरोप लगाया गया|
ओपेनहाइमर की मृत्यु : Oppenheimer’s death
मृत्यु से पहले इन्हें अपना जीवन एक देशद्रोही के रूप में जीना पड़ा अमेरिका सरकार ने उन्हें सिक्यूरिटी clearance भी नहीं दिया और उन्हें टॉप scientist के लिस्ट से भी बाहर कर दिया था |ओपेनहाइमर की मृत्यु 18 फरवरी 1967 को प्रिंसटन में गले के कैंसर की वजह से मौत हो गयी|
उनकी मौत से एक साल पहले 1966 को ओपेनहाइमर को परमाण्विक उर्जा कमीशन का सर्वोच्च सम्मान एनरीको फर्मी अवार्ड दिया गय, जिसे राष्ट्रपति लिंडन बी जॉन्सन के हाथो से सम्मानित किया गया था| ओपेनहाइमर के मृत्यु के 55 वर्ष बाद 2022 को अमेरिका सरकार ने उनकी वफ़ादारी पहचानी और उनका सिक्यूरिटी clearance भी अप्रूवल किया गया|
ऐसे ही और अधिक महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे :- sujhaw24.com
Join Whatsapp Group | |
Join Telegram Channel |
यह भी पढ़े :-
1.monsoon vegetables : देखिये मानसून में कौन कौन सी सब्जियां खानी चाहिए और कौन सी नहीं
3.The Mystery of Mount Kailash : कैलाश पर्वत का रहस्य जानकर आप भी हो जाओगे हैरान क्या है खास
4.increase in MSP : देखिये न्यूनतम समर्थन मूल्य में कितनी बढ़ोतरी हुई है अब होगा किसानो को फायदा
5.Indian post recruitment : भारतीय डाक विभाग में निकली 35000 भर्ती